धनबाद: बीसीसीएल एरिया-4 में संचालित कांटापहाड़ी एएमपीएल आउटसोर्सिंग माइंस में कोयला ओवरबर्डेन हटाने के लिए हैवी ब्लास्टिंग करवा रही है. इससे आसपास रहने लोगों की जान जोखिम में है. ब्लास्टिंग के दौरान दीवारों में कंपन होने से कई मकान ध्वस्त हो चुके हैं, काफी लोगों के घरों में दरार पड़ गई है.
बीसीसीएल जिसे भारत का मिनीरत्न भी कहा जाता है. अपनी उत्पादन क्षमता से देश को रोशन कर रहा है, पर स्थानीय प्रबंधन की कार्यशैली से कई ऐसे मामले भी देखने को मिलते हैं, जो आमजनों के लिए परेशानी का शबब बन रहा है. रविवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें बीसीसीएल की कार्यशैली से मौत के मुहाने पर एक परिवार खड़ा है. बीसीसीएल एरिया-4 में संचालित कांटापहाड़ी एएमपीएल आउटसोर्सिंग माइंस का इलाका, जहां स्थानीय बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से अनियमित तरीके से हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है. जिसका भयावह परिणाम यह हुआ कि केशलपुर कुम्हार बस्ती में एक घर का एक कमरा पूरी तरह गिर गया. गनीमत यह थी कि उस वक्त उस कमरे में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, नहीं तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
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मिट्टी का बर्तन बनाकर अपना जीवनयापन करनेवाला परिवार आज दहशत के साये में है. घटना को बयां करते हुए भुक्तभोगी महिला की आंखों में खौफ साफ झलक रहा है. इसी कमरे में मिट्टी का काम होने के कारण इनके रोजगार से जुड़ा सारा उपकरण और बड़ी मात्रा तैयार सामान भी नष्ट हो गए. पीड़ित परिवार की मानें तो पास में संचालित माइंस में ब्लास्टिंग के कारण बस्ती के कई घरों में दरार पड़ चुकी है. जिसके कारण आए दिन घर गिरते रहते हैं. बीसीसीएल मनमाने ढंग से उत्पादन को ध्यान में रखते हुए ब्लास्टिंग करती है. जबकि माइंस और बस्ती के बीच बहुत कम दूरी है, इसलिए स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रबंधन हैवी ब्लास्टिंग ना करते हुए एक तय मात्रा में ब्लास्टिंग करे, ताकि भविष्य में बस्ती के घरों को कोई नुकसान ना हो.