धनबाद: एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ब्लॉक कोर्डिनेटर को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जरीडीह प्रखंड कार्यालय से ब्लॉक कॉर्डिनेटर की गिरफ्तारी हुई है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पास कराने के लिए बांधडीह दक्षिणी के मुखिया से वह रिश्वत ले रहा था.
एसीबी की टीम ने जारीडीह प्रखंड के ब्लॉक कोर्डिनेटर को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के अनुसार कोऑर्डिनेटर की गिरफ्तारी एसीबी ने प्रखंड कार्यालय से की है. एसीबी की टीम आरोपी को अपने साथ धनबाद ले गयी. जहां उससे पूछताछ की जा रही है. आरोपी प्रधानमंत्री आवास योजना का ब्लॉक कोर्डिनेटर दीपक कपरदार बताया जा रहा है. जो बांधडीह दक्षिणी के मुखिया हकीम महतो से आवास पास करने के नाम पर 10 हजार रुपये मांग रहा था.
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बोकारो से गिरफ्तारी
मुखिया हकीम महतो ने इसकी शिकायत धनबाद एसीबी की टीम से की. शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम बोकारो पहुंची और जांच में जुट गयी. सूचना सहीं पाने के बाद आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद से जारीडीह प्रखंड में हड़कंप मच गया है. एसीबी कई दिनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा रखी थी.
इधर हजारीबाग सदर अस्पताल में कार्यरत दिवाकर अम्बष्ठ जो जिला डाटा मैनेजर के पद पर अपनी सेवा दे रहे थे. उन्हें 4,000 रुपए घूस देते हुए रंगे हाथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हजारीबाग के पदाधिकारियों ने गिरफ्तार किया है. जागेश्वर प्रसाद जो गोरिया करमा बरही थाना के निवासी हैं. उन्होंने आवेदन दिया था कि आयुर्वेद मेडिकल प्रैक्टिशनर क्लीनिक का नवीनीकरण कराने के एवज में घूस की मांग की जा रही है. यह नियम है कि आयुर्वेद डॉक्टरों को हर साल क्लीनिक का नवीनीकरण कराना होता है. इस बाबत दिवाकर अम्बष्ठ ने 5,000 रुफए रिश्वत की मांग की. आवेदक ने बताया कि दिवाकर ने लघु हस्ताक्षर करने के एवज में इस पैसे की मांग की थी. इस बात की सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी गई. उन्होंने आरोप की जांच करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है. दिवाकर को कोरोना जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
गढ़वा में भी गिरफ्तारी
पलामू एसीबी की टीम ने गढ़वा जिला के रेकड़ रूम के प्रधान लिपिक रविद्र पांडेय (Ravindra Pandey) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. एसीबी के डीएसपी ने बताया कि पलामू प्रमंडल में लगातार घूसखोरी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. जांच के दौरान प्रधान लिपिक पर घूस लेने का आरोप सही पाया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया.