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Dumka News: दुमका सांसद सुनील सोरेन ने तीन महत्वपूर्ण सड़कों का किया शिलान्यास, नक्सल प्रभावित इलाके में 33 करोड़ लागत से बनेगी सड़क

दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में तीन महत्वपूर्ण सड़कों की निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिलने के बाद दुमका सांसद सुनील सोरेन ने सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास किया. तीनों सड़कों के निर्माण पर करोड़ों रुपए का खर्च आएगा.

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Dumka MP Sunil Soren Laid Foundation Stone
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 30, 2023, 10:34 PM IST

दुमका: दुमका सांसद सुनील सोरेन ने बुधवार को नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड की तीन महत्वपूर्ण सड़कों का शिलान्यास किया. इन सड़कों का निर्माण 33 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा. तीनों सड़कें दुर्गम क्षेत्र की हैं और लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराने की मांग कर रहे थे. तीनों सड़कों की लंबाई लगभग 35 किलोमीटर है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली है. इसमें काठीकुंड प्रखंड के शिवतल्ला से तिलाईटांड़ वाया बारा नारगंज (11.9 किमी ), दूसरी सड़क रानीश्वर प्रखंड के तसरकट्टा से बाराबथान मोड़ वाया जय पहाड़ी (9.1 किमी ), वहीं तीसरी सड़क TO2-RCD सड़क से आगर वाया तेतुलिया, मोहनपुर , ढाकाजोल (13.35 किमी) है.

ये भी पढ़ें-बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को दी चुनौती, कहा- संथाल परगना बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड में अगर मेरा पैसा लगा है तो कराएं एफआईआर और जब्त करें संपत्ति

लंबे समय से ग्रामीण कर रहे थे सड़क की मांगः वहीं सड़क निर्माण कार्य शिलान्यास के दौरान मौजूद ग्रामीण में काफी उत्साह नजर आया. क्षेत्र के ग्रामीणों ने इसके लिए सांसद सुनील सोरेन को धन्यवाद दिया. वहीं मौके पर सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने इन तीनों सड़कों के निर्माण की मांग की थी. वास्तव में इसे बनना काफी आवश्यक था. सांसद ने कहा कि जनता की मांगें पूरी करना और उनकी समस्या का समाधान करना हमारा कर्तव्य है. वहीं तीनों सड़कों के निर्माण की स्वीकृति देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं. दुमका सांसद सुनील सोरेन ने मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी जो भी समस्या है उसकी जानकारी अवश्य दें. हम उसका समाधान करेंगे.

आधुनिक तकनीक से होगा सड़कों का निर्माणः शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार ने बताया कि फुल-डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक सड़क निर्माण की एक रिसाइकिलिंग पद्धति है, जो झारखंड में हाल में ही शुरू की गई है. इसमें कच्ची सड़क को उखाड़कर सड़क में से निकलने वाले मटेरियल को प्लांट पर ले जाया जाता है. यहां पर सड़क के वेस्ट मटेरियल में केमिकल और आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटेरियल तैयार कर वापस से सड़क पर लगा दिया जाता है.

दुमका: दुमका सांसद सुनील सोरेन ने बुधवार को नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड की तीन महत्वपूर्ण सड़कों का शिलान्यास किया. इन सड़कों का निर्माण 33 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा. तीनों सड़कें दुर्गम क्षेत्र की हैं और लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराने की मांग कर रहे थे. तीनों सड़कों की लंबाई लगभग 35 किलोमीटर है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली है. इसमें काठीकुंड प्रखंड के शिवतल्ला से तिलाईटांड़ वाया बारा नारगंज (11.9 किमी ), दूसरी सड़क रानीश्वर प्रखंड के तसरकट्टा से बाराबथान मोड़ वाया जय पहाड़ी (9.1 किमी ), वहीं तीसरी सड़क TO2-RCD सड़क से आगर वाया तेतुलिया, मोहनपुर , ढाकाजोल (13.35 किमी) है.

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लंबे समय से ग्रामीण कर रहे थे सड़क की मांगः वहीं सड़क निर्माण कार्य शिलान्यास के दौरान मौजूद ग्रामीण में काफी उत्साह नजर आया. क्षेत्र के ग्रामीणों ने इसके लिए सांसद सुनील सोरेन को धन्यवाद दिया. वहीं मौके पर सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने इन तीनों सड़कों के निर्माण की मांग की थी. वास्तव में इसे बनना काफी आवश्यक था. सांसद ने कहा कि जनता की मांगें पूरी करना और उनकी समस्या का समाधान करना हमारा कर्तव्य है. वहीं तीनों सड़कों के निर्माण की स्वीकृति देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं. दुमका सांसद सुनील सोरेन ने मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी जो भी समस्या है उसकी जानकारी अवश्य दें. हम उसका समाधान करेंगे.

आधुनिक तकनीक से होगा सड़कों का निर्माणः शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार ने बताया कि फुल-डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक सड़क निर्माण की एक रिसाइकिलिंग पद्धति है, जो झारखंड में हाल में ही शुरू की गई है. इसमें कच्ची सड़क को उखाड़कर सड़क में से निकलने वाले मटेरियल को प्लांट पर ले जाया जाता है. यहां पर सड़क के वेस्ट मटेरियल में केमिकल और आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटेरियल तैयार कर वापस से सड़क पर लगा दिया जाता है.

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