धनबादः जिले का महुदा कॉलेज इन दिनों विवादों में है. कॉलेज प्रबंधन पर शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ और छात्र संघ लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं. भ्रष्टाचार और अनियमितता उजागर करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है. नियम विरुद्ध कार्रवाई करने पर कर्मचारी नाराज हैं और गोलबंद होकर प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं.
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आंदोलनकारी शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ और छात्र संघ कॉलेज प्राचार्य और सचिव पर अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं. संघ के नेताओं ने कॉलेज की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितता की जांच की मांग की है. संघ के नेताओं ने कहा कि कॉलेज में हुए अनियमितता की शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से की है और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन मिला है.
अनियमितता की जांच नहीं तो आंदोलन
कॉलेज से निलंबित किये गए व्यख्याता निमाई चंद्रा ने कहा कि भारी अनियमितता बरती गई है. उन्होंने कहा कि नियम के विरुद्ध व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई. जब इस मुद्दे को उजागर किया तो बिना किसी कारण निलंबित कर दिया गया है. छात्र संघ के भोला प्रमाणिक ने कहा कि महुदा कॉलेज एक धरोहर है. लेकिन यह कॉलेज भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. उन्होंने कहा कि कॉलेज प्राचार्य और सचिव मनमानी कर अपने सगे संबंधियों को नियुक्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राचार्य की पत्नी मंजू देवी कभी कॉलेज नहीं आई. लेकिन उसे कर्मी बनाकर रिटायमेंट देकर पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अनियमितता की जांच होनी चाहिए. अगर जांच नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे.
सभी आरोप हैं बेबुनियाद
कॉलेज प्राचार्य श्याम लाल महतो ने कहा कि शिक्षकेत्तर कर्मियों का आरोप बेबुनियाद है. नियम विरुद्ध किसी की नियुक्ति नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि कॉलेज में वित्तीय अनियमितता भी नहीं हुई है. उन्होंने अपनी पत्नी मंजू देवी के बारे में कहा कि वह कॉलेज की कर्मी थी.