धनबादः शादी का प्रलोभन देकर लड़की के साथ दुष्कर्म और गर्भपात कराने के आरोपी नियाज अंसारी को अदलात ने दोषी करार देते हुए आठ साल की जेल और 60 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने दुष्कर्म की धारा 376 में आठ साल और 40 हजार जुर्माना और गर्भपात कराने के लिए धारा 313 के तहत सात साल और 20 हजार रुपये जुर्माना तय किया है.
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एडीजे 12 एसएन मिश्रा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने और साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई है. नियाज अंसारी गोविंदपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उस पर 5 मार्च 2013 को पीड़िता की शिकायत पर गोविंदपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
बहन के नाम पर करवाया गर्भपात
पीड़िता ने अपने 164 के तहत बयान में कहा था कि नियाज अंसारी शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ लगातार शारिरिक संबंध बनाता रहा. इस दौरान सितंबर 2012 में वो 2 महीने की गर्भवती हो गई तो गर्भपात के लिए उसे दवा भी दी. इसके साथ ही बहला फुसलाकर गोविंदपुर के एक निजी अस्पताल में नियाज ने अपनी बहन के नाम पर गर्भपात करा दिया.
शादी से मुकर गया आरोपी
पीड़िता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि गर्भपात के बाद नियाज ने शादी से इनकार कर दिया और धनबाद से भागकर तमिलनाडु चला गया. समाज के लोगों ने दबाव बनाया तो वापस धनबाद पहुंचा और 15 फरवरी 2013 को सामाजिक दबाव के बाद शादी की. लेकिन शादी से करने के बावजूद मुकर गया. इतना ही नहीं, उसके परिजनों ने मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया.
एडीजे 12 की अदालत
लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि एडीजे 12 एसएन मिश्रा ने दुष्कर्म के दोषी को आठ साल जेल और 40 हजार जुर्माने की सजा सुनाया है. इसके साथ ही गर्भपात के मामले सात साल जेल और 20 हजार का जुर्माना लगाया है.