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जानिए कैसे कॉलेज प्रबंधन की एक छोटी सी गलती से हुआ 529 छात्रों का नुकसान - बाघमारा कॉलेज ने इंटर के विद्यार्थियों को सामान्य जाति में शामिल किया

धनबाद के बाघमारा कॉलेज की बड़ी लापरवाही के कारण इंटर के सभी छात्र छात्राओं को इसका भुगतान करना पड़ सकता है. दरअसल, बाघमारा कॉलेज में ऑपरेटर की गलती के कारण सभी छात्र-छात्रा सामान्य जाति में शामिल हो गए हैं.

baghmara College
बाघमारा कॉलेज
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Published : Dec 11, 2020, 9:32 PM IST

धनबाद: जिला के बाघमारा कॉलेज बाघमारा हर बार छात्र छात्राओं के रजिस्ट्रेशन, परीक्षा फॉर्म भरे जाने को लेकर विवादों में रहता है. ताजा मामला बाघमारा कॉलेज के सत्र 2020-22 का है, जहां इंटर में पढ़ने वाले 529 छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में, सभी जातियों के विद्यार्थियों को सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया है, जिसके कारण विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप से वंचित रहना पड़ सकता है.

कॉलेज की लापरवाही

बाघमारा कॉलेज ने एससी, एसटी, पिछड़ा, अति पिछड़ा सभी जाति के छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में सामान्य जाति कर दिया गया है. कॉलेज की इस लापरवाही के कारण एससी, एसटी, पिछड़ा, अति पिछड़ा विद्यार्थियों को मिलने वाले सरकारी सुविधा से भविष्य में वंचित होना पड़ सकता है. भविष्य में अगर छात्र छात्राओ को स्कॉलरशिप नही मिलता, तो इसकी जवाबदेही कॉलेज प्रबंधन की होगी.

छात्र-छात्राएं सामान्य जाति में शामिल

जब सामान्य जाति में शामिल करने की बात कुछ विद्यार्थियों और उनके परिजनों को पता चली, तो वे आनन फानन में कॉलेज पहुंच गए और फॉर्म चेक लिस्ट को देखने की मांग की. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने पहले तो चेक लिस्ट दिखाने से मना कर दिया, बाद में जब विद्यार्थियों और उनके परिजनों की ओर से हंगामा किया गया, तो चेक लिस्ट देखने को दिया गया. चेक लिस्ट को देख विद्यार्थियों और उनके परिजनों के होश ही उड़ गए. उनलोगों ने जो सुना था, वह चेक लिस्ट को देखने पर सच पाया. सभी जातियों के छात्र-छात्राओं को सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया था.

पढ़ेंः पीएम मोदी आज उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक

परिजनों से की बहस

मामले को लेकर इंटर के छात्र सुजीत कुमार मंडल ने बताया कि उसे पता चला था कि कॉलेज ने लापरवाही की है. अति पिछड़ा होने के बावजूद उसे सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया है. पहले तो कॉलेज प्रबंधन ने चेक लिस्ट नहीं देखने दिया, बाद में अपने पिता सुजीत मंडल के साथ कॉलेज आये, तो रजिस्ट्रेशन चेक लिस्ट देखने दिया गया. इस बारे में जब कॉलेज प्रबंधन से बात किया तो कहा गया कि जाति प्रमाण पत्र फॉर्म के साथ जमा नहीं किया गया था, जबकि फॉर्म के साथ सभी स्कूल, जाति प्रमाण पत्र जमा किया गया था. इस बात को लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर रंजीत कुमार ने उनसे और उसके पिता से बहस की.

