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सरकारें आई और गई खादी पार्क की नहीं बदली तकदीर, आज भी इसके पूर्ण होने की बाट जोह रहे हैं ग्रामीण

दुमका में पिछले 6 वर्षों से खादी पार्क का निर्माण हो रहा है लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हो पाया है. सबसे बड़ी बात है कि दो-दो सरकार के कार्यकाल में भी इस पार्क की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हो पाया है.

दुमका खादी पार्क का निर्माण
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Published : Sep 21, 2019, 10:19 PM IST

दुमका: सबका साथ, सबका विकास का नारा तो सरकार दे देती है लेकिन नारा देने के बाद लोगों का विकास करना है यह शायद सरकार याद रखना भूल जाती है. लोगों को विकास का भरोसा दिलाने के लिए सरकार को योजनाओं का शिलान्यास करना ही याद रहता है, सरकार भूलती है तो उन योजनाओं को पूरा करना. दुमका में बनने वाले खादी पार्क को देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है.

देखें यह खबर

सरकार कोई हो सबका रूख एक
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार कोई भी आए नीयत में किसी के बदलाव नहीं होता. बता दें कि जिले के दुधनी पंचायत में बनने वाले इस खादी पार्क का शिलान्यास सबसे पहले 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था, लेकिन खादी पार्क के शिलान्यास के तीन वर्षों बाद भी जब काम की शुरूआत नहीं हो सकी तो 2017 में संजय सेठ जो तत्कालीन झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन थे उन्होंने और कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने एक बार फिर खादी पार्क के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया, लेकिन नतीजा जस का तस ही रहा. काम शुरू भी हुआ तो इतनी मंद गति से काम चल रहा है कि इसे बनने में ही वर्षों लग जाएंगे.

क्या था खादी पार्क निर्माण का उद्देश्य
इसका उद्देश्य था कि इस पार्क में खादी वस्त्रों और अन्य सामानों का निर्माण हो जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और खादी के लिए एक बड़े बाजार का निर्माण हो सके.

यह भी पढ़ें- पाकुड़ः जन आशीर्वाद यात्रा में गरजे रघुवर, बोले- संथाल में गरीबी देखकर उनका खून खौलता है

ग्रामिणों की क्या है राय
इस खादी पार्क का शिलान्यास हुआ था तो दुधानी पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि इसका निर्माण होगा और उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है जिससे स्थानीय लोगों में काफी निराशा है.

विपक्षी दल भी कर रहे हैं आलोचना
खादी पार्क के दो बार भूमि पूजन के बाद भी जब काम पूरा नहीं हुआ है तो विपक्षी दल को भी आलोचना का मौका मिल गया है. इस बारे में झाविमो जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि योजनाओं की के पूर्ण होने की समय सीमा नहीं है, यह काफी दुखद है.

क्या कहते हैं पंचायत समिति के सदस्य
इस खादी पार्क का निर्माण खादी ग्रामोद्योग बोर्ड कर रही है. ऐसे में इसके कार्यों की मॉनिटरिंग रांची से होती है. लेकिन इतनी मंद गति से चल रहे काम के कारण दुधानी पंचायत के पंचायत समिति सदस्यों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बारे में पंचायत समिति के सदस्य विनोद शाश्वत कहते हैं कि ग्रामीण हमेशा यह सवाल करते हैं कि आखिरकार कब पूरा होगा और कब हमें इसका लाभ मिलेगा लेकिन मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं रहता. ऐसे में वे सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य पूरा हो ताकि जनता की उम्मीद कायम रहे.

विकास योजनाओं में चल रही देरी के कारण इसकी उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है तो वहीं निर्माण राशि भी दिन व दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि नए शिलान्यास करने से पहल सरकार अधूरे कामों को पूरा करने की पहल करे.

दुमका: सबका साथ, सबका विकास का नारा तो सरकार दे देती है लेकिन नारा देने के बाद लोगों का विकास करना है यह शायद सरकार याद रखना भूल जाती है. लोगों को विकास का भरोसा दिलाने के लिए सरकार को योजनाओं का शिलान्यास करना ही याद रहता है, सरकार भूलती है तो उन योजनाओं को पूरा करना. दुमका में बनने वाले खादी पार्क को देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है.

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सरकार कोई हो सबका रूख एक
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार कोई भी आए नीयत में किसी के बदलाव नहीं होता. बता दें कि जिले के दुधनी पंचायत में बनने वाले इस खादी पार्क का शिलान्यास सबसे पहले 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था, लेकिन खादी पार्क के शिलान्यास के तीन वर्षों बाद भी जब काम की शुरूआत नहीं हो सकी तो 2017 में संजय सेठ जो तत्कालीन झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन थे उन्होंने और कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने एक बार फिर खादी पार्क के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया, लेकिन नतीजा जस का तस ही रहा. काम शुरू भी हुआ तो इतनी मंद गति से काम चल रहा है कि इसे बनने में ही वर्षों लग जाएंगे.

