धनबाद: जिले में हुए भू धंसान में समाई तीनों महिलाओं के रेस्क्यू का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा. सोमवार को भी महिलाओं के क्षत विक्षत शव निकले गए. घटना के बाद से इलाके के ग्रामीणों में बेहद आक्रोश है. जिसे देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को भी रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है.
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दरअसल, रविवार को बीसीसीएल की कुसुंडा क्षेत्र के गोंदूडीह कोलियरी में संचालित एक आउटसोर्सिंग कंपनी के पास हुई भूं धसान की घटना में तीन महिलाएं जमीन के अंदर समा गई. जिसके बाद बीसीसीएल द्वारा उनकी रेस्क्यू की जा रही है. पहले दिन की रेस्क्यू के बाद दूसरे दिन सोमवार को भी रेस्क्यू जारी है. पहले दिन भी रेस्क्यू के जरिए क्षत विक्षत शव गोफ से निकाले गए थे. सोमवर को भी रेस्क्यू के दौरान महिलाओं के क्षत विक्षत शव निकाले गए. घटना स्थल पर स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम के साथ एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू में जुटी हुई है.
स्थानीय विधायक को ठहराया घटना के लिए जिम्मेदार: घटना स्थल पर ग्रामीण महिलाओं की भीड़ जुटी हुई है. बीसीसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है. स्थानीय विधायक मथुरा महतो के खिलाफ मीडिया के समक्ष ग्रामीण महिलाएं आग बबूला नजर आईं. स्थानीय महिलाओं ने हादसे के लिए मथुरा महतो को जिम्मेदार ठहराया है. महिलाओं ने कहा कि पिछले 3 सालों से मथुरा महतो के पास पुनर्वास की मांग के लिए दौड़ रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा कोई भी सार्थक पहल नहीं की गई. जिस कारण आज यह हादसा हुआ है. महिलाओं ने कहा कि विधायक मथुरा महतो की झारखंड में सरकार है. लेकिन उनके द्वारा हमारे बारे में कोई भी कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने सिर्फ अपनी जेब भरने का काम किया है. स्थानीय महिलाओं ने सुरक्षित पुनर्वास करने की मांग सरकार से की है.
बता दें कि बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र के गोंडूडीह कांटा घर से गोंडूडीह माइंस तक जाने वाली मुख्य सड़क पर रविवार को भू धंसान की घटना घटी थी. इस हादसे में छोटकी बौआ बस्ती की रहने वाली परला देवी, ठंढी देवी और मंदवा देवी गोफ के अंदर समा गईं.