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तीन साल पहले दो आदिवासी लड़कियों को काम के लिए ले जाया गया था दिल्ली, दोनों गायब

दुमका में मानव तस्करी (Human Trafficking in Dumka ) का मामला उजागर हुआ है. तीन साल पहले दो आदिवासी लड़कियों को काम के लिए दिल्ली ले जाया गया था, जो गायब हैं. इसे लेकर लड़कियों के परिजनों ने शिकारीपाड़ा थाना में मामला दर्ज कराया है.

Human trafficking in Dumka
दुमका में मानव तस्करी के आरोप में नामजद प्राथमिकी दर्ज
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Published : Dec 29, 2021, 7:25 PM IST

दुमकाः झारखंड में मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है. इस समस्या के स्थायी निदान को लेकर जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन अभियान चलाकर मानव तस्कर के खिलाफ कार्रवाई करती है. लेकिन मानव तस्करी का खेल रूक नहीं रहा है. कुछ ऐसा ही मामला दुमका के शिकारीपाड़ा थाना से सामने आया है.

यह भी पढ़ेंः दुमका में 1 महिला तस्कर गिरफ्तार, 2014 में बच्ची को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली में बेचा

वर्ष 2018 में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पोखरिया और मकड़ा पहाड़ी गांव से दो आदिवासी लड़कियों को काम के बहाने दिल्ली ले जाया गया. यह दोनों लड़की अब गायब हो गई है. दोनों लड़कियों के परिजन संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन दोनों लड़कियों से संपर्क नहीं हो रहा है. अब दोनों परिवार वालों ने शिकारीपाड़ा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.

जानकारी देते थाना प्रभारी


मानव तस्कर के खिलाफ कार्रवाई

शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह ने बताया कि दीदीमुनी मरांडी की बेटी मीरु टुडू और दुलार हांसदा की बेटी चांदमुनी मुर्मू काम करने दिल्ली गई थी. दोनों लड़कियों को पंश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला के कार्तिकपुर गांव की आरती हांसदा ले गई थी. थाना प्रभारी ने बताया कि आरती हांसदा के खिलाफ मानव तस्करी से संबंधित शिकायत मिली है. इस शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 370, 371 , 374 , 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

न्याय की लगाई गुहार

बता दें कि दोनों लड़कियों को आरती हांसदा ने रामपुरहाट रलवे स्टेशन से दिल्ली ले गई. शुरुआती दिनों में परिवार वाले फोन करते तो आरती दोनों लड़कियों से बात करवा देती थी. लेकिन कुछ माह बाद से आरती अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर ली. इसके बाद दोनों लड़कियों के परिजन पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है.

दुमकाः झारखंड में मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है. इस समस्या के स्थायी निदान को लेकर जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन अभियान चलाकर मानव तस्कर के खिलाफ कार्रवाई करती है. लेकिन मानव तस्करी का खेल रूक नहीं रहा है. कुछ ऐसा ही मामला दुमका के शिकारीपाड़ा थाना से सामने आया है.

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वर्ष 2018 में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पोखरिया और मकड़ा पहाड़ी गांव से दो आदिवासी लड़कियों को काम के बहाने दिल्ली ले जाया गया. यह दोनों लड़की अब गायब हो गई है. दोनों लड़कियों के परिजन संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन दोनों लड़कियों से संपर्क नहीं हो रहा है. अब दोनों परिवार वालों ने शिकारीपाड़ा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.

जानकारी देते थाना प्रभारी


मानव तस्कर के खिलाफ कार्रवाई

शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह ने बताया कि दीदीमुनी मरांडी की बेटी मीरु टुडू और दुलार हांसदा की बेटी चांदमुनी मुर्मू काम करने दिल्ली गई थी. दोनों लड़कियों को पंश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला के कार्तिकपुर गांव की आरती हांसदा ले गई थी. थाना प्रभारी ने बताया कि आरती हांसदा के खिलाफ मानव तस्करी से संबंधित शिकायत मिली है. इस शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 370, 371 , 374 , 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

न्याय की लगाई गुहार

बता दें कि दोनों लड़कियों को आरती हांसदा ने रामपुरहाट रलवे स्टेशन से दिल्ली ले गई. शुरुआती दिनों में परिवार वाले फोन करते तो आरती दोनों लड़कियों से बात करवा देती थी. लेकिन कुछ माह बाद से आरती अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर ली. इसके बाद दोनों लड़कियों के परिजन पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है.

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