धनबाद: झरिया सब्जी मंडी के पास रहने वाले सुजीत पांडेय के 25 साल के बेटे सागर आनन्द पांडेय की हत्या गला दबाकर की गई थी. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है. आनंद बिहार में कैमूर जिले के चैनपुर थानाक्षेत्र के जागरीया गांव में किराया के मकान में रहता थे. कैमूर में वह बिस्कोमॉन उर्वरक वितरण केंद्र के गोदाम में सहायक प्रबंधक के रूप में काम करते थे. 11 जनवरी को उसका शव कमरे में संदिग्ध अवस्था मे मिला था. बिजली एक्सटेंशन बोर्ड के तार से आनंद का शव लोहे की जाली में लटका मिला था, जबकि मकान में ताला लगा हुआ था. घटना के बाद से ही हत्या के कयास लगाए जा रहे थे.
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मामले के आईओ एसआई राम रतन पंडित के मुताबिक मामले में गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई है. दर्जन भर लोगों से पूछताछ की गई है. लेकिन अब तक किसी नतीजे पर पुलिस नहीं पहुंच सकी है. कॉल डिटल्स की जांच के बाद पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएगी. कुछ लोगों को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ कर छोड़ दिया गया है. उनके खिलाफ पुलिस को पुख्ता सबूत नहीं मिल सके.
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि 9 और 10 जनवरी को तीन हजार बैग से भी अधिक यूरिया का वितरण किया जाना था. वितरण का काम सहायक प्रबंधक आनंद ने 11 जनवरी को शुरू किया था. लेकिन 11 जनवरी की रात को ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई.
सहायक प्रबंधक की गला दबाकर की गई थी हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा - धनबाद न्यूज
कैमूर में सहायक प्रबंधक की हत्या गला दबाकर की गई थी. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है.
धनबाद: झरिया सब्जी मंडी के पास रहने वाले सुजीत पांडेय के 25 साल के बेटे सागर आनन्द पांडेय की हत्या गला दबाकर की गई थी. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है. आनंद बिहार में कैमूर जिले के चैनपुर थानाक्षेत्र के जागरीया गांव में किराया के मकान में रहता थे. कैमूर में वह बिस्कोमॉन उर्वरक वितरण केंद्र के गोदाम में सहायक प्रबंधक के रूप में काम करते थे. 11 जनवरी को उसका शव कमरे में संदिग्ध अवस्था मे मिला था. बिजली एक्सटेंशन बोर्ड के तार से आनंद का शव लोहे की जाली में लटका मिला था, जबकि मकान में ताला लगा हुआ था. घटना के बाद से ही हत्या के कयास लगाए जा रहे थे.
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मामले के आईओ एसआई राम रतन पंडित के मुताबिक मामले में गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई है. दर्जन भर लोगों से पूछताछ की गई है. लेकिन अब तक किसी नतीजे पर पुलिस नहीं पहुंच सकी है. कॉल डिटल्स की जांच के बाद पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएगी. कुछ लोगों को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ कर छोड़ दिया गया है. उनके खिलाफ पुलिस को पुख्ता सबूत नहीं मिल सके.
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि 9 और 10 जनवरी को तीन हजार बैग से भी अधिक यूरिया का वितरण किया जाना था. वितरण का काम सहायक प्रबंधक आनंद ने 11 जनवरी को शुरू किया था. लेकिन 11 जनवरी की रात को ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई.