दुमका: संथाल परगना प्रमंडल में एसपीटी एक्ट (संथालपरगना काश्तकारी अधिनियम) लगा हुआ है (SPT Act in Santhal Pargana Jharkhand). इसके तहत यहां पर खेतीहर जमीन की खरीद बिक्री नहीं होती है लेकिन, जब भी सरकार की कोई विकास योजना धरातल पर उतारना होता है और चिन्हित भूमि किसी व्यक्ति विशेष का होता है तो सरकार उचित मूल्य देकर जमीन का अधिग्रहण करती है. अब ऐसी भूमि जो अविक्रयशील है (Prices of lands under SPT Act), उनके मूल्य में वृद्धि की गई है.
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क्या है पूरा मामला: संथाल परगना प्रमंडल में काश्तकारी अधिनियम लागू होने की वजह से यहां खेतिहर जमीन अहस्तातंरित है. मतलब इसकी खरीद बिक्री नहीं की जा सकती लेकिन, अगर सरकार को इसकी जरूरत होती है तो वह रैयत को मूल्य चुका कर जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. ऐसे भूमि के मूल्य में वृद्धि की गई है. दुमका के प्रमंडलीय आयुक्त चंद्र किशोर उरांव ने अविक्रयशील कृषि भूमि के न्यूनतम मूल्य निर्धारण की समीक्षा कर उसमें वृद्धि की है. ऐसी भूमि जिसकी उर्वरता अधिक है, उसे धानी-1 और उसके बाद के ग्रेड को धानी-2 के रूप में चिन्हित किया गया है. दोनों ग्रेड के दाम में बढ़ोतरी हुई है.
प्रमंडल के सभी छह जिलों में प्रभावी होगी नई दरें: दाम में बढ़ोतरी के बाद धानी-1 ग्रेड जमीन जिसका मूल्य 2020 में 15 लाख 64 हजार 200 रुपये प्रति हेक्टेयर था. उसे बढ़ाकर 16 लाख 53 हजार 300 रुपये कर दी गई है. वहीं, धानी-ग्रेड का मूल्य 2020 में 11 लाख 73 हजार 150 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख 39 हजार 975 रुपये कर दिया गया है. संथाल परगना प्रमंडल कार्यालय द्वारा इस नई दर की सूची सभी छह जिले दुमका, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, जामताड़ा और पाकुड़ में लागू किये जाने का निर्देश जारी कर दिया गया.
उपज के आधार पर राजस्व विभाग के द्वारा निर्धारित होता है ग्रेड: राजस्व विभाग उपज के आधार पर भूमि का ग्रेड निर्धारित करता है और फिर उसी आधार पर भूमि का मूल्य निर्धारण होता है. इसके लिए प्रमंडल स्तर पर एक कमेटी तैयार है, जिसमें संथाल परगना प्रमंडल के सभी 6 जिले के उपायुक्त शामिल हैं. समिति द्वारा सर्वसम्मति से उक्त दर 14.07.2022 के प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया गया. राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, झारखंड, रांची की अधिसूचना के आलोक में अविक्रयशील कृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारण समिति की ओर से प्रत्येक दो सालों के अंतराल पर किया जाना है.