धनबाद: कतरास स्थित मां लिलोरी मंदिर(Maa Lilori Temple) परिसर में दुकानदारों, धर्मशाला संचालक और पुजारियों ने बैठक की. इस बैठक के दौरान कोरोना के कारण बंद पड़े मंदिर को खोलने की मांग की है. श्रद्धालुओं के नहीं पहुंचने के कारण दुकानदारों को दो वक्त की रोटी की आफत पड़ी हुई है.
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एक साल से नहीं खुले हैं मंदिर
बैठक के दौरान भाजपा नेता सह धर्मशाला संचालक सुरेश महतो ने कहा कि कोरोना के कारण लिलोरी मंदिर करीब एक वर्ष से अधिक समय से बंद है. जिससे कि यहां के पुजारी, दुकानदारों और धर्मशाला संचालकों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. राज्य में कोरोना के सामान्य स्थिति को देखते हुए सरकार ने रेस्टोरेंट, कपड़ा दुकान समेत दूसरे प्रकार के प्रतिष्ठानों को खोल दिया है लेकिन अभी तक मंदिरों को खोलने का आदेश नहीं दिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द विचार कर कोरोना गाइडलाइन की शर्तों के साथ मंदिर खोलने का आदेश दे. साथ ही शादी विवाह में कम से कम 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति सरकार दे. ताकि मंदिर के पुजारी, स्थानीय दुकानदार और धर्मशाला संचालक अपनी रोजी रोजगार चला सके.
मंदिर नहीं खुलने से पुजारियों का घर चलाना मुश्किल
वहीं पुजारियों ने भी अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि हमारे घरों में भी कुछ यही हाल है. मंदिर में श्रद्धालुओं के नहीं आने से हमारी भी माली हालत काफी दयनीय हो चुकी है. पुजारियों का कहना है कि सिर्फ मंदिर खुला रहने से हमरा पेट नहीं भरेगा. श्रद्धालुओं के दान, दक्षिणा से ही परिवार का गुजर बसर चलता है. सरकार को चाहिए कि जिस तरह से बाजार के दुकानों को खोलने की समय सीमा तय की गई है. ठीक उसी तरह मंदिर में भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए समय सीमा निर्धारित हो. इसके साथ ही सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए के एक नियम बनाना चाहिए. पहले से कोरोना की रफ्तार काफी कम हुई है. सरकार को नियम और शर्तों के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए परमिशन देना चाहिए.