दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका का फायर स्टेशन कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. यहां दमकल की संख्या पांच हैं, जिसमें फोम टेंडर एक और वाटर टेंडर 4 है, लेकिन इन पांच दमकल को चलाने वाले ड्राइवर सिर्फ दो ही है. इसके साथ ही फायरमैन और हवलदार की भी कमी है. इसकी वजह से कार्य निष्पादन में परेशानी होती है. कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि कहीं अग्निकांड की बड़ी घटना हो जाती है, तो वहां 4-5 दमकल भेजने की आवश्यकता होती है, लेकिन उस वक्त एक बार में दो ही दमकल भेजने की स्थिति में विभाग रहता है. जिससे काफी परेशानी उठाना पड़ता है. दुमका में ऐसे भी अग्निकांड हुए है जब सीमावर्ती देवघर जिला से दमकल मंगाना पड़ा है.
धार्मिक स्थलों का जिला है दुमका
दुमका में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बासुकीनाथ मंदिर है, जहां सालों भर श्रद्धालु पहंचते रहते हैं. मलूटी मंदिर में भी सैलानियों के आना लगा रहता है. इसके साथ ही साथ दुमका उपराजधानी होने की वजह से वीआईपी मूवमेंट भी काफी अधिक रहता है. ऐसे में यहां फायर स्टेशन में पर्याप्त कर्मियों का होना अति आवश्यक है, ताकि जरूरत पड़ने पर कोई अनहोनी न हो.
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दीपावली के समय बढ़ जाता है आग लगने का खतरा
आमतौर पर देखा जाता है कि दीपावली में पटाखे की चिंगारी से आग लगने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में फायर ब्रिगेड का पूरी तरह से मुस्तैद होना अतिआवश्यक है.
क्या कहते हैं अधिकारी
दुमका फायर स्टेशन के इंचार्ज रवि रंजन सिंह ने जानकारी दी कि कर्मियों की कमी है, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने यह कहते हुए कुछ भी बोलने से इनकार किया कि हम बयान देने के लिए अधिकृत नहीं है. इधर, एसपी अंबर लकड़ा ने कहा कि चालक और अन्य कर्मियों की जो कमी है उसके लिए विभागीय स्तर पर पत्राचार किया गया है. जल्द ही इस दिशा में आवश्यक पहल होगी.