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सीएम हेमंत सोरेन का दुमका दौरा रद्द, मजदूरों के स्पेशल ट्रेन को दिखानी थी हरी झंडी

दुमकाः सीएम हेमंत सोरेन का दुमका दौरा रद्द
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Published : Jun 12, 2020, 1:25 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 5:45 PM IST

13:16 June 12

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दुमका दौरा रद्द हो गया है. मुख्यमंत्री दुमका में एक स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे.

देखें पूरी खबर

दुमकाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दौरा रद्द हो गया है. मुख्यमंत्री दुमका में एक स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे. बीआरओ की ओर से इस प्रोग्राम को रीशेड्यूल किया गया है.

मजदूरों के रहने की व्यवस्था

सीमा सड़क संगठन की ओर से आज दुमका रेलवे स्टेशन से एक स्पेशल ट्रेन 1 हजार मजदूरों को उधमपुर ले जाया जा रहा था. दुमका उपायुक्त ने जानकारी दी है कि बीआरओ की ओर से इस प्रोग्राम को रीशेड्यूल किया गया है और आज जाने वाली ट्रेन को कैंसिल कर दिया गया है. सीएम हेमंत सोरेन जो इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे. उनका आज का यह कार्यक्रम पहले ही रद्द हो गया. उपायुक्त ने बताया कि जो मजदूर आज रेलवे स्टेशन पहुंचे थे उनका रजिस्ट्रेशन हो चुका था. उन मजदूरों को दुमका में ही रहने की व्यवस्था की जा रही है. एक-दो दिन में जब ट्रेन जाएगी तो उन्हें उस ट्रेन में भेज दिया जाएगा. संभवतः यह ट्रेन कल रवाना होगी. 

ये भी पढ़ें-झारखंडः प्रवासी मजदूरों को खेती के जरिए मिलेगा रोजगार, कृषि मंत्री ने उपायुक्तों को दिए ये निर्देश

ट्रेन क्यों हुई कैंसिल 

डीसी ने कहा कि बीआरओ और गृह मंत्रालय के बीच का मामला है. इसलिए वो इस मामले में  ज्यादा कुछ नहीं बता सकती हैं. इस ट्रेन से जाने के लिए लगभग सात सौ मजदूर दुमका पहुंच चुके थे, जिसमें दुमका के पांच सौ और साहिबगंज और पाकुड़ के लगभग दो सौ मजदूर थे. उपायुक्त ने बताया कि कई दशक से मजदूर सीमा पर सड़क के निर्माण कार्य मे जा रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ बिचौलियों की ओर से इन्हें हैंडल किया जा रहा था. इससे मजदूरों को उनके काम की पूरा पारिश्रमिक प्राप्त नहीं होता था, लेकिन इस बार श्रम विभाग बीआरओ के साथ मिलकर सारी व्यवस्था कर रहा है, ताकि मजदूरों को परेशानी न हो सके.

मजदूरों में खुशी 
बता दें कि जो मजदूर आज दुमका रेलवे स्टेशन पहुंचे और अपना रजिस्ट्रेशन कराया. उनमें काफी खुशी देखी गई. उनका कहना था कि उन्हें इस काम के लिए चुना गया है. इसलिए खुशी हो रही है, साथ ही लॉकडाउन में गांव में काम भी नहीं था. ऐसे में जो रोजगार मिला है वह उनके लिए अच्छा है. पैसे की जरूरत है, ताकि परिवार का बेहतर तरीके से पालन पोषण हो सके.



 

13:16 June 12

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दुमका दौरा रद्द हो गया है. मुख्यमंत्री दुमका में एक स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे.

देखें पूरी खबर

दुमकाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दौरा रद्द हो गया है. मुख्यमंत्री दुमका में एक स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे. बीआरओ की ओर से इस प्रोग्राम को रीशेड्यूल किया गया है.

मजदूरों के रहने की व्यवस्था

सीमा सड़क संगठन की ओर से आज दुमका रेलवे स्टेशन से एक स्पेशल ट्रेन 1 हजार मजदूरों को उधमपुर ले जाया जा रहा था. दुमका उपायुक्त ने जानकारी दी है कि बीआरओ की ओर से इस प्रोग्राम को रीशेड्यूल किया गया है और आज जाने वाली ट्रेन को कैंसिल कर दिया गया है. सीएम हेमंत सोरेन जो इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे. उनका आज का यह कार्यक्रम पहले ही रद्द हो गया. उपायुक्त ने बताया कि जो मजदूर आज रेलवे स्टेशन पहुंचे थे उनका रजिस्ट्रेशन हो चुका था. उन मजदूरों को दुमका में ही रहने की व्यवस्था की जा रही है. एक-दो दिन में जब ट्रेन जाएगी तो उन्हें उस ट्रेन में भेज दिया जाएगा. संभवतः यह ट्रेन कल रवाना होगी. 

ये भी पढ़ें-झारखंडः प्रवासी मजदूरों को खेती के जरिए मिलेगा रोजगार, कृषि मंत्री ने उपायुक्तों को दिए ये निर्देश

ट्रेन क्यों हुई कैंसिल 

डीसी ने कहा कि बीआरओ और गृह मंत्रालय के बीच का मामला है. इसलिए वो इस मामले में  ज्यादा कुछ नहीं बता सकती हैं. इस ट्रेन से जाने के लिए लगभग सात सौ मजदूर दुमका पहुंच चुके थे, जिसमें दुमका के पांच सौ और साहिबगंज और पाकुड़ के लगभग दो सौ मजदूर थे. उपायुक्त ने बताया कि कई दशक से मजदूर सीमा पर सड़क के निर्माण कार्य मे जा रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ बिचौलियों की ओर से इन्हें हैंडल किया जा रहा था. इससे मजदूरों को उनके काम की पूरा पारिश्रमिक प्राप्त नहीं होता था, लेकिन इस बार श्रम विभाग बीआरओ के साथ मिलकर सारी व्यवस्था कर रहा है, ताकि मजदूरों को परेशानी न हो सके.

मजदूरों में खुशी 
बता दें कि जो मजदूर आज दुमका रेलवे स्टेशन पहुंचे और अपना रजिस्ट्रेशन कराया. उनमें काफी खुशी देखी गई. उनका कहना था कि उन्हें इस काम के लिए चुना गया है. इसलिए खुशी हो रही है, साथ ही लॉकडाउन में गांव में काम भी नहीं था. ऐसे में जो रोजगार मिला है वह उनके लिए अच्छा है. पैसे की जरूरत है, ताकि परिवार का बेहतर तरीके से पालन पोषण हो सके.



 

Last Updated : Jun 12, 2020, 5:45 PM IST
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