धनबाद: पिछले दिनों कतरास के नीरज तिवारी और तेतुलमारी के सुनील कुमार चौधरी और रवि ठाकुर को गांजा तस्करी मामले में जांच आगे बढ़ाते हुए गिरफ्तार किया था. इनमें से नीरज तिवारी ने अगस्त माह में कोयला तस्कर राजीव राय को धनबाद एसएसपी किशोर कौशल के आवास पर बुलाया था. नीरज ने राजीव की मुलाकात एसएसपी से कराई थी. यहां एक व्यक्ति के द्वारा चिरंजीत घोष का वोटर आईडी कार्ड दिखाकर उसके बारे में जानकारी जुटाने कहा गया.
बताया गया कि चिरंजीत एक असामाजिक आदमी है. राजीव द्वारा चिरंजीत की पूरी जानकारी जुटाने की बता दी गई. राजीव द्वारा यह बात सीआईडी द्वारा पूछताछ के क्रम में बताई गई है. इसके साथ ही 25 सितंबर 2019 को आसनसोल कोर्ट से पुलिस उसे उठाकर धनबाद एसएसपी के आवास ले आई. एक व्यक्ति का फ़ोटो दिखाते हुए यह कहा गया कि यह मिथुन डे है. पुलिस द्वारा कहा कि गया कि उन्हें यह कहना है कि इसी के कहने पर चिरंजीत घोष द्वारा गांजा तस्करी किए जाने की सूचना दी थी. राजीव राय ने सीआईडी को बताया कि उन्हें बाद में मालूम हुआ कि चिरंजीत निर्दोष है.
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बता दें कि गांजा तस्करी में पुलिस के द्वारा चिरंजीत को जेल भेजे जाने के बाद उसे रिहा कराने के लिए राजीव का बयान लिया था. जिसमें उसने अपने बयान में कहा था कि उसे किसी बंगाल के व्यक्ति ने कोयला तस्करी का लालच देकर चिरंजीत को गांजा व्यवसायी बताने को कहा था. इस कांड में निरसा थाना से निलंबित हो चुके थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह ने सीआईडी को दिए बयान में कहा है कि नीरज तिवारी द्वारा गांजा वाहन के संबंध में सूचना दी गई थी. नीरज के द्वारा रात में व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया गया था. रेडी होने के दौरान नीरज और सुनील थाना पहुंच गए थे. दोनों को लेकर जब मौके पर पहुंची तब रवि ठाकुर वहां पहले से ही मौजूद था. बगल में गांजा लोड वाहन लगा हुआ था. इन चारों के अलावा कोई और मौके पर नही था. सीआईडी गांजा तस्करी में इन तीनो की भूमिका अहम मान रही है. इसके साथ वरीय पुलिस के अधिकारियों से बहुत जल्द सीआईडी की टीम पूछताछ करेगी.
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बता दें कि 25 अगस्त 2019 को निरसा पुलिस ने एक गाड़ी से 39 किलो गांजा बरामद किया था. इस मामले में ईसीएल कोलकर्मी को चिरंजीत घोष को गिरफ्तार कर निरसा पुलिस ने जेल भेज दिया था. 27 दिनों बाद तथ्यों की भूल बताते हुए पुलिस ने न्यायालय को डायरी सौंपी थी. जिसके बाद चिरंजीत जेल से छुटकर बाहर आए थे. इस पूरे प्रकरण में धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल, एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, निरसा के पूर्व थाना प्रभारी उमेश सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है. डीआईजी प्रभात कुमार द्वारा निरसा थाना प्रभारी को इस मामले में पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. इसके साथ ही प्रभात कुमार के द्वारा एसडीपीओ को शोकॉज नोटिस भी भेजा गया था. इस मामले की अब सीआईडी जांच चल रही है.