दुमकाः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दुमका रेलवे स्टेशन में बने कोल स्टॉक यार्ड में प्रदूषण को लेकर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. अब उस जुर्माने की राशि से रेलवे साइडिंग पर प्रदूषण को लेकर हुए नुकसान या जो कमियां रह गई है, उसे ठीक किया जाएगा. यह निर्णय झारखंड सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते की अध्यक्षता में एनजीटी से संबंधित ज्वाइंट कमेटी के साथ शुक्रवार को आयोजित बैठक में लिया गया.
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क्या कहा गया बैठक मेंः एनजीटी द्वारा जो 10 करोड़ का फाइन किया गया था, उस फाइन से जो भी नुकसान या कमियां रह गई है उसे ठीक किया जाएगा. कोयला साइडिंग और आसपास के परिधि में वाटर स्प्रिंकलर से छिड़काव एवं प्रदूषण की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपाय की सतत निगरानी, कोयला साइडिंग के परिसर और आवागमन मार्ग या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित सवेंदनशील एरिया में सीसीटीवी लगाये जाने का निदेश दिया गया. कोयला साइडिंग और आसपास की परिधि में प्रदूषण के रोकथाम के लिए डस्ट कलेक्टर लगाने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में ये भी कहा गया कि जो भी कोयला और स्टोन चिप्स साइडिंग में कमियां रही है उसे ठीक किया जाए.
प्रदूषण संबंधित शिकायतों को सुनने और उसे दूर करने के लिए बनेगा सेलः आम लोगों की शिकायत सुनने के लिए बनेगा सेल, एसडीओ और डीसी भी करेंगे. बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि प्रतिदिन आमलोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए अंचलाधिकारी स्तर से सेल बनाया जाएगा, जिसमें एक नम्बर डिस्प्ले किया जाएगा, जो 24×7 कार्य करेगा. वहीं 14 दिन पर एसडीओ स्तर पर और प्रत्येक दो महीने में उपायुक्त के स्तर पर समीक्षा की जाएगी. एक दिन में एक मालवाहक वाहन दो से ज्यादा ट्रिप नहीं करेगी ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे. कच्चे रास्ता को 40-45 फीट चौड़ाई में आरसीसी करने और वहां पर्याप्त विद्युत व्यवस्था की जाएगी.
दुमका सिविल सोसाइटी ने प्रदूषण को लेकर रखी समस्याः इस दौरान दुमका सिविल सोसाइटी के सदस्यों से भी बातचीत की गई. सिविल सोसाइटी ने जानकारी दी कि कोयला साइडिंग की वजह से आसपास के एरिया में प्रदूषण फैल रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. टीम द्वारा उनकी बातों को सुना गया और समाधान को लेकर निर्देश दिया गया. इस बैठक से पूर्व ज्वाइंट कमेटी द्वारा कोयला और स्टोन चिप्स साइडिंग का निरीक्षण किया गया.