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Dhanbad Drinking Water Problem: समंदर भर की प्यास लिए गुजर गयीं पीढ़ियां, चिरुडीह को आज भी मयस्सर नहीं एक बूंद पानी - झारखंड न्यूज

इस भीषण गर्मी में धनबाद में जल संकट सामने आ रहा है. तोपचांची प्रखंड के चिरुडीह गांव में पीने के पानी की समस्या है. आलम ऐसा है कि दशक बीत गए लेकिन अब तक किसी नुमाइंदे ने इस गांव के जल संकट को दूर करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की. इसको लेकर ग्रामीणों का आक्रोश जनप्रतिनिधियों के प्रति देखा जा रहा है.

Dhanbad drinking water problem in Chirudih village of Topchanchi block
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Published : Apr 23, 2023, 10:11 AM IST

Updated : Apr 23, 2023, 11:36 AM IST

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धनबादः कोयलांचल में भीषण गर्मी और चढ़ता पारा जल संकट की आमद की ओर इशारा कर रहा है. शहरी इलाकों में तो कई तरह की व्यवस्थाएं हैं कि लोगों को पानी मयस्सर है लेकिन उन लोगों का जहां ना कोई जल स्त्रोत है और ना ही प्रशासन की व्यवस्था ही है. धनबाद के तोपचांची प्रखंड के चिरुडीह में पेयजल की समस्या कुछ ऐसी है.

इसे भी पढ़ें- रामगढ़ के कई गांवों में उत्पन्न हुई पेयजल की समस्या, ग्रामीणों का आरोप- रेल सुरंग बनाने की वजह से पानी पहुंचा पाताल

धनबाद जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां आजादी के 75 सालों बाद भी एक चापानल नहीं लग पाया है. करीब 5 किलोमीटर दूरी तय कर सिर पर घड़ा ढोकर महिलाएं पानी लाती हैं. हर दिन उन्हें पथरीले रास्तों से होकर जल के लिए काफी जतन करना होता है. साथ ही साथ लोगों को नहाने के लिये इस गंदे तालाब पर ही निर्भर रहना पड़ता है. यहां पीने से लेकर नहाने तक की पानी की समस्या है. गांव वाले जनप्रतिनिधियों और सरकारी बाबूओं तक से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अबतक इनकी फरियाद सुनी नहीं गई है.

कोयलांचल में भीषण गर्मी के साथ कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है. प्रशासनिक अधिकारी इसको दूर करने की बात भी कह रहे और उपाय भी कर रहे हैं. लेकिन जिले के तोपचांची प्रखंड में एक ऐसा भी गांव है, जहां एक भी चापानल नहीं है. आज तक चिरुडीह गांव में एक भी चापानल के लिए बोरिंग नहीं हुई है. इस गांव में रहने वाले करीब एक दर्जन परिवार पानी की घोर समस्या से हर दिन जूझते हैं.

ग्रामीणों ने कहा कि यहां कई पीढ़ियों से पानी की बहुत समस्या है. गांव में एक भी चापानल नहीं है, सप्लाई पानी भी हफ्ते में एक बार आता है. उससे भी महज 2 से 3 गैलेन पानी मिल पाता है. गांव के लोगों को नहाने के लिये तालाब पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन इस भीषण गर्मी में तालाब भी तेजी से सूख रहा है. तालाब का पानी भी बहुत गंदा है, बीमारी का डर है लेकिन क्या कर सकते हैं क्योंकि पानी तो चाहिए.

पानी की समस्या को दूर करने के लिये पंचायत जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई गयी. लेकिन कभी इनकी फरियाद नहीं सुनी गई. जेएमएम सत्ता पक्ष के टुंडी विधानसभा से विधायक मथुरा महतो हैं लेकिन विधायक भी शायद ही कभी इस गांव में आये हों. पंचायत के मुखिया, सरपंच सभी से समस्या दूर करने को कहा गया लेकिन वोट समय वायदा करते हैं और कभी यहां झांकने तक नहीं आते. गांव वालों की बस इतनी मांग है कि कम से कम एक चापानल, सरकारी कुआं या सप्लाई पानी की ही समुचित व्यवस्था कर दी जाए तो उनको पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सके.

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धनबादः कोयलांचल में भीषण गर्मी और चढ़ता पारा जल संकट की आमद की ओर इशारा कर रहा है. शहरी इलाकों में तो कई तरह की व्यवस्थाएं हैं कि लोगों को पानी मयस्सर है लेकिन उन लोगों का जहां ना कोई जल स्त्रोत है और ना ही प्रशासन की व्यवस्था ही है. धनबाद के तोपचांची प्रखंड के चिरुडीह में पेयजल की समस्या कुछ ऐसी है.

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धनबाद जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां आजादी के 75 सालों बाद भी एक चापानल नहीं लग पाया है. करीब 5 किलोमीटर दूरी तय कर सिर पर घड़ा ढोकर महिलाएं पानी लाती हैं. हर दिन उन्हें पथरीले रास्तों से होकर जल के लिए काफी जतन करना होता है. साथ ही साथ लोगों को नहाने के लिये इस गंदे तालाब पर ही निर्भर रहना पड़ता है. यहां पीने से लेकर नहाने तक की पानी की समस्या है. गांव वाले जनप्रतिनिधियों और सरकारी बाबूओं तक से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अबतक इनकी फरियाद सुनी नहीं गई है.

कोयलांचल में भीषण गर्मी के साथ कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है. प्रशासनिक अधिकारी इसको दूर करने की बात भी कह रहे और उपाय भी कर रहे हैं. लेकिन जिले के तोपचांची प्रखंड में एक ऐसा भी गांव है, जहां एक भी चापानल नहीं है. आज तक चिरुडीह गांव में एक भी चापानल के लिए बोरिंग नहीं हुई है. इस गांव में रहने वाले करीब एक दर्जन परिवार पानी की घोर समस्या से हर दिन जूझते हैं.

ग्रामीणों ने कहा कि यहां कई पीढ़ियों से पानी की बहुत समस्या है. गांव में एक भी चापानल नहीं है, सप्लाई पानी भी हफ्ते में एक बार आता है. उससे भी महज 2 से 3 गैलेन पानी मिल पाता है. गांव के लोगों को नहाने के लिये तालाब पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन इस भीषण गर्मी में तालाब भी तेजी से सूख रहा है. तालाब का पानी भी बहुत गंदा है, बीमारी का डर है लेकिन क्या कर सकते हैं क्योंकि पानी तो चाहिए.

पानी की समस्या को दूर करने के लिये पंचायत जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई गयी. लेकिन कभी इनकी फरियाद नहीं सुनी गई. जेएमएम सत्ता पक्ष के टुंडी विधानसभा से विधायक मथुरा महतो हैं लेकिन विधायक भी शायद ही कभी इस गांव में आये हों. पंचायत के मुखिया, सरपंच सभी से समस्या दूर करने को कहा गया लेकिन वोट समय वायदा करते हैं और कभी यहां झांकने तक नहीं आते. गांव वालों की बस इतनी मांग है कि कम से कम एक चापानल, सरकारी कुआं या सप्लाई पानी की ही समुचित व्यवस्था कर दी जाए तो उनको पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सके.

Last Updated : Apr 23, 2023, 11:36 AM IST
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