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मोदी सरकार 2.0 के शिक्षा बजट पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया, क्या कुछ कहा आइये जानते हैं

केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को लोकसभा में पेश हुआ, इसे लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं. किसी ने बजट को बेहतर बताया तो किसी ने इस बजट को लोकलुभावन बताया है. सरकार पर इस बजट को लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी हमला बोला.

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Published : Jul 6, 2019, 12:52 PM IST

आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया

धनबाद: मोदी सरकार पार्ट 2 का पहला बजट आ गया. इस बजट को लेकर देशभर के लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. धनबाद में भी इस बजट को लेकर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. शिक्षा बजट को लेकर छात्रों में खासा उत्साह है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि जबतक यह योजना धरातल पर नहीं उतर जाती जबतक इसे सफल नहीं माना जा सकता है. केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा में 400 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है.

आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया

बजट को लेकर लोगों ने कहा कि उच्च शिक्षा का स्तर भारत में बहुत खराब है. सरकार के द्वारा शिक्षा में सुधार का प्रयास काबिले तारीफ है, लेकिन सरकार ने जो घोषणा की है उसे धरातल पर भी उतरना चाहिए. विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए सरकार ने जो घोषणा की है उसे भी लोगों ने सही माना है, लोगों ने कहा कि विश्व स्तर पर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भारत फिसड्डी रहा है.

वहीं, धनबाद के प्रसिद्ध कॉलेज पीके राय कॉलेज के प्रोफेसर एसकेएल दास ने भी सरकार के बजट की तारीफ की है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है, इसलिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ निम्न स्तर की शिक्षा पर भी सरकार को जोर देना चाहिए था, क्योंकि भारत में अभी भी 65 से 70% लोग सिर्फ साक्षर ही हैं शिक्षित नहीं है. ऐसे में प्राइमरी और मिडिल स्तर पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

धनबाद: मोदी सरकार पार्ट 2 का पहला बजट आ गया. इस बजट को लेकर देशभर के लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. धनबाद में भी इस बजट को लेकर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. शिक्षा बजट को लेकर छात्रों में खासा उत्साह है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि जबतक यह योजना धरातल पर नहीं उतर जाती जबतक इसे सफल नहीं माना जा सकता है. केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा में 400 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है.

आम बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया

बजट को लेकर लोगों ने कहा कि उच्च शिक्षा का स्तर भारत में बहुत खराब है. सरकार के द्वारा शिक्षा में सुधार का प्रयास काबिले तारीफ है, लेकिन सरकार ने जो घोषणा की है उसे धरातल पर भी उतरना चाहिए. विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए सरकार ने जो घोषणा की है उसे भी लोगों ने सही माना है, लोगों ने कहा कि विश्व स्तर पर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भारत फिसड्डी रहा है.

वहीं, धनबाद के प्रसिद्ध कॉलेज पीके राय कॉलेज के प्रोफेसर एसकेएल दास ने भी सरकार के बजट की तारीफ की है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है, इसलिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ निम्न स्तर की शिक्षा पर भी सरकार को जोर देना चाहिए था, क्योंकि भारत में अभी भी 65 से 70% लोग सिर्फ साक्षर ही हैं शिक्षित नहीं है. ऐसे में प्राइमरी और मिडिल स्तर पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:धनबाद :मोदी सरकार पार्ट 2 का पहला बजट आ गया.इस बजट को लेकर धनबाद के लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. अधिकांश छात्रों और अभिभावकों ने शिक्षा बजट को सही ठहराया है. खासकर उच्च शिक्षा में सरकार के द्वारा 400 करोड़ रुपए खर्च करने की बात को सही माना है लेकिन साथ ही साथ लोगों ने कहा है कि सिर्फ घोषणा नहीं सरकार के द्वारा की गई घोषणा धरातल पर भी उतरना चाहिए.


Body:धनबाद के लोगों ने कहा कि उच्च शिक्षा का स्तर भारत में काफी गड़बड़ है. सरकार के द्वारा यह प्रयास काबिले तारीफ है, लेकिन सरकार ने जो घोषणा की है उस धरातल पर उतारना भी चाहिए. विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए सरकार ने जो घोषणा की है उसे भी लोगों ने सही माना है,लोगों ने कहा कि विश्व स्तर पर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भारत फिसड्डी रहा है. 5 साल पहले जहां एक भी इंस्टीट्यूट भारत के विश्व स्तर पर नहीं आते थे वही आज मात्र तीन इंस्टीट्यूट ही विश्व स्तर पर है, ऐसे में इस पर ध्यान देने की जरूरत थी जिसे सरकार ने पूरा किया है. वहीं गांधी पीडिया की भी जमकर तारीफ लोगों ने की है.


Conclusion:वहीं धनबाद के प्रसिद्ध कॉलेज पीके राय कॉलेज के प्रोफेसर एसकेएल दास ने भी सरकार के बजट की तारीफ की है लेकिन साथ ही साथ उन्होंने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है,इसलिए उच्च शिक्षा के साथ-साथ निम्न स्तर की शिक्षा पर भी सरकार को जोर देना चाहिए था. क्योंकि भारत में अभी भी 65 से 70% लोग सिर्फ साक्षर ही हैं शिक्षित नहीं है. ऐसे में प्राइमरी और मिडिल स्तर पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
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