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बदहाल है उपराजधानी का स्वास्थ्य केन्द्र, 11 साल में नहीं बन सका 350 करोड़ की लागत वाला अस्पताल

दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में 350 करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जिला परिषद द्वारा काम किया जा रहा था और इसे 2010 तक  पूरा होना था, लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है.

बदहाल है उपराजधानी का स्वास्थ्य केन्द्र
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Published : Feb 5, 2019, 5:41 PM IST

दुमका: झारखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा के लिए कितनी उदासीन है, इसका अंदाजा आप दुमका के गोपीकांदर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को देख कर लगा सकते हैं. इस सीएचसी का निर्माण कार्य 2008 में शुरू हुआ था लेकिन आज तक इसका काम पूरा नहीं हो सका.


दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में 350 करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जिला परिषद द्वारा काम किया जा रहा था और इसे 2010 तक पूरा होना था, लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है.

बदहाल है उपराजधानी का स्वास्थ्य केन्द्र
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आम जनता से जब इस बारे पूछा गया. तब लोगों ने काफी परेशानियां गिनाई. लोगों ने कहा कि हमें काफी असुविधा होती है. अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो हमें चिकित्सा के लिए दुमका सदर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा.
जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मण्डल ने बताया कि पहले यह काम हमारे विभागीय स्तर पर हो रहा था लेकिन कई तरह की परेशानी आई और काम पूरा नहीं हो पाया. अब इसके निर्माण का बचा हुआ कार्य पूरा करने के लिए टेंडर कर दिया गया है और 2-3 महीने में पूरा हो जाएगा.

दुमका: झारखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा के लिए कितनी उदासीन है, इसका अंदाजा आप दुमका के गोपीकांदर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को देख कर लगा सकते हैं. इस सीएचसी का निर्माण कार्य 2008 में शुरू हुआ था लेकिन आज तक इसका काम पूरा नहीं हो सका.


दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में 350 करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जिला परिषद द्वारा काम किया जा रहा था और इसे 2010 तक पूरा होना था, लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है.

बदहाल है उपराजधानी का स्वास्थ्य केन्द्र
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आम जनता से जब इस बारे पूछा गया. तब लोगों ने काफी परेशानियां गिनाई. लोगों ने कहा कि हमें काफी असुविधा होती है. अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो हमें चिकित्सा के लिए दुमका सदर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा.
जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मण्डल ने बताया कि पहले यह काम हमारे विभागीय स्तर पर हो रहा था लेकिन कई तरह की परेशानी आई और काम पूरा नहीं हो पाया. अब इसके निर्माण का बचा हुआ कार्य पूरा करने के लिए टेंडर कर दिया गया है और 2-3 महीने में पूरा हो जाएगा.

Intro:दुमका -
झारखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा जे प्रति कितनी उदासीन है इसका अंदाजा आप दुमका के गोपीकांदर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को देख कर लगा सकते हैं । इस सीएचसी का निर्माण कार्य 2008 मे शुरू हुआ लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है ।


Body:क्या है पूरा मामला ।
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दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में साढ़े तीन करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ । काम जिला परिषद द्वारा किया जा रहा था और इसे 2010 तक पूर्ण होना था लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है । लोगों का कहना है कि हमें काफी असुविधा होती है । अगर यह अस्पताल चालू हो जाये तो हमें चिकित्सा के लिए दुमका सदर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा ।

बाईट - पवन कुमार , आम जनता


Conclusion:क्या कहना जिला परिषद का ।
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इस अस्पताल का निर्माण कार्य जिला परिषद द्वारा हो रहा है । जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मण्डल ने बताया कि पहले यह काम हमारे विभागीय स्तर पर ही हो रहा था लेकिन कई तरह की परेशानी आई और काम पूर्ण नहीं हुआ । अब इसके निर्माण का बचा हुआ कार्य पूरा करने के लिए टेंडर कर दिया गया है औऱ यह दो तीन माह में पूरा हो जाएगा ।

बाईट - असीम मण्डल , उपाध्यक्ष , जिला परिषद , दुमका

पीटीसी - मनोज दुमका

सर इस खबर का वीओ करके भेजे है ।
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