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SNMMCH में 12 लोगों की मौत, जानें क्या है हकीकत

धनबाद SNMMCH में 12 लोगों की मौत की वजह सांस लेने में तकलीफ बताई जा रही है (Death due to Low air quality in Dhanbad). बताया जा रहा है कि शहर में वायु प्रदूषण चरम पर है, हालांकि, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धनबाद की शाखा ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. वहीं इन 12 मौतों पर SNMMCH के अधीक्षक का बयान सामने आया है, जो इस दावे से अलग है.

Death due to Low air quality in Dhanbad
धनबाद SNMMCH में भर्ती मरीज
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Published : Jan 5, 2023, 9:47 PM IST

अरुण कुमार बर्णवाल, SNMMCH अधीक्षक

धनबाद: बीते सोमवार और मंगलवार, दो दिनों में धनबाद SNMMCH में 12 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि धनबाद में 12 लोगों की मौत सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई. साथ ही यह भी चर्चा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 मापा गया था, जो बेहद खराब है (Death due to Low air quality in Dhanbad). वहीं, SNMMCH के अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि ये मौतें सिर्फ सांस की तकलीफों के कारण नहीं बल्कि अन्य कारणों से भी हुई है (SNMMCH Superintendent on death of many).


ये भी पढ़ें: धनबाद में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, 2 दिन में सांस लेने में तकलीफ वाले 12 मरीजों की मौत


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई आंकड़ा नहीं: हालांकि, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धनबाद की शाखा में प्रदूषण से संबंधित आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है. जनवरी महीने की आंकड़े की तो दूर की बात है. अभी तक दिसंबर महीने का आंकड़ा भी कंप्लीट नहीं हो सका है. कार्यालय से जानकारी लेने पर पता चला कि दिसंबर महीने के प्रदूषण का आंकड़ा कंप्लीट होने में अभी चार पांच दिन लगेगा. वहीं, निगम की ओर से भी शहर में प्रदूषण मापने के लिए अलग-अलग स्थानों पर यंत्र लगाए जा रहे हैं, लेकिन यह अभी डेमो के रूप में काम कर रहा है. यह कार्य अभी कंप्लीट नहीं हुआ है. नगर निगम के पास प्रदूषण संबंधित कोई भी आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र कुमार निषाद


अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल ने क्या कहा: SNMMCH के अधीक्षक ने ईटीवी भारत को बताया कि कोयलांचल में धूल की समस्या है. जाड़े के दिन में यह धूल कण ओसकणों पर बैठ जाते हैं. जिस कारण धुंध हो जाती है. धूल में दोनों, धूल और ठंड कण एक साथ हो जाते हैं. दोनों ही चीजे सांस की बीमारी को जन्म देती है, जो लोग सांस की समस्या से पहले बीमार रहते हैं. उनके लिए यह कई गुना तक बढ़ जाती है. सोमवार और मंगलवार को अस्पताल में हुई 12 मौतों पर उन्होंने कहा कि सिर्फ सांस की समस्या से इतने लोगों की मौत नहीं हुई है, बल्कि उन्हें अन्य बीमारियां भी रहती है.


डॉक्टर ने दी सलाह: डॉक्टर अरुण कुमार बर्णवाल ने सलाह दी है कि लोगों को धूल से बचना चाहिए. ठंड ज्यादा है तो उससे बचना चाहिए. गर्म कपड़े पहनने चाहिए, ज्यादा ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए. ज्यादा उम्र के लोगों को अधिक दिक्कत होती है. लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर से चेकआप करा लें.

अरुण कुमार बर्णवाल, SNMMCH अधीक्षक

धनबाद: बीते सोमवार और मंगलवार, दो दिनों में धनबाद SNMMCH में 12 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि धनबाद में 12 लोगों की मौत सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई. साथ ही यह भी चर्चा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 मापा गया था, जो बेहद खराब है (Death due to Low air quality in Dhanbad). वहीं, SNMMCH के अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल का कहना है कि ये मौतें सिर्फ सांस की तकलीफों के कारण नहीं बल्कि अन्य कारणों से भी हुई है (SNMMCH Superintendent on death of many).


ये भी पढ़ें: धनबाद में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, 2 दिन में सांस लेने में तकलीफ वाले 12 मरीजों की मौत


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई आंकड़ा नहीं: हालांकि, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धनबाद की शाखा में प्रदूषण से संबंधित आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है. जनवरी महीने की आंकड़े की तो दूर की बात है. अभी तक दिसंबर महीने का आंकड़ा भी कंप्लीट नहीं हो सका है. कार्यालय से जानकारी लेने पर पता चला कि दिसंबर महीने के प्रदूषण का आंकड़ा कंप्लीट होने में अभी चार पांच दिन लगेगा. वहीं, निगम की ओर से भी शहर में प्रदूषण मापने के लिए अलग-अलग स्थानों पर यंत्र लगाए जा रहे हैं, लेकिन यह अभी डेमो के रूप में काम कर रहा है. यह कार्य अभी कंप्लीट नहीं हुआ है. नगर निगम के पास प्रदूषण संबंधित कोई भी आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र कुमार निषाद


अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल ने क्या कहा: SNMMCH के अधीक्षक ने ईटीवी भारत को बताया कि कोयलांचल में धूल की समस्या है. जाड़े के दिन में यह धूल कण ओसकणों पर बैठ जाते हैं. जिस कारण धुंध हो जाती है. धूल में दोनों, धूल और ठंड कण एक साथ हो जाते हैं. दोनों ही चीजे सांस की बीमारी को जन्म देती है, जो लोग सांस की समस्या से पहले बीमार रहते हैं. उनके लिए यह कई गुना तक बढ़ जाती है. सोमवार और मंगलवार को अस्पताल में हुई 12 मौतों पर उन्होंने कहा कि सिर्फ सांस की समस्या से इतने लोगों की मौत नहीं हुई है, बल्कि उन्हें अन्य बीमारियां भी रहती है.


डॉक्टर ने दी सलाह: डॉक्टर अरुण कुमार बर्णवाल ने सलाह दी है कि लोगों को धूल से बचना चाहिए. ठंड ज्यादा है तो उससे बचना चाहिए. गर्म कपड़े पहनने चाहिए, ज्यादा ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए. ज्यादा उम्र के लोगों को अधिक दिक्कत होती है. लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर से चेकआप करा लें.

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