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ETV Bharat Ground Reporting: देखिए, अवैध खदान की इनसाइड स्टोरी - dhanbad mine accident

धनबाद खदान हादसा अब तक लोगों के जेहन में है जब निरसा में 12 लोग जमींदोज हो गए. भारी संख्या में धनबाद में अवैध खदान हैं, जहां से चोरी-छुपे कोयला निकाला जाता है. जिसमें लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं. अवैध खदान के अंदर से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग में देखिए रूह कंपा देनी वाली पड़ताल.

ETV Bharat Ground Reporting on inside illegal coal mines in Dhanbad
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग
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Published : Feb 22, 2022, 9:24 PM IST

Updated : Feb 22, 2022, 9:50 PM IST

धनबादः पिछले दिनों निरसा में अवैध खनन हादसे में 12 लोगों की मौत की घटना सामने आई थी. इसके अलावा बाघमारा पुलिस अनुमंडल में भी अवैध खनन के दौरान हुए हादसे में भी चार लोगों की मौत हुई. फिर भी धनबाद में अवैध खनन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. अवैध माइंस के अंदर की तश्वीरों से ईटीवी भारत आपको रूबरू करवा रहा है. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग से जानिए खदान के अंदर की स्याह सच.

इसे भी पढ़ें- बीसीसीएल के बंद पड़े खदान में हादसा, अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से मां बेटी की मौत


वैसे तो जिला में अवैध कोयले का कारोबार को लेकर असंख्य अवैध खदान धडल्ले से चल रहे हैं. हम आपको रूबरू करवा रहें हैं बाघमारा पुलिस अनुमंडल के कतरास थाना क्षेत्र में चलने वाले कोयले के अवैध खदान के मुहाने पर. कतरास थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित छाताबाद की बंद पड़ी आउटसोर्सिंग की खदान में अवैध कोयले का उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. एक नहीं बल्कि दर्जन भर मुहाने में अवैध कोयले का उत्खनन किया जा रहा है. एक एक मुहाने के अंदर कोयले की कटाई कर कई मुहाने बना दिए गए हैं. यूं कहें पूरी तरह से जमीन के अंदर से कोयला निकालकर खोखला किया जा रहा है.

संवाददाता नरेंद्र निषाद के साथ देखिए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग
बाहर से एक मुहाना दिखाई पड़ता है लेकिन माइंस के अंदर घुसने के बाद कई मुहाने यहां नजर आ रहे हैं. अगर कहें कि माइंस के अंदर कोयले की कटाई करते हुए कई मुहाने बना दिए गए हैं. धीरे-धीरे यह इसी तरह खोखला होता चला जाएगा. कोयले की कटाई के दौरान बांस और बल्लियों के सहारे माइंस के ऊपरी हिस्से को नीचे से सपोर्ट दिया गया है, यहां इसी तरह सेफ्टी का ख्याल रखा जाता है. जिन स्थानों से भी कोयले की कटाई की गयी है, उन स्थानों पर बांस और बल्लियों को सपोर्टिंग के लिए लगा दिया गया है ताकि ऊपरी हिस्सा नीचे ना गिरे और किसी तरह का हादसा ना हो. लेकिन सिर्फ सुरक्षा यही नहीं होती है, माइंस के अंदर काम करने के कई सुरक्षा के मानक हैं, जो कोयला उत्खनन करने वाली कंपनियां अपने मजदूरों की सुरक्षा के लिए खास ख्याल रखती है. सबसे बड़ी बात कि खतरनाक क्षेत्र घोषित कर बीसीसीएल ने ऐसे मुहानों को बंद कर दिया है. लेकिन फिर भी अवैध उत्खनन यहां धड़ल्ले से जारी है.इलीगल माइंस के अंदर रखी बोरियां इस बात की ओर इशारा कर रही है कि यहां अभी-भी कोयले की अवैध रूप से कटाई की जा रही है. इन बोरियों में कटाई का कोयला भरा हुआ है. कुछ खाली बोरे भी यहां बिखरे पड़े हुए हैं. यह दृश्य बताने के लिए काफी है कि यहां कोयले की कटाई का काम अब भी चल रहा है. यहां लोग थोड़े पैसे के लिए लोग मौत से दो दो हाथ करने में जुटे हैं. कोयले की कटाई में लगे लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है लेकिन कोयले की गाढ़ी कमाई बड़े अवैध कारोबारियों के तिजोरी में चली जाती है. ट्रकों के जरिए यह कोयला बिहार यूपी और बंगाल की मंडियों में खपाया जाता है. पुलिस और सीआईएसएफ की टीम यहां छापेमारी तो करती है लेकिन मुहाने को बंद नहीं करती है. नतीजा ये होता है कि मुहाने के अंदर अवैध रूप से कोयले की कटाई फिर से शुरू हो जाती है.

