धनबादः हजारीबाग से किशोर को अगवा कर बेचने के आरोप में भीड़ ने धनबाद में रेलवे स्टेशन पर एक महिला और लड़की की जमकर पिटाई की. स्टेशन पर भीड़ ने कानून हाथ में लिया और जीआरपी नदारद रही. इससे जीआरपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
ये है मामला
हजारीबाग बाबा पथ हुड़हुडू का रहने वाले राजेश सोनी का 16 साल का बेटा कुणाल सोनी 15 मार्च से लापता है. कुणाल के पिता ने हजारीबाग पुलिस स्टेशन में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है. धनबाद स्टेशन पर कुणाल के होने की सूचना किसी व्यक्ति ने राजेश को दी थी. राजेश धनबाद स्टेशन पहुंचे तो उन्होंने स्टेशन के आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की. सभी ने फोटो देखकर कुणाल के स्टेशन पर दिखने की पुष्टि की. लोगों ने कहा कि सूरज और उसके दो अन्य साथियों के साथ कुणाल भी था. इसके बाद राजेश ने सूरज से कुणाल के बारे में पूछताछ की, फिर पिता राजेश हजारीबाग गए और वहां से हजारीबाग पुलिस के एएसआई सुबोध कुमार को लेकर अपने साथ धनबाद स्टेशन पहुंचे. इसके बाद फिर से पुलिस ने सूरज से पूछताछ की. सूरज ने बताया कि कुणाल फिलहाल पश्चिम बंगाल के आसनसोल में है. इसके बाद पुलिस अधिकारी और राजेश, सूरज व उसके दो साथियों को लेकर बंगाल के आसनसोल गए. कुणाल की तलाश में आसनसोल से दुर्गापुर गए. यहां पता चला कि कुणाल को धनबाद में दे दिया जाएगा. इसके बाद सभी धनबाद पहुंच गए.
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बेकाबू हुई भीड़
राजेश ने बताया कि तीनों बच्चे नाबालिग थे. इसलिए पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. सूरज और उसके साथियों को छोड़ देने के बाद पुलिस और राजेश ने सूरज की मां और एक लड़की को स्टेशन से पकड़ा. देर शाम राजेश के साथ आए अन्य लोग और एएसआई सुबोध कुमार महिला और लड़की से पूछताछ करते रहे पर कोई सुराग नहीं लगा. पूछताछ के दौरान रात हो गई. इसी दौरान राजेश के साथ हजारीबाग से धनबाद पहुंचे लोगों महिला और लड़की को ही बच्चे का अपहरण कर बेचने का जिम्मेदार ठहराते हुए पिटाई कर दी. इस दौरान वहां मौजूद एएसआई सुबोध कुमार कुछ नहीं कर सके और धनबाद जीआरपी ने भी भीड़ को कानून हाथ लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
इधर हजारीबाग के एएसआई सुबोध कुमार ने बताया कि कोई ठोस साक्ष्य महिला के खिलाफ नहीं मिला है. कुणाल के स्टेशन पर होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद यहां पहुंचे थे. साक्ष्य मिलने के बाद ही महिला को गिरफ्तार किया जाएगा.