धनबाद/बाघमाराः जिले के मुराईडीह सामुदायिक भवन में संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई. जिसमें सभी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार के कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई को लागू करने का विरोध किया गया. केंद्र सरकार की नीति को मजदूर विरोधी, जन विरोधी, समाज विरोधी बताया गया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने जब से 100 फीसदी एफडीआई लागू किया है, तब से सभी ट्रेड यूनियन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. इस एफडीआई को लेकर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन स्थानीय स्तर से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय तक कर चुके हैं. सभी इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं. इसी कड़ी में 24 सितंबर को इसे लेकर एक दिवसीय हड़ताल पूरे बीसीसीएल में करने की घोषणा ट्रेड यूनियन कर चुके हैं. हड़ताल को सफल बनाने में कोई कमी न रखने की बात कही गई है. वहीं, बरोरा महाप्रबंधक और प्रोजेक्ट ऑफिसर के फैसले में विरोधाभास है. मुद्दों को लेकर होने वाले वार्ता में दोनों के बातों में अंतर है.
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'पूंजीपतियों की है केंद्र सरकार'
वहीं, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि संजय चौबे और लगनदेव यादव ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार बन कर रह गई है. मजदूर गरीबों के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं. एफडीआई का विरोध जारी रहेगा. इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री ने निजीकरण से राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया था. आज के प्रधानमंत्री राष्ट्रीयकरण से निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है. सभी पब्लिक सेक्टर को बंद कर निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक एक भी पब्लिक सेक्टर सरकार ने नहीं बनाया है.
उन्होंने कहा कि एफडीआई को लेकर 24 कि हड़ताल को ऐतिहासिक बनाया जाएगा. मजदूर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे. धारा 107 के तहत होने वाली कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. सरकार के किसी भी दमनकारी गीदड़भभकी से नहीं चलने वाली है.