धनबादः निरसा विधानसभा क्षेत्र में संथाली समाज ने एग्यारकुंड प्रखंड के कालीमाटी मोहलबना ग्राम में नगर भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने संथाली भाषा को झारखंड राज्य की भाषा में प्राथमिकता देने की मांग की.
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संथाली भाषा में कराएं पढ़ाई
संस्था सचिव वकील टूडू ने बताया कि दो दशक बीत जाने के बाद भी अब तक संथाली भाषा को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. वर्ष 2003 में भारत की आठवीं अनुसूची में संथाली भाषा को सम्मिलित किया गया है, लेकिन आज तक संथाली भाषा के विकास के लिए खास कदम नहीं उठाए गए. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि संथाली भाषा को झारखंड में प्राथमिकता दी जाए. प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक में पठन-पाठन संथाली भाषा में कराया जाए.