दुमकाः जिला सिविल कोर्ट कैंपस और कैंपस के बाहर टॉयलेट्स की, कैंटीन की क्या स्थिति है इसकी हमने पड़ताल की. इस पड़ताल में पाया कि एक और जहां शौचालय की व्यवस्था अपर्याप्त है, वहीं वर्षों पहले एक कैंटीन बना था जो लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है. जाहिर है इस व्यवस्था में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ेंः ETV Bharat Ground Report: रांची सिविल कोर्ट में साफ-सफाई और पार्किंग की समस्या से लोग परेशान
क्या है पूरा मामलाः सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने रांची में बुधवार को हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में कहा था कि देश में कई ऐसे कचहरी हैं, जहां महिलाओं के लिए टॉयलेट्स नहीं हैं. अब इस संदर्भ में अगर हम झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो यहां की स्थिति कुछ सुकून प्रदान करने वाली है. यहां व्यवहार न्यायालय कैंपस में दो स्थानों पर शौचालय बना हुआ है. जिसमें एक की स्थिति अच्छी है और वह काम कर रहा है लोगों के द्वारा उसका इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं दूसरे की स्थिति बदहाल है और उसमें ताला लटका नजर आता है, लेकिन कोर्ट की चहारदीवारी के बाहर जहां बार एसोसिएशन की बिल्डिंग के चारों ओर वकील बैठते हैं और उनसे मिलने जो क्लाइंट्स आते हैं, उनके लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे लोगों खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कैंटीन वर्षों से है बंदः कोर्ट के काम से जो भी लोग आते हैं उन्हें काफी समय गुजारना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए जलपान की व्यवस्था जरूरी है. इसी को देखते हुए दुमका कोर्ट कैंपस में एक कैंटीन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन यह कैंटीन वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. यहां के जो वकील हैं उनका कहना है कि कैंटीन का होना काफी आवश्यक है और यह जल्द चालू होना चाहिए.
क्या कहते हैं बार एसोसिएशन के महासचिवः पूरे मामले पर हमने दुमका जिला बार एसोसिएशन के महासचिव राकेश कुमार से बात की, उन्होंने भी माना कि यह कोर्ट कैंपस काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है लेकिन यहां टॉयलेट की व्यवस्था अपर्याप्त है. उन्होंने बताया कि इसके लिए हम लोगों ने काफी प्रयास किया है. वे यह भी मांग करते हैं कि इस तरह की बुनियादी आवश्यकता की पूर्ति जल्द से जल्द हो.
कोर्ट में बुनियादी सुविधाओं का होना आवश्यकः कोई व्यक्ति जब न्यायालय की शरण में आता है तो वह परेशान रहता है. उस वक्त वैसे व्यक्ति को शौचालय, पीने का पानी, भोजन आसानी से उपलब्ध होना चाहिए. इसे देखते हुए सभी कोर्ट परिसर में इन बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था सुनिश्चित करना मनुष्य की जरूरत और मानवता के लिहाज से भी जरूरी प्रतीत होता है.