धनबादः जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में 11 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना के बाद रविवार को वह 8 माह की गर्भवती हो चुकी है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन इसके बाद उस पीड़ित बच्ची को उसी हाल में छोड़ कर प्रशासन भूल गई. प्रशासन ने उस पीड़ित बच्ची की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा.
भाजपा नेत्री ने किया विरोध
रविवार को झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी सह भाजपा नेत्री रागिनी सिंह पीड़ित बच्ची से मिली और उसे इलाज के लिए अपने साथ ले गई. इस दौरान स्थानीय लोगों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला और जमकर प्रदर्शन किया है. इस दौरान रागिनी सिंह ने मामले को लेकर सरकार और प्रशासन पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि बच्ची के साथ इतनी ज्यादती होने के साथ भी प्रशासन ने सिर्फ आरोपी को जेल भेजना ही मुनासिब समझा. पीड़ित बच्ची के लिए प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई. पीड़ित बच्ची को उसे अपने हाल पर तिल-तिल मरने के लिए छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय हो गई है. उन्होंने कहा कि झारखंड में बहु-बेटियां सुरक्षित नहीं रह गईं हैं. आए दिन इस तरह की घटनाएं घट रही हैं, लेकिन प्रशासन के लोग हांथ पर हांथ धर कर बैठे हुए हैं. जिस इंसान ने इस घिनौने काम किया है, वह एक नहीं बल्कि दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया है. इस मामले को लेकर भाजपा नेत्री ने फांसी की मांग की है.
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वहीं सीडब्ल्यूसी की सदस्य विद्योत्तमा बंसल ने इस मामले पर बताया कि पीड़ित बच्ची को बालिका गृह में देखभाल के लिए रखने को परिजनों को कहा गया था, लेकिन परिजन इस पर सहमत नहीं हुए. परिजनों का कहना था कि वे घर पर ही बच्ची की देखभाल करंगे. इसके साथ ही बच्ची के परिजनों को डालसा में एक आवेदन देने को कहा गया था, ताकि बच्ची को डालसा की ओर से साढ़े तीन लाख की राशि मिल सके. बता दें कि, जून महीने में बच्ची के परिजनों को मामले की जानकारी हुई थी, जिसके बाद परिजनों ने केंदुआडीह थाना में शिकायत की थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.