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Sawan 2023: सावन की तीसरी सोमवारी पर केसरियामय हुआ बासुकीनाथ धाम, बोलबम के जयकारे से गुंजायमान हुआ माहौल

सावन की तीसरी सोमवारी पर बाबा के भक्तों की भारी भीड़ बासुकीनाथ में जलार्पण के लिए उमड़ी है. प्रशासन की व्यवस्था भी चाक-चौबंद है.

Dumka Basukinath Dham
सावन की तीसरी सोमवारी
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Published : Jul 24, 2023, 12:29 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 1:39 PM IST

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दुमका: सावन की तीसरी सोमवारी और मलमास की पहली सोमवारी को लेकर आज बासुकीनाथ धाम में सुबह से ही जल अर्पण करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. पुलिस प्रशासन कतारबद्ध तरीके से अर्घा के माध्यम से श्रद्धालुओं को जल अर्पण करा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Sawan 2023: सावन की दूसरी सोमवारी पर बासुकीनाथ में उमड़े भक्त, कहा- पिछली बार से बेहतर व्यवस्था

अहले सुबह से लगी कतार: भीड़ को देखते हुए सुबह 3 बजे से ही अर्घा के माध्यम से श्रद्धालुओं को जलार्पण कराया जा रहा है. श्रद्धालुओं को सुगमता पूर्वक जलार्पण कराने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम चुस्त-दुरुस्त नजर आ रही है. संभावित भीड़ को देखते हुए कांवरिया रुटलाइन के सभी प्वाइंटों पर दंडाधिकारी के साथ-साथ पुलिस बल की नियुक्ति की गई है. बासुकीनाथ धाम बोलबम के जयघोष से गुंजायमान हो रहा है.

धर्म रक्षणी सभा के अध्यक्ष ने क्या कहा: पंडा धर्म रक्षणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा ने बताया कि मलमास को पुरुषोत्तम मास माना जाता है. खासकर सावन महीने में पड़ने वाले मलमास की सोमवारी को भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है. मलमास की सोमवारी पर कुंवारी कन्या महादेव की पूजा अर्चना और जल अर्पण करती है. इससे उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पंडा पुरोहितों का कहना है की मलमास शुभ होता है और उसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मलमास में पूजा पाठ वर्जित होता है.

गौरतलब है कि सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. बाबा के दर्शन करने को लेकर भक्त देश के अलग-अलग कोने से यहां आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार की व्यवस्था पिछले बार की तुलना में बेहतर है.

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दुमका: सावन की तीसरी सोमवारी और मलमास की पहली सोमवारी को लेकर आज बासुकीनाथ धाम में सुबह से ही जल अर्पण करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. पुलिस प्रशासन कतारबद्ध तरीके से अर्घा के माध्यम से श्रद्धालुओं को जल अर्पण करा रहे हैं.

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अहले सुबह से लगी कतार: भीड़ को देखते हुए सुबह 3 बजे से ही अर्घा के माध्यम से श्रद्धालुओं को जलार्पण कराया जा रहा है. श्रद्धालुओं को सुगमता पूर्वक जलार्पण कराने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम चुस्त-दुरुस्त नजर आ रही है. संभावित भीड़ को देखते हुए कांवरिया रुटलाइन के सभी प्वाइंटों पर दंडाधिकारी के साथ-साथ पुलिस बल की नियुक्ति की गई है. बासुकीनाथ धाम बोलबम के जयघोष से गुंजायमान हो रहा है.

धर्म रक्षणी सभा के अध्यक्ष ने क्या कहा: पंडा धर्म रक्षणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा ने बताया कि मलमास को पुरुषोत्तम मास माना जाता है. खासकर सावन महीने में पड़ने वाले मलमास की सोमवारी को भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है. मलमास की सोमवारी पर कुंवारी कन्या महादेव की पूजा अर्चना और जल अर्पण करती है. इससे उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पंडा पुरोहितों का कहना है की मलमास शुभ होता है और उसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मलमास में पूजा पाठ वर्जित होता है.

गौरतलब है कि सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. बाबा के दर्शन करने को लेकर भक्त देश के अलग-अलग कोने से यहां आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार की व्यवस्था पिछले बार की तुलना में बेहतर है.

Last Updated : Jul 24, 2023, 1:39 PM IST
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