धनबाद: भारतीय औद्योगिक अनुसंधान श्रमिक संघ के बैनर तले सिंफर के कर्मचारियों ने सिंफर के मुख्य गेट पर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान प्रबंधन विरोधी नारे भी लगाए गए. संघ के नेताओं का कहना है कि सिंफर प्रबंधन ने गलत आरोप लगाकर बिना किसी नोटिस के 3 महीने पहले 17 कर्मचारियों को हटा दिया था.
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वृहद आंदोलन की चेतावनी
इस संबंध में प्रबंधन से तीन बार वार्ता भी की गई. आरएलसी की ओर से सिंफर प्रबंधन की इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया गया है. बावजूद इसके प्रबंधन इस मामले पर कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है. संघ का आरोप है कि 20 वर्षों से कर्मियों को मिलने वाली मेडिकल सुविधा और बच्चों की पढ़ाई की सुविधा भी समाप्त कर दिया गया है, जो असंवैधानिक और गैरकानूनी है. सिंफर से हटाए गए 17 कर्मियों को वापस कार्य पर रखने की मांग संघ ने की है. मांगे पूरी नहीं होती होने पर वृहद आंदोलन की चेतावनी संघ ने दी है.
बता दें कि 3 महीने पहले कुछ कर्मियों ने सिंफर परिसर में हंगामा किया था, जिसके बाद प्रबंधन ने 17 कर्मियों के ऊपर कार्रवाई की थी. अब उन 17 कर्मियों को लेकर भारतीय मजदूर संघ और सिंफर प्रबंधन आमने-सामने है.