धनबादः जिले में सिर पर मिट्टी लेकर एक खास जगह पर उस मिट्टी को फेंका जाता है, लेकिन लोग कोई घर बनाने के लिए मिट्टी इकट्ठा नहीं करते हैं, बल्कि इसके पीछे इनकी आस्था जुड़ी है. आस्था, भक्ति और उस विश्वास की जो लोगों को यहां तक खींच कर लाती है. मिट्टी फेंकने की पीछे लोगों की आस्था के पीछे की कहानी यह है कि अपनी मन्नत मांगने के लिए लोग यहां सिर पर मिट्टी रखकर फेंकते हैं. बरवाअड्डा जीटी रोड के किनारे बड़ा जमुआ गांव में दशकों से यहां खेलायचंडी मेला का आयोजन होता आ रहा है. हर साल मकर संक्रांति के दूसरे दिन मेले में हजारों लोगों की भीड़ यहां उमड़ती है. लोग यहां दूर-दूर से पहुंचते हैं. सिर पर मिट्टी रखकर तालाब की मेढ़ की किनारे पर फेंकते हैं.
मकर संक्रांति के दूसरे दिन यहां मेला का भी होता है आयोजनः वहीं इस अवसर पर यहां मेला का भी आयोजन किया जाता है. श्रद्धा पूर्वक मिट्टी फेंकने के बाद लोग यहां मेला का भी आनंद उठाते हैं. मेले में मिठाई और कई समानों की बिक्री होती है. मेले में तरह-तरह के झूले भी लगाए जाते हैं. जिससे लोगों का नए साल पर मनोरंजन भी हो जाता है.
सिर पर मिट्टी रखकर तालाब की मेढ़ पर फेंकने से होती है मनोकामना पूरीः वहीं इस संबंध में खेलायचंडी के पुजारी का कहना है कि लोग सिर पर मिट्टी को रख तालाब की मेढ़ पर फेंकते हुए मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर वे फिर से यहां आकर पूजा पाठ करते हैं. वहीं लोगों ने कहा कि सिर पर मिट्टी रखकर फेंकने से खेलायचंडी भगवान उनकी कामना पूरी करते हैं. मेले में पहुंची युवती ने बताया कि वह हर साल यहां आती है. भगवान खेलायचंडी उनकी मनोकामना पूरी की हैं. लोगों की आस्था भगवान खेलायचंडी से जुड़ी है. लोगों की आस्था ही उन्हें यहां खींचकर लाती है.
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