इसे भी पढ़ें- VIDEO: रांची के बंद खदान में लगी आग, इलाके में मची अफरा तफरी


पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी अवैध खदान के अंदर घुसकर निरीक्षण किया. ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र निषाद जब मुहाने के अंदर कवर कर रहे थे. इस पर विधायक सरयू राय से रहा नहीं गया वो अपने समर्थकों के साथ अवैध खादन स्थल के बाहर निरीक्षण कर रहे थे. लेकिन संवाददाता को अवैध खदान के अंदर रिपोर्टिग की सूचना पर वह भी अंदर प्रवेश कर गए. विधायक सरयू राय ने बातचीत के क्रम में कहा कि यहां का दृश्य अविश्वसनीय है, लोग जो शोर मचा रहें अवैध उत्खनन को लेकर, उसका यह भयावह सच है. सड़क के नीचे खोखला कर सुरंग बनाया जा रहा है, आसपास घनी आबादी है कभी भी कोई बड़ा हादसा यहां हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की विफलता है, मैं मान सकता हूं कि राज्य सरकार के साथ अवैध कोयला कारोवारियों की साठगांठ है. भारत सरकार के सभी तंत्र बीसीसीएल सीआईएसएफ को यह दिखाई नहीं देता है, आम लोग इसे जानते हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार को साफ करना चाहिए कि वो इसे नहीं रोकेंगे तो मालूम होगा कि कौन-कौन से चेहरे इस काम से जुड़े हुए हैं. यह मामला केवल विधानसभा में ही नहीं बल्कि लोकसभा में भी उठनी चाहिए. उन्होंने इस मामले को आगे तक पहुंचाने की बात कही है.

धनबादः पिछले दिनों निरसा में अवैध खनन हादसे में 12 लोगों की मौत की घटना सामने आई थी. इसके अलावा बाघमारा पुलिस अनुमंडल में भी अवैध खनन के दौरान हुए हादसे में भी चार लोगों की मौत हुई. फिर भी धनबाद में अवैध खनन का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. अवैध माइंस के अंदर की तश्वीरों से ईटीवी भारत आपको रूबरू करवा रहा है. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग से जानिए खदान के अंदर की स्याह सच.

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वैसे तो जिला में अवैध कोयले का कारोबार को लेकर असंख्य अवैध खदान धडल्ले से चल रहे हैं. हम आपको रूबरू करवा रहें हैं बाघमारा पुलिस अनुमंडल के कतरास थाना क्षेत्र में चलने वाले कोयले के अवैध खदान के मुहाने पर. कतरास थाना से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित छाताबाद की बंद पड़ी आउटसोर्सिंग की खदान में अवैध कोयले का उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. एक नहीं बल्कि दर्जन भर मुहाने में अवैध कोयले का उत्खनन किया जा रहा है. एक एक मुहाने के अंदर कोयले की कटाई कर कई मुहाने बना दिए गए हैं. यूं कहें पूरी तरह से जमीन के अंदर से कोयला निकालकर खोखला किया जा रहा है.

