धनबाद: कुमारधुबी में रेल कॉरिडोर निर्माण को लेकर पूर्व रेलवे ने रेलवे लाईन के आस पास बसे लगभग 250 लोगों को लगातार 5 बार जमीन खाली करने की नोटिस दी है. रेल कॉरिडोर निर्माण होने से क्षेत्र के लगभग 250 घर के लोग विस्थापित हो जाएंगे और सभी को अपना आशियाना उजड़ने का डर पल-पल सता रहा है. लोग इसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से गुहार लगा रहे हैं. सभी राजनीतिक दल विस्थापित हो रहे लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम सभी विकास के बाधक नहीं हैं, लेकिन हमारा कहना है कि कॉरिडोर निर्माण में जितनी जमीन की आवश्यकता हो उतनी ही जमीन ली जाए. पूर्व में रेल विभाग ने 120 मीटर की जमीन मापी की है, जिससे लगभग 250 घर प्रभावित हो रहे हैं.
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अरूप चटर्जी ने रेल जीएम अजय कुमार से की मुलाकात: इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने रेल जीएम अजय कुमार से कोलकाता प्रधान कार्यालय में मुलाकात की. अरूप चटर्जी ने रेल जीएम को वस्तु स्थिति से अवगत कराया और कहा कि कॉरिडोर निर्माण में जितनी जमीन की आवश्यकता हो, उतनी ही जमीन लें. ताकि कुछ लोगों का आशियाना बच सके. इस पर रेल जीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि रेल विभाग द्वारा जमीन का पुनः सर्वे किया जाएगा और जितनी हमें आवश्यकता है उतनी ही जमीन ली जाएगी. कॉरिडोर निर्माण में 35 से 45 मीटर जमीन ली जाएगी, जिसका सर्वे जल्द होगा. रेल जीएम ने यह भी कहा कि कॉरिडोर निर्माण प्रगति पर है और 35 से 45 मीटर में बसे लोग तीन माह के भीतर अपना मकान खाली कर लें.
अरूप चटर्जी ने विस्थापितों को पुनर्वास कराने की मांग की: अरूप चटर्जी ने कहा कि रेल कॉरिडोर निर्माण में जो भी परिवार विस्थापित हो रहे हैं, राज्य सरकार इसकी जिम्मेवारी लेते हुए उन सभी परिवार को मेढा पंचायत के कुमारधुबी के औघड़ डंगाल में सरकारी जमीन पर पुनर्वास कराए.