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रेलवे के निजीकरण सहित अन्य मांगों पर कर्मचारियों का मशाल जुलूस, कहा-सरकार को फैसला बदलने पर करेंगे मजबूर - ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन धनबाद

धनबाद में भी रेलवे के निजीकरण का विरोध किया गया. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले, जन जागरण सप्ताह के पांचवे दिन हिल कॉलोनी स्थित कार्यालय से एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया.

railway's employees took out torch procession in dhanbad
मशाल जुलूस
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Published : Sep 19, 2020, 12:16 AM IST

धनबाद: रेलवे के निजीकरण के साथ-साथ अन्य विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले, जन जागरण सप्ताह के पांचवें दिन हिल कॉलोनी के कार्यालय से एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया, जो यूनियन ऑफिस से चलकर रेलवे हिल कॉलोनी होते हुए स्टेशन तक गई.

जबरन किया जा रहा रिटायर

मीडिया से बात करते हुए सचिव पीके मिश्रा ने कहा की सरकार रेलवे का निजीकरण करना चाहती है और उस दिशा में बहुत आगे तक बढ़ चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से रेल कर्मचारियों को 50/55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष सेवा के आधार पर मनमाने तरीके से जबरन रिटायर्ड करने की योजना बना चुकी है. यह सरकार ये फैसला उचित नहीं है और छंटनी करने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- धनबाद में हिट एंड रन मामले में आश्रितों को मिला मुआवजा, तीन आश्रितों को मिले 25-25 हजार

तेज होगा आंदोलन

उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाई का निजीकरण करने, रेल मंत्रालय की ओर से 50% पदों को सरेंडर करने, रिक्त पदों को नहीं भरने की दिशा में कदम उठा कर जन भावनाओं को भड़का रही है. यही वजह है कि तमाम रेलवे यूनियन से जुड़े कर्मचारी आंदोलन की राह पर है. सरकार का यह फैसला हमें मंजूर नहीं और आने वाले समय में सरकार को अपना फैसला हर हाल में बदलना ही होगा.

धनबाद: रेलवे के निजीकरण के साथ-साथ अन्य विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले, जन जागरण सप्ताह के पांचवें दिन हिल कॉलोनी के कार्यालय से एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया, जो यूनियन ऑफिस से चलकर रेलवे हिल कॉलोनी होते हुए स्टेशन तक गई.

जबरन किया जा रहा रिटायर

मीडिया से बात करते हुए सचिव पीके मिश्रा ने कहा की सरकार रेलवे का निजीकरण करना चाहती है और उस दिशा में बहुत आगे तक बढ़ चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से रेल कर्मचारियों को 50/55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष सेवा के आधार पर मनमाने तरीके से जबरन रिटायर्ड करने की योजना बना चुकी है. यह सरकार ये फैसला उचित नहीं है और छंटनी करने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है.

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तेज होगा आंदोलन

उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाई का निजीकरण करने, रेल मंत्रालय की ओर से 50% पदों को सरेंडर करने, रिक्त पदों को नहीं भरने की दिशा में कदम उठा कर जन भावनाओं को भड़का रही है. यही वजह है कि तमाम रेलवे यूनियन से जुड़े कर्मचारी आंदोलन की राह पर है. सरकार का यह फैसला हमें मंजूर नहीं और आने वाले समय में सरकार को अपना फैसला हर हाल में बदलना ही होगा.

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