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धनबाद सिविल कोर्ट ने सुनाई पूर्व डीएसपी को सजा, नाबालिग से छेड़खानी का मामला

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Published : Apr 7, 2022, 8:35 PM IST

धनबाद सिविल कोर्ट ने पूर्व डीएसपी को सजा सुनाई है. 2019 के एक मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पूर्व डीएसपी को 5 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Former DSP sentenced to 5 years for molesting minor girl in Dhanbad
Former DSP sentenced to 5 years for molesting minor girl in Dhanbad

धनबादः 11 अप्रैल 2019 को तत्कालीन दुमका डीआईजी ऑफिस एडमिन डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत धनबाद के सरायढेला थाना में एक मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में धनबाद सिविल कोर्ट तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद को दोषी करार देते 5 साल और 5 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ें- दुष्कर्म के आरोपी को सजाः 7 साल की जेल, 25 हजार का जुर्माना

नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पूर्व डीएसपी को सजा हुई है. धनबाद सिविल कोर्ट ने नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पूर्व डीएसपी को 5 साल की सजा सुनाई है. सरायढेला कांड संख्या 65/2019 में एडीजे नवम स्पेशल पॉक्सो जज प्रभाकर सिंह की अदालत की ओर से डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान दोषी करार देते हुए 5 साल कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाया गया है. वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह के द्वारा मामले में कुल 7 गवाह अदालत में पेश किए गए थे. दुमका डीआईजी ऑफिस में डीएसपी एडमिन के पद पर तैनात तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ सरायढेला थाना में पोस्को एक्ट के तहत 11 अप्रैल 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर डीएसपी सरिता मुर्मू, महिला थाना प्रभारी मरिसटेला गुड़िया, एएसआई ममता कुमारी ने पीड़ित छात्रा का बयान लिया था. प्राथमिकी में बताया गया था कि छठी क्लास की छात्रा स्कूल जाने के लिए अपने घर से निकली थी. सरायढेला थाना मोड़ के पास सुरेश पासवान उसे मिल गया. छात्रा और सुरेश पासवान की एक दूसरे से जान पहचान थी, छात्रा सुरेश को दादाजी कहकर बुलाती थी. पहले तो सुरेश ने छात्रा के साथ बातचीत की. उसके बाद सुरेश नाबालिग से छेड़खानी करते हुए गलत हरकतें करने लगा. छात्रा के विरोध करने पर सुरेश ने उसे घटना के बारे में किसी को नही बताने की धमकी दी.

छात्रा सुरेश से पीछा छुड़ाकर स्कूल चली गयी. वापस घर लौटने पर वह अपने कमरे में गुमसुम पड़ी थी. वह कमरे के अंदर अकेले रो रही थी. मां के पूछने पर उसने पूरी घटना मा को बता दी थी. जिसके बाद मामले की लिखित शिकायत सरायढेला थाना में की गयी. इसके अगले दिन सुरेश पासवान को पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया. पूछताछ के दौरान ही डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

सुरेश पासवान 1984 बैच का दरोगा था. राज्य अलग होने के बाद कैडर विभाजन के तहत वह झारखंड आया था. प्रमोशन पाकर वह इंस्पेक्टर बना, 25 मई 2015 को सुरेश प्रमोट कर डीएसपी बनाया गया था. आईआरबी-2 मुसाबनी से 28 फरवरी 2019 को सुरेश पासवान का तबादला दुमका डीआईजी कार्यालय में किया गया था. धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र के जगजीवन नगर डॉक्टर कॉलोनी स्थित बीसीसीएल क्वार्टर में रहता था.

धनबादः 11 अप्रैल 2019 को तत्कालीन दुमका डीआईजी ऑफिस एडमिन डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत धनबाद के सरायढेला थाना में एक मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में धनबाद सिविल कोर्ट तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद को दोषी करार देते 5 साल और 5 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई है.

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नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पूर्व डीएसपी को सजा हुई है. धनबाद सिविल कोर्ट ने नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पूर्व डीएसपी को 5 साल की सजा सुनाई है. सरायढेला कांड संख्या 65/2019 में एडीजे नवम स्पेशल पॉक्सो जज प्रभाकर सिंह की अदालत की ओर से डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान दोषी करार देते हुए 5 साल कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाया गया है. वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह के द्वारा मामले में कुल 7 गवाह अदालत में पेश किए गए थे. दुमका डीआईजी ऑफिस में डीएसपी एडमिन के पद पर तैनात तत्कालीन डीएसपी सुरेश प्रसाद पासवान के खिलाफ सरायढेला थाना में पोस्को एक्ट के तहत 11 अप्रैल 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर डीएसपी सरिता मुर्मू, महिला थाना प्रभारी मरिसटेला गुड़िया, एएसआई ममता कुमारी ने पीड़ित छात्रा का बयान लिया था. प्राथमिकी में बताया गया था कि छठी क्लास की छात्रा स्कूल जाने के लिए अपने घर से निकली थी. सरायढेला थाना मोड़ के पास सुरेश पासवान उसे मिल गया. छात्रा और सुरेश पासवान की एक दूसरे से जान पहचान थी, छात्रा सुरेश को दादाजी कहकर बुलाती थी. पहले तो सुरेश ने छात्रा के साथ बातचीत की. उसके बाद सुरेश नाबालिग से छेड़खानी करते हुए गलत हरकतें करने लगा. छात्रा के विरोध करने पर सुरेश ने उसे घटना के बारे में किसी को नही बताने की धमकी दी.

छात्रा सुरेश से पीछा छुड़ाकर स्कूल चली गयी. वापस घर लौटने पर वह अपने कमरे में गुमसुम पड़ी थी. वह कमरे के अंदर अकेले रो रही थी. मां के पूछने पर उसने पूरी घटना मा को बता दी थी. जिसके बाद मामले की लिखित शिकायत सरायढेला थाना में की गयी. इसके अगले दिन सुरेश पासवान को पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया. पूछताछ के दौरान ही डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

सुरेश पासवान 1984 बैच का दरोगा था. राज्य अलग होने के बाद कैडर विभाजन के तहत वह झारखंड आया था. प्रमोशन पाकर वह इंस्पेक्टर बना, 25 मई 2015 को सुरेश प्रमोट कर डीएसपी बनाया गया था. आईआरबी-2 मुसाबनी से 28 फरवरी 2019 को सुरेश पासवान का तबादला दुमका डीआईजी कार्यालय में किया गया था. धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र के जगजीवन नगर डॉक्टर कॉलोनी स्थित बीसीसीएल क्वार्टर में रहता था.

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