धनबादः जिले के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष बीएमएस को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के माध्यम से ट्रेड यूनियनों ने भारत सरकार के कोयला उद्योग में शत प्रतिशत पूंजी निवेश के फैसले का विरोध जताया. इस फैसले के विरोध में सभी ट्रेड यूनियनों ने 24 सितंबर को कोयला उद्योग में हड़ताल की घोषणा की है.
इंटक, सीटू, एटक, बीसीकेयू समेत तमाम मजदूर ट्रेड यूनियन के नेताओं संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. ट्रेड यूनियन बीएमएस ने इस प्रदर्शन से अपने आप को अलग रखा. हालांकि बीएमएस भी कोयला उद्योग में सरकार के शत प्रतिशत एफडीआई नीति के फैसले का विरोध कर रही है.
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कोयला भवन के समक्ष मंच पर आसीन यूनियन नेता वासुदेव आचार्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश का जो फैसला लिया, जो बेहद खतरनाक है. इस फैसले को राष्ट्र विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग का पूरी तरह से निजीकरण हो जाएगा. इसकी बागडोर विदेशी पूंजीपतियों और विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हाथ में चली जाएगी.
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24 सितंबर को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल
उन्होंने कहा सरकार के इस फैसले के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन 24 सितंबर को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल करेगी. सरकार जब तक यह फैसला वापस नहीं लेती, तब तक मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा. इधर सरकार के समांतर चलने वाली मजदूर ट्रेड यूनियन बीएमएस ने भी पहले ही कोयला उद्योग में हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रखी है. बीएमएस ने 23 से 27 सितंबर तक 5 दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है.