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कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध, ट्रेड यूनियन ने कहा- 24 सितंबर को होगा देशव्यापी हड़ताल

कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध चारो तरफ हो रहा है. सभी ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार के खिलाफ 24 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल पर करेंगे. सभी संगठनों में मिल कर इसका विरोध करने का फैसला लिया है.

संयुक्त मोर्चा की बैठक में शामिल सदस्य
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Published : Sep 22, 2019, 11:39 PM IST

धनबाद/बाघमाराः जिले के मुराईडीह सामुदायिक भवन में संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई. जिसमें सभी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार के कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई को लागू करने का विरोध किया गया. केंद्र सरकार की नीति को मजदूर विरोधी, जन विरोधी, समाज विरोधी बताया गया.

देखें पूरी खबर

बता दें कि केंद्र सरकार ने जब से 100 फीसदी एफडीआई लागू किया है, तब से सभी ट्रेड यूनियन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. इस एफडीआई को लेकर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन स्थानीय स्तर से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय तक कर चुके हैं. सभी इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं. इसी कड़ी में 24 सितंबर को इसे लेकर एक दिवसीय हड़ताल पूरे बीसीसीएल में करने की घोषणा ट्रेड यूनियन कर चुके हैं. हड़ताल को सफल बनाने में कोई कमी न रखने की बात कही गई है. वहीं, बरोरा महाप्रबंधक और प्रोजेक्ट ऑफिसर के फैसले में विरोधाभास है. मुद्दों को लेकर होने वाले वार्ता में दोनों के बातों में अंतर है.

ये भी पढ़ें- समस्याओं से परेशान वार्ड पार्षदों ने नगर परिषद कार्यालय में किया हंगामा, ऑफिस में फेंका कूड़ा

'पूंजीपतियों की है केंद्र सरकार'
वहीं, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि संजय चौबे और लगनदेव यादव ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार बन कर रह गई है. मजदूर गरीबों के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं. एफडीआई का विरोध जारी रहेगा. इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री ने निजीकरण से राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया था. आज के प्रधानमंत्री राष्ट्रीयकरण से निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है. सभी पब्लिक सेक्टर को बंद कर निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक एक भी पब्लिक सेक्टर सरकार ने नहीं बनाया है.

उन्होंने कहा कि एफडीआई को लेकर 24 कि हड़ताल को ऐतिहासिक बनाया जाएगा. मजदूर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे. धारा 107 के तहत होने वाली कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. सरकार के किसी भी दमनकारी गीदड़भभकी से नहीं चलने वाली है.

धनबाद/बाघमाराः जिले के मुराईडीह सामुदायिक भवन में संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई. जिसमें सभी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार के कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई को लागू करने का विरोध किया गया. केंद्र सरकार की नीति को मजदूर विरोधी, जन विरोधी, समाज विरोधी बताया गया.

देखें पूरी खबर

बता दें कि केंद्र सरकार ने जब से 100 फीसदी एफडीआई लागू किया है, तब से सभी ट्रेड यूनियन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. इस एफडीआई को लेकर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन स्थानीय स्तर से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय तक कर चुके हैं. सभी इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं. इसी कड़ी में 24 सितंबर को इसे लेकर एक दिवसीय हड़ताल पूरे बीसीसीएल में करने की घोषणा ट्रेड यूनियन कर चुके हैं. हड़ताल को सफल बनाने में कोई कमी न रखने की बात कही गई है. वहीं, बरोरा महाप्रबंधक और प्रोजेक्ट ऑफिसर के फैसले में विरोधाभास है. मुद्दों को लेकर होने वाले वार्ता में दोनों के बातों में अंतर है.

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'पूंजीपतियों की है केंद्र सरकार'
वहीं, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि संजय चौबे और लगनदेव यादव ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार बन कर रह गई है. मजदूर गरीबों के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं. एफडीआई का विरोध जारी रहेगा. इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री ने निजीकरण से राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया था. आज के प्रधानमंत्री राष्ट्रीयकरण से निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है. सभी पब्लिक सेक्टर को बंद कर निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक एक भी पब्लिक सेक्टर सरकार ने नहीं बनाया है.

उन्होंने कहा कि एफडीआई को लेकर 24 कि हड़ताल को ऐतिहासिक बनाया जाएगा. मजदूर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे. धारा 107 के तहत होने वाली कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. सरकार के किसी भी दमनकारी गीदड़भभकी से नहीं चलने वाली है.

Intro:स्लग -- एफडीआई को नही होने देंगे लागू -- संयुक्त मोर्चा
एंकर -- बाघमारा के मुराईडीह सामुदायिक भवन में संयुक्त मोर्चा जिसमे सभी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए।एफडीआई के विरोध में प्रेसवार्ता का आयोजन किया।प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार द्वारा कोल इंडिया में 100%एफडीआई को लागू करने का विरोध किया।केंद्र सरकार के  नीति को मजदूर विरोधी, जन विरोधी, समाज विरोधी बताया।केंद्र सरकार द्वारा जब से एफडीआई को लागू किया गया है तब से सभी ट्रेड यूनियन इसका विरोध लगातार करते आ रहे है।इस एफडीआई का खुल कर विरोध कर रही है।इस एफडीआई को लेकर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि कई बार धरना प्रदर्शन आंदोलन स्थानीय स्तर से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय तक कर चुके है।इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे है।24 सितम्बर को इसे लेकर एक दिवसीय हड़ताल पूरे बीसीसीएल में करने की घोषणा ट्रेड यूनियन कर चुके है।हड़ताल को सफल बनाने में कोई कमी नही होगी।वही बरोरा महाप्रबंधक तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर के फैसले में विरोधाभास है।मुद्दों को लेकर होने वाले वार्ता में दोनों के बातो में अंतर होता है।हॉलिडे,संडे हॉलिडे को लेकर किये गए वार्ता में भी विरोधाभास रहा।जब से ये दोनों यहां आए है बरोरा क्षेत्र बर्बाद हो रहा है।Body:वही ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि संजय चौबे तथा लग्नदेव यादव ने कहा कि यह केंन्द्र की वर्तमान सरकार पूंजीपतियों की सरकार बन कर रह गई है।मजदूर गरीबो के बारे में कुछ भी नही सोच रहे है।एफडीआई का विरोध जारी रहेगा।किसी भी कीमत पर लागू नही होने देंगे।एक प्रधानमंत्री ने निजी करन से राष्ट्रीय करण को बढ़ावा दिया था। आज के वर्तमान प्रधानमंत्री राष्ट्रीकरण से निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है। सभी पब्लिक सेक्टर को बंद कर निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है। आज तक एक भी पब्लिक सेक्टर इनके द्वारा नहीं बनाया गया है। एफडीआई को लेकर 24 कि हड़ताल को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। मजदूर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे। धारा 107 के तहत होने वाली कार्रवाई से डरने वाले नहीं है। सरकार के किसी भी दमनकारी गीदड़भभकी से नहीं डरने वाले है। सरकार द्वारा एफडीआई में 100 फीसदी सहमति देर लाल फीताशाही ई जो शाजिश रची जा रही है। उसे बरोरा क्षेत्र के सांयुक्त मोर्चा द्वारा किसी भी कीमत में पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
बाइट --लग्नदेव यादव(संयुक्त मोर्चा सदस्य)सफेद कुर्ता
बाइट -- संजय चौबे((संयुक्त मोर्चा सदस्य)टीशर्ट में

Conclusion:नो
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