क्या था खादी पार्क निर्माण का उद्देश्य
इसका उद्देश्य था कि इस पार्क में खादी वस्त्रों और अन्य सामानों का निर्माण हो जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और खादी के लिए एक बड़े बाजार का निर्माण हो सके.

यह भी पढ़ें- पाकुड़ः जन आशीर्वाद यात्रा में गरजे रघुवर, बोले- संथाल में गरीबी देखकर उनका खून खौलता है

ग्रामिणों की क्या है राय
इस खादी पार्क का शिलान्यास हुआ था तो दुधानी पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि इसका निर्माण होगा और उन्हें रोजगार मिलेगा. लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है जिससे स्थानीय लोगों में काफी निराशा है.

विपक्षी दल भी कर रहे हैं आलोचना
खादी पार्क के दो बार भूमि पूजन के बाद भी जब काम पूरा नहीं हुआ है तो विपक्षी दल को भी आलोचना का मौका मिल गया है. इस बारे में झाविमो जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि योजनाओं की के पूर्ण होने की समय सीमा नहीं है, यह काफी दुखद है.

क्या कहते हैं पंचायत समिति के सदस्य
इस खादी पार्क का निर्माण खादी ग्रामोद्योग बोर्ड कर रही है. ऐसे में इसके कार्यों की मॉनिटरिंग रांची से होती है. लेकिन इतनी मंद गति से चल रहे काम के कारण दुधानी पंचायत के पंचायत समिति सदस्यों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बारे में पंचायत समिति के सदस्य विनोद शाश्वत कहते हैं कि ग्रामीण हमेशा यह सवाल करते हैं कि आखिरकार कब पूरा होगा और कब हमें इसका लाभ मिलेगा लेकिन मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं रहता. ऐसे में वे सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य पूरा हो ताकि जनता की उम्मीद कायम रहे.

विकास योजनाओं में चल रही देरी के कारण इसकी उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है तो वहीं निर्माण राशि भी दिन व दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि नए शिलान्यास करने से पहल सरकार अधूरे कामों को पूरा करने की पहल करे.

Intro:दुमका -
झारखंड सरकार में विकास योजनाओं के निर्माण में कोई टाइम फ्रेम देखने को नहीं मिलता । योजना का कब तक पूरी होगी यह देखने वाला कोई नहीं । कुछ ऐसी ही स्थिति है दुमका के खादी पार्क की । सदर प्रखंड के दुधानी पंचायत में 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खादी पार्क की आधारशिला रखी थी । उद्देश्य था इस खादी पार्क में खादी वस्त्रों और अन्य सामानों का निर्माण होना और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करना । तीन वर्षों तक जब उसमें एक भी ईंट नहीं लगी तो फिर से संजय सेठ जो तत्कालीन झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन थे उन्होंने स्थानीय विधायक सह कल्याण मंत्री डॉ लुईस मराण्डी के साथ उसका फिर से भूमि पूजन किया । लेकिन आज लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ । निर्माण कार्य काफी मंथर गति से चल रहा है ।


Body:क्या कहते हैं स्थानीय लोग ।
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जब इस खादी पार्क का शिलान्यास हुआ तो दुधानी पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों को यह उम्मीद जगी कि इसका जल्द निर्माण होगा और हमें कुछ ना कुछ रोजगार मिलेगा । लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ जिससे स्थानीय लोगों में काफी निराशा है । इधर दो बार भूमि पूजन के बाद भी जब काम पूर्ण नहीं हुआ है तो विपक्षी दल को भी आलोचना का एक मौका मिल गया है । दुमका के झाविमो जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि योजनाओं की के पूर्ण होने की समय सीमा नहीं है । यह काफी दुखद है ।

बाईंट - कार्तिक कुमार , ग्रामीण
बाईट - धर्मेंद्र सिंह , जिलाध्यक्ष , झाविमो


Conclusion:रांची से कार्य की हो रही है मॉनिटरिंग ।
------------------------------------------------इस खादी पार्क का निर्माण खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा किया जा रहा है और मॉनिटरिंग रांची से होती है । दुधानी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य विनोद शाश्वत कहते हैं कि ग्रामीण हमेशा मुझसे यह सवाल करते हैं कि आखिरकार कब पूरा होगा और कब हमें इसका लाभ मिलेगा लेकिन इसकी काम की गति काफी धीमी है और हमारे पास कोई जवाब नहीं रहता । वे सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य पूरा हो और यह अपने उद्देश्यों की पूर्ति करें ।

बाईंट - विनोद शाश्वत , पंचायत समिति सदस्य , दुधानी पंचायत दुमका

फाईनल वीओ -
विकास योजनाओं में विलंब होने से कहीं ना कहीं उसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है साथ ही साथ निर्माण की राशि भी बढ़ जाती है । जिस तरह दुमका का खादी पार्क का निर्माण कार्य 6 वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया यह काफी शोचनीय विषय है और सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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