दुमका: सबका साथ, सबका विकास का नारा तो सरकार दे देती है लेकिन नारा देने के बाद लोगों का विकास करना है यह शायद सरकार याद रखना भूल जाती है. लोगों को विकास का भरोसा दिलाने के लिए सरकार को योजनाओं का शिलान्यास करना ही याद रहता है, सरकार भूलती है तो उन योजनाओं को पूरा करना. दुमका में बनने वाले खादी पार्क को देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है.
सरकार कोई हो सबका रूख एक
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार कोई भी आए नीयत में किसी के बदलाव नहीं होता. बता दें कि जिले के दुधनी पंचायत में बनने वाले इस खादी पार्क का शिलान्यास सबसे पहले 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था, लेकिन खादी पार्क के शिलान्यास के तीन वर्षों बाद भी जब काम की शुरूआत नहीं हो सकी तो 2017 में संजय सेठ जो तत्कालीन झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन थे उन्होंने और कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने एक बार फिर खादी पार्क के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया, लेकिन नतीजा जस का तस ही रहा. काम शुरू भी हुआ तो इतनी मंद गति से काम चल रहा है कि इसे बनने में ही वर्षों लग जाएंगे.
क्या था खादी पार्क निर्माण का उद्देश्य
इसका उद्देश्य था कि इस पार्क में खादी वस्त्रों और अन्य सामानों का निर्माण हो जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और खादी के लिए एक बड़े बाजार का निर्माण हो सके.
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ग्रामिणों की क्या है राय
इस खादी पार्क का शिलान्यास हुआ था तो दुधानी पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि इसका निर्माण होगा और उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है जिससे स्थानीय लोगों में काफी निराशा है.
विपक्षी दल भी कर रहे हैं आलोचना
खादी पार्क के दो बार भूमि पूजन के बाद भी जब काम पूरा नहीं हुआ है तो विपक्षी दल को भी आलोचना का मौका मिल गया है. इस बारे में झाविमो जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि योजनाओं की के पूर्ण होने की समय सीमा नहीं है, यह काफी दुखद है.
क्या कहते हैं पंचायत समिति के सदस्य
इस खादी पार्क का निर्माण खादी ग्रामोद्योग बोर्ड कर रही है. ऐसे में इसके कार्यों की मॉनिटरिंग रांची से होती है. लेकिन इतनी मंद गति से चल रहे काम के कारण दुधानी पंचायत के पंचायत समिति सदस्यों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बारे में पंचायत समिति के सदस्य विनोद शाश्वत कहते हैं कि ग्रामीण हमेशा यह सवाल करते हैं कि आखिरकार कब पूरा होगा और कब हमें इसका लाभ मिलेगा लेकिन मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं रहता. ऐसे में वे सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य पूरा हो ताकि जनता की उम्मीद कायम रहे.
विकास योजनाओं में चल रही देरी के कारण इसकी उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है तो वहीं निर्माण राशि भी दिन व दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि नए शिलान्यास करने से पहल सरकार अधूरे कामों को पूरा करने की पहल करे.