दुमका: दुमका कोर्ट ने पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए दो- दो साल की कैद और 34 हजार 500 रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है. दुमका की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी परिधि शर्मा की अदालत ने यह फैसला सुनाया है.
अलग-अलग धाराओं में न्यायालय ने सुनाई सजाः दुमका कोर्ट में सरैयाहाट थाना कांड संख्या 244/2015 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. जिसमें सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक खुशबुद्दीन अली और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने सरैयाहाट थाना क्षेत्र के पथरा गांव के रहने वाले मुख्तार शेख , जियाउद्दीन शेख और सलाउद्दीन शेख के विरुद्ध भादवि की धारा 353 के तहत दो साल का कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.जबकि भादवि की धारा 323 में एक साल की कैद और एक हजार रुपए जुर्माना देने की सजा सुनायी गई है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा. सभी सजाएं साथ चलेगी. इस तरह तीनों आरोपियों को कुल 34,500 रुपए जुर्माना की राशि अदा करनी होगी. वहीं सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पांच गवाह पेश किए गए थे.
वर्ष 2015 का है मामलाः सहायक लोक अभियोजक से मिली जानकारी के मुताबिक दुमका जिला बल के एएसआई मनोज कुमार मिश्र के लिखित आवेदन पर पांच दिसंबर 2015 में उक्त नामजद आरोपियों के खिलाफ भादवी की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार आवेदनकर्ता एएसआई मनोज कुमार मिश्र को दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ पांच दिसंबर 2015 को पंचायत चुनाव के दौरान सरैयाहाट थाना क्षेत्र के उर्दू मध्य विद्यालय पथरा के बूथ संख्या 173 और बूथ संख्या 182 में गश्ती सह संग्रह दल के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था. सूचक ड्यूटी करने के क्रम में मतदान केंद्र पर मतदाताओं को पंक्ति में लगने की सलाह दे रहे थे. इसी क्रम में उक्त तीनों आरोपियों ने गांव के अन्य लोगों के साथ नाजायज मजमा लगाकर मनोज कुमार मिश्र के साथ उलझ गए और गाली-गलौज करने लगे. जब सूचक ने आरोपियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया तो मारपीट करने लगे साथ ही ईंट से प्रहार कर सिर फोड़ दिया. सूचक में मामले में आरोपियों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाकर आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया था. जिस पर आज सजा सुनाई गई है.