संवाददाता नरेंद्र निषाद के साथ देखिए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंग
बाहर से एक मुहाना दिखाई पड़ता है लेकिन माइंस के अंदर घुसने के बाद कई मुहाने यहां नजर आ रहे हैं. अगर कहें कि माइंस के अंदर कोयले की कटाई करते हुए कई मुहाने बना दिए गए हैं. धीरे-धीरे यह इसी तरह खोखला होता चला जाएगा. कोयले की कटाई के दौरान बांस और बल्लियों के सहारे माइंस के ऊपरी हिस्से को नीचे से सपोर्ट दिया गया है, यहां इसी तरह सेफ्टी का ख्याल रखा जाता है. जिन स्थानों से भी कोयले की कटाई की गयी है, उन स्थानों पर बांस और बल्लियों को सपोर्टिंग के लिए लगा दिया गया है ताकि ऊपरी हिस्सा नीचे ना गिरे और किसी तरह का हादसा ना हो. लेकिन सिर्फ सुरक्षा यही नहीं होती है, माइंस के अंदर काम करने के कई सुरक्षा के मानक हैं, जो कोयला उत्खनन करने वाली कंपनियां अपने मजदूरों की सुरक्षा के लिए खास ख्याल रखती है. सबसे बड़ी बात कि खतरनाक क्षेत्र घोषित कर बीसीसीएल ने ऐसे मुहानों को बंद कर दिया है. लेकिन फिर भी अवैध उत्खनन यहां धड़ल्ले से जारी है.इलीगल माइंस के अंदर रखी बोरियां इस बात की ओर इशारा कर रही है कि यहां अभी-भी कोयले की अवैध रूप से कटाई की जा रही है. इन बोरियों में कटाई का कोयला भरा हुआ है. कुछ खाली बोरे भी यहां बिखरे पड़े हुए हैं. यह दृश्य बताने के लिए काफी है कि यहां कोयले की कटाई का काम अब भी चल रहा है. यहां लोग थोड़े पैसे के लिए लोग मौत से दो दो हाथ करने में जुटे हैं. कोयले की कटाई में लगे लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है लेकिन कोयले की गाढ़ी कमाई बड़े अवैध कारोबारियों के तिजोरी में चली जाती है. ट्रकों के जरिए यह कोयला बिहार यूपी और बंगाल की मंडियों में खपाया जाता है. पुलिस और सीआईएसएफ की टीम यहां छापेमारी तो करती है लेकिन मुहाने को बंद नहीं करती है. नतीजा ये होता है कि मुहाने के अंदर अवैध रूप से कोयले की कटाई फिर से शुरू हो जाती है.

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पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी अवैध खदान के अंदर घुसकर निरीक्षण किया. ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र निषाद जब मुहाने के अंदर कवर कर रहे थे. इस पर विधायक सरयू राय से रहा नहीं गया वो अपने समर्थकों के साथ अवैध खादन स्थल के बाहर निरीक्षण कर रहे थे. लेकिन संवाददाता को अवैध खदान के अंदर रिपोर्टिग की सूचना पर वह भी अंदर प्रवेश कर गए. विधायक सरयू राय ने बातचीत के क्रम में कहा कि यहां का दृश्य अविश्वसनीय है, लोग जो शोर मचा रहें अवैध उत्खनन को लेकर, उसका यह भयावह सच है. सड़क के नीचे खोखला कर सुरंग बनाया जा रहा है, आसपास घनी आबादी है कभी भी कोई बड़ा हादसा यहां हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की विफलता है, मैं मान सकता हूं कि राज्य सरकार के साथ अवैध कोयला कारोवारियों की साठगांठ है. भारत सरकार के सभी तंत्र बीसीसीएल सीआईएसएफ को यह दिखाई नहीं देता है, आम लोग इसे जानते हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार को साफ करना चाहिए कि वो इसे नहीं रोकेंगे तो मालूम होगा कि कौन-कौन से चेहरे इस काम से जुड़े हुए हैं. यह मामला केवल विधानसभा में ही नहीं बल्कि लोकसभा में भी उठनी चाहिए. उन्होंने इस मामले को आगे तक पहुंचाने की बात कही है.

Last Updated : Feb 22, 2022, 9:50 PM IST
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