क्या है कम्प्यूटर ऑपरेटर का कहना

इस बारे में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने कहा कि उसकी कोई गलती नहीं है. विद्यार्थियों की ओर से जाति प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया था. जाति प्रमाण पत्र सिस्टम में अपलोड नहीं हो रहा है, यह प्रचार्य सुनील साहू को बताया गया था. प्रचार्य ने बताया कि जो भी गलती हुई है, उसे काउंसिल से सुधार करवाया जाएगा. यह गलती कम्प्यूटर ऑपरेटर की है. इससे पहले भी कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती के कारण कॉलेज प्रबंधन को पांच हजार लेट फाइन के साथ 14 छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा गया.

धनबाद: जिला के बाघमारा कॉलेज बाघमारा हर बार छात्र छात्राओं के रजिस्ट्रेशन, परीक्षा फॉर्म भरे जाने को लेकर विवादों में रहता है. ताजा मामला बाघमारा कॉलेज के सत्र 2020-22 का है, जहां इंटर में पढ़ने वाले 529 छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में, सभी जातियों के विद्यार्थियों को सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया है, जिसके कारण विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप से वंचित रहना पड़ सकता है.

कॉलेज की लापरवाही

बाघमारा कॉलेज ने एससी, एसटी, पिछड़ा, अति पिछड़ा सभी जाति के छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में सामान्य जाति कर दिया गया है. कॉलेज की इस लापरवाही के कारण एससी, एसटी, पिछड़ा, अति पिछड़ा विद्यार्थियों को मिलने वाले सरकारी सुविधा से भविष्य में वंचित होना पड़ सकता है. भविष्य में अगर छात्र छात्राओ को स्कॉलरशिप नही मिलता, तो इसकी जवाबदेही कॉलेज प्रबंधन की होगी.

छात्र-छात्राएं सामान्य जाति में शामिल

जब सामान्य जाति में शामिल करने की बात कुछ विद्यार्थियों और उनके परिजनों को पता चली, तो वे आनन फानन में कॉलेज पहुंच गए और फॉर्म चेक लिस्ट को देखने की मांग की. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने पहले तो चेक लिस्ट दिखाने से मना कर दिया, बाद में जब विद्यार्थियों और उनके परिजनों की ओर से हंगामा किया गया, तो चेक लिस्ट देखने को दिया गया. चेक लिस्ट को देख विद्यार्थियों और उनके परिजनों के होश ही उड़ गए. उनलोगों ने जो सुना था, वह चेक लिस्ट को देखने पर सच पाया. सभी जातियों के छात्र-छात्राओं को सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया था.

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परिजनों से की बहस

मामले को लेकर इंटर के छात्र सुजीत कुमार मंडल ने बताया कि उसे पता चला था कि कॉलेज ने लापरवाही की है. अति पिछड़ा होने के बावजूद उसे सामान्य जाति में शामिल कर दिया गया है. पहले तो कॉलेज प्रबंधन ने चेक लिस्ट नहीं देखने दिया, बाद में अपने पिता सुजीत मंडल के साथ कॉलेज आये, तो रजिस्ट्रेशन चेक लिस्ट देखने दिया गया. इस बारे में जब कॉलेज प्रबंधन से बात किया तो कहा गया कि जाति प्रमाण पत्र फॉर्म के साथ जमा नहीं किया गया था, जबकि फॉर्म के साथ सभी स्कूल, जाति प्रमाण पत्र जमा किया गया था. इस बात को लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर रंजीत कुमार ने उनसे और उसके पिता से बहस की.

क्या है कम्प्यूटर ऑपरेटर का कहना

इस बारे में कम्प्यूटर ऑपरेटर ने कहा कि उसकी कोई गलती नहीं है. विद्यार्थियों की ओर से जाति प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया था. जाति प्रमाण पत्र सिस्टम में अपलोड नहीं हो रहा है, यह प्रचार्य सुनील साहू को बताया गया था. प्रचार्य ने बताया कि जो भी गलती हुई है, उसे काउंसिल से सुधार करवाया जाएगा. यह गलती कम्प्यूटर ऑपरेटर की है. इससे पहले भी कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती के कारण कॉलेज प्रबंधन को पांच हजार लेट फाइन के साथ 14 छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा गया.

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