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धनबादः वाह रे सिस्टम! पिता की अर्थी को कंधा देने से महरूम रह गया पुत्र

धनबाद में एक पुत्र अपने पिता की मौत हो जाने के बाद भी अर्थी को कंधा देने तक ना पहुंच सका. गोरखनाथ नामक शख्स ने बताया कि आवेदन देने के बाद भी उसे पास नहीं मिला है. जिसके कारण वह अपने पैतृक गांव नहीं पहुंच सका. वहीं, अब गोरखनाथ पिता के क्रियाकर्म में शामिल होने के लिए डीटीओ कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.

Gorakhnath revolves around DTO office for permit pass in dhanbad
गोरखनाथ परमिट पास के लिए डीटीओ कार्यालय का काट रहे चक्कर
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Published : Apr 26, 2020, 10:27 AM IST

Updated : May 23, 2020, 8:17 PM IST

धनबाद: जिले में एक पुत्र अपने पिता की अर्थी को कंधा तक ना दे सका और अब ऐसा लगता है कि शायद उस पुत्र को मृत पिता के क्रियाकर्म में शामिल होना भी नसीब में नहीं है.

जिले के बांसजोड़ा के रहने वाले पुत्र गोरखनाथ पेशे में शिक्षक हैं, और उनके पिता की मौत हो गई है. वहीं, जब गोरखनाथ को पिता के मौत की खबर मिली, जिसके बाद उसने डीटीओ कार्यालय में पैतृक आवास यूपी के बलिया जाने के लिए 23 अप्रैल को आवेदन दिया. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया भी पूरी हुई, लेकिन उन्हें इसके लिए स्वीकृति नहीं मिली. यही नहीं अपने पैतृक गांव के मुखिया के जरिए प्रमाणित पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र भी महज दो घंटे के अंदर ऑनलाइन जमा किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अब तक पास नहीं मिला.

ये भी पढ़ें- पलामू: कोरोना पॉजिटिव मरीज का रांची और खूंटी से जुड़ा है तार, मौके पर पंहुची अधिकारियों की टीम

गोरखनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल तो न हो सका लेकिन अब वह अपने पिता की क्रियाकर्म में शामिल होने की कोशिश में है. इसके लिए वह लगातार डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. बता दें कि पूर्व में पास जारी करने के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया था. व्हाट्सएप के जरिए ही पास निर्गत किया जा रहा था. लेकिन फिर बाद में यह व्यवस्था बंद कर वेबसाइट पर आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की गई. मृत्यु और विशेष मेडिकल इमरजेंसी होने पर ही यह पास निर्गत किया जाएगा. लेकिन दुर्भाग्य है कि विशेष परिस्थिति में भी लोगों को पास नहीं मिल पा रहा है.3

धनबाद: जिले में एक पुत्र अपने पिता की अर्थी को कंधा तक ना दे सका और अब ऐसा लगता है कि शायद उस पुत्र को मृत पिता के क्रियाकर्म में शामिल होना भी नसीब में नहीं है.

जिले के बांसजोड़ा के रहने वाले पुत्र गोरखनाथ पेशे में शिक्षक हैं, और उनके पिता की मौत हो गई है. वहीं, जब गोरखनाथ को पिता के मौत की खबर मिली, जिसके बाद उसने डीटीओ कार्यालय में पैतृक आवास यूपी के बलिया जाने के लिए 23 अप्रैल को आवेदन दिया. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया भी पूरी हुई, लेकिन उन्हें इसके लिए स्वीकृति नहीं मिली. यही नहीं अपने पैतृक गांव के मुखिया के जरिए प्रमाणित पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र भी महज दो घंटे के अंदर ऑनलाइन जमा किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अब तक पास नहीं मिला.

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गोरखनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल तो न हो सका लेकिन अब वह अपने पिता की क्रियाकर्म में शामिल होने की कोशिश में है. इसके लिए वह लगातार डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. बता दें कि पूर्व में पास जारी करने के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया था. व्हाट्सएप के जरिए ही पास निर्गत किया जा रहा था. लेकिन फिर बाद में यह व्यवस्था बंद कर वेबसाइट पर आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की गई. मृत्यु और विशेष मेडिकल इमरजेंसी होने पर ही यह पास निर्गत किया जाएगा. लेकिन दुर्भाग्य है कि विशेष परिस्थिति में भी लोगों को पास नहीं मिल पा रहा है.3

Last Updated : May 23, 2020, 8:17 PM IST
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