ETV Bharat / state

अधिकारी भी हैं इस बात से परेशान, कैसे करें बिना कर्मचारी के काम - Regional Director Swapan Rajak

संथाल परगना प्रमंडल विभाग (Animal Husbandry Department ) में पदाधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी है. इस कमी की वजह से नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इसके साथ ही रोजाना पशुपालक भी परेशान हो रहे हैं.

animal-husbandry-department-of-santhalpargana-is-facing-shortage-of-man-power
मेन पावर की कमी से जूझ रहा संथालपरगना के पशुपालन विभाग
author img

By

Published : Aug 24, 2021, 11:31 AM IST

दुमकाः संथाल पगरगना के पशुपालन विभाग में मैन पावर की भारी कमी है. इस कमी की वजह से पशु पालकों को रोजना परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्थिति यह है कि पशु अस्तपाल में उपकरणों की तो व्यवस्था की गई है, ताकि बीमर पशुओं का इलाज किया जा सके. लेकिन, डॉक्टर और टेक्नीशियन की कमी के कारण उपकरणों का उपयोग नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः दुमका के सिद्धो-कान्हू पार्क की ट्रैजिक कहानी, बनने में लगे 12 साल, 3 साल में बदहाल

स्वीकृत पद के अनुरूप नहीं है पशु चिकित्सक

संथाल परगना प्रमंडल में 96 पशु अस्पताल हैं, जहां भ्रमणशील पशु चिकित्सकों के 94 पद स्वीकृत हैं. इसमें 33 पद खाली हैं. वहीं, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के 42 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 9 कार्यरत और 33 पद रिक्त हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट
नहीं हैं पशुधन सहायक और तकनीकी सहायक

संथाल परगना प्रमंडल के 6 जिलों में पशुधन सहायक के 144 पद स्वीकृत हैं, इसमें सिर्फ 22 पद पर कर्मचारी हैं और 122 पद खाली हैं. इसके अलावे तकनीकी सहायक के 96 स्वीकृत पद हैं लेकिन सिर्फ 22 सहायक तकनीकी कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, चतुर्थवर्गीय कर्मी के 246 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 121 पद खाली हैं.

रेफरल अस्पताल में पदों का नहीं हुआ सृजन

झारखंड में पशुओं के लिए एकमात्र रेफरल अस्पताल दुमका में है. यह अस्पताल वर्ष 2012 से चल रहा है, लेकिन पिछले 9 सालों में इस अस्पताल के लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन, चतुर्थवर्गीय कर्मी आदि के पद सृजन का नहीं किया जा सका है. स्थिति यह है कि एक पशु चिकित्सक और दो कर्मियों के सहारे यह अस्पताल चल रहा है.


खराब हो रहे हैं उपकरण

पशु रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे मशीन के साथ साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई, ताकि पशुपालकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. लेकिन अस्पताल में मशीन संचालित करने वाला कोई नहीं है. स्थिति यह है कि मशीन धूल फांक रहे हैं.

कमियों की वजह से पशुपालक परेशान

पशुपालक उत्तम भंडारीव ने बताया कि सरकारी अस्पताल है, लेकिन यहां पशुओं की शत प्रतिशत इलाज नहीं हो पाता है. डॉक्टर और कर्मचारी ही नहीं हैं. इससे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है. सरकार को चाहिए की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करे.


क्या कहते हैं क्षेत्रीय निदेशक

संथाल परगना के क्षेत्रीय निदेशक स्वपन रजक ने बताया कि कर्मियों की कमी से नियमित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. स्थिति यह है कि एक चिकित्सक को कई प्रभार दिया गया है. उन्होंने कहा कि कर्मियों की कमी से संबंधित स्थापना रिपोर्ट कई बार भेज चुके हैं, जिसपर अब तक पहल नहीं की गई है.

दुमकाः संथाल पगरगना के पशुपालन विभाग में मैन पावर की भारी कमी है. इस कमी की वजह से पशु पालकों को रोजना परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्थिति यह है कि पशु अस्तपाल में उपकरणों की तो व्यवस्था की गई है, ताकि बीमर पशुओं का इलाज किया जा सके. लेकिन, डॉक्टर और टेक्नीशियन की कमी के कारण उपकरणों का उपयोग नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः दुमका के सिद्धो-कान्हू पार्क की ट्रैजिक कहानी, बनने में लगे 12 साल, 3 साल में बदहाल

स्वीकृत पद के अनुरूप नहीं है पशु चिकित्सक

संथाल परगना प्रमंडल में 96 पशु अस्पताल हैं, जहां भ्रमणशील पशु चिकित्सकों के 94 पद स्वीकृत हैं. इसमें 33 पद खाली हैं. वहीं, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के 42 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 9 कार्यरत और 33 पद रिक्त हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट
नहीं हैं पशुधन सहायक और तकनीकी सहायक

संथाल परगना प्रमंडल के 6 जिलों में पशुधन सहायक के 144 पद स्वीकृत हैं, इसमें सिर्फ 22 पद पर कर्मचारी हैं और 122 पद खाली हैं. इसके अलावे तकनीकी सहायक के 96 स्वीकृत पद हैं लेकिन सिर्फ 22 सहायक तकनीकी कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, चतुर्थवर्गीय कर्मी के 246 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 121 पद खाली हैं.

रेफरल अस्पताल में पदों का नहीं हुआ सृजन

झारखंड में पशुओं के लिए एकमात्र रेफरल अस्पताल दुमका में है. यह अस्पताल वर्ष 2012 से चल रहा है, लेकिन पिछले 9 सालों में इस अस्पताल के लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन, चतुर्थवर्गीय कर्मी आदि के पद सृजन का नहीं किया जा सका है. स्थिति यह है कि एक पशु चिकित्सक और दो कर्मियों के सहारे यह अस्पताल चल रहा है.


खराब हो रहे हैं उपकरण

पशु रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे मशीन के साथ साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई, ताकि पशुपालकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो. लेकिन अस्पताल में मशीन संचालित करने वाला कोई नहीं है. स्थिति यह है कि मशीन धूल फांक रहे हैं.

कमियों की वजह से पशुपालक परेशान

पशुपालक उत्तम भंडारीव ने बताया कि सरकारी अस्पताल है, लेकिन यहां पशुओं की शत प्रतिशत इलाज नहीं हो पाता है. डॉक्टर और कर्मचारी ही नहीं हैं. इससे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है. सरकार को चाहिए की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करे.


क्या कहते हैं क्षेत्रीय निदेशक

संथाल परगना के क्षेत्रीय निदेशक स्वपन रजक ने बताया कि कर्मियों की कमी से नियमित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. स्थिति यह है कि एक चिकित्सक को कई प्रभार दिया गया है. उन्होंने कहा कि कर्मियों की कमी से संबंधित स्थापना रिपोर्ट कई बार भेज चुके हैं, जिसपर अब तक पहल नहीं की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.