धनबादः कोरोना महामारी को लेकर जरूरतमंदों व गरीबों की सहायता के लिए सभी वर्ग सामने आ रहे हैं. हालांकि सरकार की ओर से भी हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि आपदा की इस घड़ी में कोई भी भूखा न रह पाए. इसी क्रम में स्थानीय भाजपा विधायक राज सिन्हा भी आगे आए हैं, लेकिन उन पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप लग रहा है.
जिले में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. लोगों को सतर्कता बरतने की कड़ी चेतावनी प्रशासन और सरकार के ओर से दी जा रही है, लेकिन बीजेपी विधायक राज सिन्हा प्रशासन और सरकार के आदेशों की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं.
दरअसल डीएस कॉलोनी में एक रेलकर्मी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद डीएस कॉलोनी और अजंतापाड़ा को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित कर सील करते हुए कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन विधायक राज सिन्हा अजंतापाड़ा के लिंडसे क्लब के समीप भीड़ इकट्ठा कर लोगों को अनाज बांटने का काम कर रहे हैं. इस दौरान उन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का आरोप है.
पूछने के बाद उन्होंने इसका ठीकरा हेमंत सरकार पर ही मढ़ दिया. धनबाद के बीजेपी विधायक राज सिन्हा जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री पहुंचाने को लेकर लोगों को भी जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं.
पूर्व में भी किया था नियम का उल्लंघन
पिछले दिनों उनके द्वारा झारखंड मैदान में भीड़ इकट्ठा कर जरूरतमंदों के बीच अनाज का वितरण किया गया था. इस दौरान बिल्कुल भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया, लेकिन तब जिले में एक भी कोराना पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गए थे.
अब जिले में 2 कोरोना मरीज मिल चुके हैं. कुमारधुबी में पहला व हीरापुर के डीएस कॉलोनी में दूसरा पॉजिटिव मरीज पाया गया है. संक्रमित मरीज मिलने के बाद एसडीएम राज महेश्वरम द्वारा मरीज के निवास स्थान को ईपी सेंटर के रूप में चिन्हित करते हुए डीएस कॉलोनी और अजंतापाड़ा को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित कर उसे सील कर दिया गया और तत्काल यहां कर्फ्यू लगा दिया गया.
ऐसे में बीजेपी विधायक राज सिन्हा द्वारा यह दूसरी बार गलती देखने को मिली है. उनके द्वारा अजंता पाड़ा के लिंडसे क्लब के पास भीड़ इकट्ठा कर लोगों के बीच अनाज का वितरण किया गया, जबकि प्रशासन की ओर से यह कर्फ्यू लगाया गया है.
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लोगों को घरों से निकलने की सख्त मनाही की गई है. वहीं जब इस संबंध में विधायक राज सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने इसका ठीकरा भी हेमंत सरकार के ऊपर फोड़ डाला. उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि जिनके पास कार्ड है अथवा जिनके पास कार्ड की सुविधा नहीं है.
ऐसे दोनों परिवारों को सरकार की ओर से अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता यह नहीं है जिनके पास कार्ड नहीं है. उन्हें अनाज के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
लोगों की सूचना पर वह अनुशंसा भी करते हैं, लेकिन अनुशंसा के बाद भी अनाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. धरातल पर बिना कार्ड वाले लोगों राशन नहीं उपलब्ध हो रहा.
डीसी से बात करने पर उनके द्वारा भी संतुष्ट जवाब नहीं दिया जाता है. ऐसे में हम गरीब तबके के लोगों को भूख से छटपटाते नहीं देख सकते हैं. बहरहाल विधायक की यह लापरवाही प्रशासन और सरकार की अवहेलना के साथ ही लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ करने के बराबर है.