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आईआईटी आईएसएम से सूर्य ग्रहण 2022 का नजारा कैसे दिखा, जानें छात्र-छात्राओं की जुबानी

दुनिया ने दिवाली 2022 के अगले दिन अद्भुत खगोलीय घटना (Amazing Celestial Event) देखी. इस दिन आंशिक सूर्य ग्रहण 2022 लगा. इस सूर्य ग्रहण 2022 का नजारा आईआईटी आईएसएम के छात्र छात्राओं ने भी देखी.

Solar Eclipse 2022 View from IIT ISM Dhanbad
आईआईटी आईएसएम से सूर्य ग्रहण 2022 का नजारा
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Published : Oct 25, 2022, 8:32 PM IST

धनबाद: देश के जाने-माने शिक्षण संस्थान आईआईटी आईएसएम धनबाद के छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को माइनिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार की अगुवाई में विज्ञान भवन की छत से सूर्य ग्रहण 2022 का नजारा (Surya Grahan 2022) देखा.

ये भी पढ़ें-Solar eclipse 2022: रांची में सूर्य ग्रहण की तस्वीरें


आईआईटी-आईएसएम के भूगर्भ शास्त्र विभाग द्वारा बड़ी खगोलीय घटनाओं के मौके पर छात्र-छात्राओं के लिए सौर मंडल की इन घटनाओं से रूबरू कराने के लिए व्यवस्था की जाती है. चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्रग्रहण संस्थान के छात्र और अध्यापक इसे जरूर देखते हैं और इसके बाद इस पर विचार विमर्श करते हैं. इसी कड़ी में मंगलवार 25 अक्टूबर के दिन आंशिक सूर्य ग्रहण 2022 की घटना को स्टूडेंट्स को दिखाने के लिए संस्थान में व्यवस्था की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा इस अद्भुत सौर घटना 2022 के गवाह बने.

देखें पूरी खबर
मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि भारतीय वास्तुशास्त्रियों, ज्योतिष शास्त्रियों द्वारा पूर्व में जितनी भी गणना की गई हैं, उसे आज नासा एवं अन्य बड़े संस्थानों के वैज्ञानिक सच साबित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत पूर्व से ही ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में आगे रहा है. हमें अपने वैदिक एवं बौद्धिक क्षमता पर गर्व होना चाहिए. सोलर घटना को देखकर छात्र-छात्रा रोमांचित नजर आए.

धनबाद में इस समय दिखा सूर्य ग्रहणः धनबाद में शाम 4.42 से शाम 5.12 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखा. डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि अगला सूर्य ग्रहण 2027 में दिखेगा. मेरी कोशिश होती है कि विद्यार्थियों को हर सूर्य ग्रहण को टेलिस्कोप से दिखाएं. इसलिए एस्ट्रोनॉमिकल टेलीस्कोप की व्यवस्था की थी.

सूर्य ग्रहण क्या हैः बता दें कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है. इसके चलते कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है. इसके कारण सूर्य का बिम्ब चंद्रमा से ढंक जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंचता है और अंधेरा छा जाता है. इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं. यह हमेशा अमावस्या के दिन ही होता है. अधिकांशतया चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढंकता है, जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. कार्तिक अमावस्या 2022 यानी दिवाली 2022 पर लगने वाला सूर्य ग्रहण 2022, आंशिक सूर्य ग्रहण ही है.

जानकारों के अनुसार पूर्ण ग्रहण बहुत कम क्षेत्रों में ही देखा जाता है. इसका दायरा करीब 250 किलोमीटर ही होता है. इस एरिया से बाहर खंडग्रास ग्रहण या आंशिक ग्रहण ही दिखता है. पूर्ण ग्रहण के समय चांद को सूर्य के सामने से गुजरने में दो घंटे लगते हैं और चांद ज्यादा से ज्यादा सात मिनट के लिए सूर्य को पूरी तरह से ढंक पाता है.

धनबाद: देश के जाने-माने शिक्षण संस्थान आईआईटी आईएसएम धनबाद के छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को माइनिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार की अगुवाई में विज्ञान भवन की छत से सूर्य ग्रहण 2022 का नजारा (Surya Grahan 2022) देखा.

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आईआईटी-आईएसएम के भूगर्भ शास्त्र विभाग द्वारा बड़ी खगोलीय घटनाओं के मौके पर छात्र-छात्राओं के लिए सौर मंडल की इन घटनाओं से रूबरू कराने के लिए व्यवस्था की जाती है. चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्रग्रहण संस्थान के छात्र और अध्यापक इसे जरूर देखते हैं और इसके बाद इस पर विचार विमर्श करते हैं. इसी कड़ी में मंगलवार 25 अक्टूबर के दिन आंशिक सूर्य ग्रहण 2022 की घटना को स्टूडेंट्स को दिखाने के लिए संस्थान में व्यवस्था की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा इस अद्भुत सौर घटना 2022 के गवाह बने.

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मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि भारतीय वास्तुशास्त्रियों, ज्योतिष शास्त्रियों द्वारा पूर्व में जितनी भी गणना की गई हैं, उसे आज नासा एवं अन्य बड़े संस्थानों के वैज्ञानिक सच साबित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत पूर्व से ही ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में आगे रहा है. हमें अपने वैदिक एवं बौद्धिक क्षमता पर गर्व होना चाहिए. सोलर घटना को देखकर छात्र-छात्रा रोमांचित नजर आए.

धनबाद में इस समय दिखा सूर्य ग्रहणः धनबाद में शाम 4.42 से शाम 5.12 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखा. डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि अगला सूर्य ग्रहण 2027 में दिखेगा. मेरी कोशिश होती है कि विद्यार्थियों को हर सूर्य ग्रहण को टेलिस्कोप से दिखाएं. इसलिए एस्ट्रोनॉमिकल टेलीस्कोप की व्यवस्था की थी.

सूर्य ग्रहण क्या हैः बता दें कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है. इसके चलते कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है. इसके कारण सूर्य का बिम्ब चंद्रमा से ढंक जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंचता है और अंधेरा छा जाता है. इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं. यह हमेशा अमावस्या के दिन ही होता है. अधिकांशतया चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढंकता है, जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं. कार्तिक अमावस्या 2022 यानी दिवाली 2022 पर लगने वाला सूर्य ग्रहण 2022, आंशिक सूर्य ग्रहण ही है.

जानकारों के अनुसार पूर्ण ग्रहण बहुत कम क्षेत्रों में ही देखा जाता है. इसका दायरा करीब 250 किलोमीटर ही होता है. इस एरिया से बाहर खंडग्रास ग्रहण या आंशिक ग्रहण ही दिखता है. पूर्ण ग्रहण के समय चांद को सूर्य के सामने से गुजरने में दो घंटे लगते हैं और चांद ज्यादा से ज्यादा सात मिनट के लिए सूर्य को पूरी तरह से ढंक पाता है.

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