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दुमका में रोजगार सृजन की दिशा में सार्थक पहल, बंद खदान के तालाब में मछली पालन किया शुरू

दुमका में रोजगार सृजन की दिशा में सार्थक पहल हुई है. इसको लेकर जिला के दर्जनों बंद और पुराने पत्थर खदान के पानी का सदुपयोग किया जा रहा है. इन बंद खदान में मछली पालन शुरू की जा रही है.

Fish farming started in ponds of closed stone mines in Dumka
दुमका
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Published : Jun 24, 2022, 4:18 PM IST

दुमकाः जिला में दर्जनों ऐसे पुराने पत्थर खदान हैं, जिसमें पत्थर का उत्खनन बंद हो चुका है और उसमें 40 से 50 फीट तक पानी भरा हुआ है. अब तक इस पानी का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा था. खास बात यह भी है कि भले ही गांव के सभी तालाब भीषण गर्मी में सूख जाते हों पर इस पत्थर खदान में भरा पानी कभी नहीं सूखता. ऐसे में अब इस पानी का सदुपयोग किया जाएगा. वर्षों तक लोगों को रोजगार देने वाला यह पत्थर खदान फिर से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाएगा. एक नई योजना के तहत मत्स्य विभाग द्वारा इसमें मछली पालन शुरू किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- ग्रामीणों की जीविका का जरिया बनेंगी बंद पत्थर की खदानें, मछली पालन को प्रशासन दे रहा बढ़ावा

दुमका में रोजगार को लेकर प्रशासन की ओर से सार्थक पहल हुई है. जिसके तहत बंद पत्थर खदान के जल में मछली पालन का कार्य शुरू किया गया है. दुमका के रानीश्वर प्रखंड के नंदना गांव में स्थित पत्थर के बंद खदान में मछली पालन का काम शुरू किया गया. यहां केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन किया जाएगा. इसकी शुरुआत दुमका उपायुक्त रविशंकर शुक्ला (Dumka DC Ravi Shankar Shukla) और विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर की. यहां लगाए गए 24 केज में मछली की तीन प्रजातियां पंगास, मोनोसेक्स और तिलापिया के स्पॉन डाले गए. इसकी कुल लागत लगभग 37 लाख रुपये है. विभाग की मानें तो आठ माह के अंदर लगभग 70 टन मछली तैयार हो जाएगा.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं उपायुक्तः झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित नंदना गांव में इस नई योजना के शुरुआत के बाद उपायुक्त ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आप इस पर काफी मेहनत करें, कोई भी योजना शुरू करना ज्यादा कठिन नहीं होता जबकि उसे बरकरार रखने के लिए मेहनत ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि आप इस पर अधिक से अधिक समय दें यह आपको और आपके परिवार को आजीविका प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक बाजार की बात है तो कहां आपकी मछली का उचित मूल्य प्राप्त होगा इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगी

Fish farming started in ponds of closed stone mines in Dumka
कार्यक्रम का शुभारंभ करते डीसी

स्थानीय लोगों में खुशी की लहरः मछली पालन योजना की शुरुआत अपने यहां देख स्थानीय लोग काफी खुश हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सीधे रोजगार प्रदान करने वाली योजना है. एक कमिटी बनाकर शुरुआत में इससे गांव के 24 लोग जुड़े हैं. उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने बंद पड़े खदान में मछली पालन काफी सकारात्मक शुरुआत है. दुमका के लोगों को ताजा मछली का लाभ मिलेगा, साथ ही बगल में पश्चिम बंगाल का बाजार है तो पालकों को मछली का अच्छा मूल्य प्राप्त होगा, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.

दुमकाः जिला में दर्जनों ऐसे पुराने पत्थर खदान हैं, जिसमें पत्थर का उत्खनन बंद हो चुका है और उसमें 40 से 50 फीट तक पानी भरा हुआ है. अब तक इस पानी का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा था. खास बात यह भी है कि भले ही गांव के सभी तालाब भीषण गर्मी में सूख जाते हों पर इस पत्थर खदान में भरा पानी कभी नहीं सूखता. ऐसे में अब इस पानी का सदुपयोग किया जाएगा. वर्षों तक लोगों को रोजगार देने वाला यह पत्थर खदान फिर से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाएगा. एक नई योजना के तहत मत्स्य विभाग द्वारा इसमें मछली पालन शुरू किया जा रहा है.

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दुमका में रोजगार को लेकर प्रशासन की ओर से सार्थक पहल हुई है. जिसके तहत बंद पत्थर खदान के जल में मछली पालन का कार्य शुरू किया गया है. दुमका के रानीश्वर प्रखंड के नंदना गांव में स्थित पत्थर के बंद खदान में मछली पालन का काम शुरू किया गया. यहां केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन किया जाएगा. इसकी शुरुआत दुमका उपायुक्त रविशंकर शुक्ला (Dumka DC Ravi Shankar Shukla) और विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर की. यहां लगाए गए 24 केज में मछली की तीन प्रजातियां पंगास, मोनोसेक्स और तिलापिया के स्पॉन डाले गए. इसकी कुल लागत लगभग 37 लाख रुपये है. विभाग की मानें तो आठ माह के अंदर लगभग 70 टन मछली तैयार हो जाएगा.

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क्या कहते हैं उपायुक्तः झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित नंदना गांव में इस नई योजना के शुरुआत के बाद उपायुक्त ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आप इस पर काफी मेहनत करें, कोई भी योजना शुरू करना ज्यादा कठिन नहीं होता जबकि उसे बरकरार रखने के लिए मेहनत ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि आप इस पर अधिक से अधिक समय दें यह आपको और आपके परिवार को आजीविका प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक बाजार की बात है तो कहां आपकी मछली का उचित मूल्य प्राप्त होगा इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगी

Fish farming started in ponds of closed stone mines in Dumka
कार्यक्रम का शुभारंभ करते डीसी

स्थानीय लोगों में खुशी की लहरः मछली पालन योजना की शुरुआत अपने यहां देख स्थानीय लोग काफी खुश हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सीधे रोजगार प्रदान करने वाली योजना है. एक कमिटी बनाकर शुरुआत में इससे गांव के 24 लोग जुड़े हैं. उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने बंद पड़े खदान में मछली पालन काफी सकारात्मक शुरुआत है. दुमका के लोगों को ताजा मछली का लाभ मिलेगा, साथ ही बगल में पश्चिम बंगाल का बाजार है तो पालकों को मछली का अच्छा मूल्य प्राप्त होगा, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.

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