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सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले, प्रशासन बेखबर - झारखंड न्यूज

धनबाद के निरसा में करोड़ों खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है. लेकिन शौचालयों के निर्माण के बाद से इन्हें इस्तेमाल के लिए शुरू नहीं किया गया है. इनमें ताला लटक रहा है. वहीं, इन शौचालयों को शहर से इतनी दूर बनाया गया है जहां इसे इस्तेमाल करने वाला भी कोई नहीं है.

शौचालयों में लटकता ताला
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Published : Jun 28, 2019, 6:38 PM IST

धनबाद/निरसाः जिले के निरसा विधानसभा अंतर्गत चिरकुंडा नगर परिषद में करोड़ों खर्च कर 8 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. एक शौचालय में अमूमन 25 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. इतने पैसे खर्च करने के बाद भी शौचालयों को उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. अधिकारियों व नगर परिषद प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सभी शौचालयों में ताला लटका रहा है.

देखें पूरी खबर

सभी शौचालयों को संवेदकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से घनी आबादी से दूर बनाया गया है. यही वजह है कि उनका उपयोग न के बराबर होता है. वहीं, चिरकुंडा नगर परिषद, शौचालय निर्माण करा कर अपनी उपलब्धियां गिना रहा है. नगर परिषद के सभी 21 वार्डों में आंकड़ों के मुताबिक 90 फीसदी लोगों के पास शौचालय है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 60 फीसदी लोगों के पास ही शौचालय है. जिसमें सरकारी मदद से बना शौचालय या लोगों द्वारा खुद से निर्मित है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह में युवक ने लगाई फांसी, बदहवास परिजनों ने बताई ये वजह

नगरवासियों की मानें तो शौचालय पिछले 1 साल से बनकर तैयार हैं. मगर उनको अभी तक आम लोगों के लिए चालू नहीं किया गया है. विडंबना यह है कि शौचालय अब टूटने भी लगे है. चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष डब्लू बाउरी ने बताया कि इसके लिए 4 बार टेंडर निकाली गई थी. राशि ज्यादा होने के कारण कोई भी व्यक्ति टेंडर लेने को इच्छुक नहीं है. इसकी राशि कम करके यथाशीघ्र टेंडर निकाला जाएगा और जल्द से जल्द सभी सामुदायिक शौचालय को पुनः चालू कराया जाएगा.

धनबाद/निरसाः जिले के निरसा विधानसभा अंतर्गत चिरकुंडा नगर परिषद में करोड़ों खर्च कर 8 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. एक शौचालय में अमूमन 25 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. इतने पैसे खर्च करने के बाद भी शौचालयों को उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. अधिकारियों व नगर परिषद प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सभी शौचालयों में ताला लटका रहा है.

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सभी शौचालयों को संवेदकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से घनी आबादी से दूर बनाया गया है. यही वजह है कि उनका उपयोग न के बराबर होता है. वहीं, चिरकुंडा नगर परिषद, शौचालय निर्माण करा कर अपनी उपलब्धियां गिना रहा है. नगर परिषद के सभी 21 वार्डों में आंकड़ों के मुताबिक 90 फीसदी लोगों के पास शौचालय है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 60 फीसदी लोगों के पास ही शौचालय है. जिसमें सरकारी मदद से बना शौचालय या लोगों द्वारा खुद से निर्मित है.

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नगरवासियों की मानें तो शौचालय पिछले 1 साल से बनकर तैयार हैं. मगर उनको अभी तक आम लोगों के लिए चालू नहीं किया गया है. विडंबना यह है कि शौचालय अब टूटने भी लगे है. चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष डब्लू बाउरी ने बताया कि इसके लिए 4 बार टेंडर निकाली गई थी. राशि ज्यादा होने के कारण कोई भी व्यक्ति टेंडर लेने को इच्छुक नहीं है. इसकी राशि कम करके यथाशीघ्र टेंडर निकाला जाएगा और जल्द से जल्द सभी सामुदायिक शौचालय को पुनः चालू कराया जाएगा.

Intro:सामुदायिक शौचालय में लटक रहे ताले।


Body:निरसा/ निरसा विधानसभा अंतर्गत चिरकुंडा नगर परिषद में करोड़ों खर्च कर 8 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। एक शौचालय के लागत अमूमन पच्चीस लाख रुपए खर्च की गई है। जो उपयोग में नहीं लाया जा रहा अधिकारियों व नगर परिषद प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सभी शौचालयों में ताला लटका पड़ा है। इसके प्रति किसी की ओर से तनिक भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रहे हैं। सभी शौचालय केवल शोभनीय वस्तु बनकर रह गई है। इतना ही नही सभी शौचालय संवेदको को लाभ पहुंचाने के लिए घनी आबादी से दूर बनाया गया है। जिसका उपयोग न के बराबर है लेकिन चिरकुंडा नगर परिषद शौचालय निर्माण करा कर अपनी उपलब्धियां गिना रहा है। चिरकुंडा नगर परिषद के सभी 21 वार्डों में आंकड़ों के मुताबिक 90% लोगों के पास शौचालय हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 60% लोगों के पास ही शौचालय है। जिसमें सरकारी मदद से बना शौचालय या खुद निर्माण निर्मित है। चिरकुंडा नगर परिषद स्थित कुमारधुबी रेलवे स्टेशन, नेहरू रोड, श्रम कल्याण केंद्र आदि व्यस्त जगह है जहां पूरे दिन लोगों की भीड़ बनी रहती है इन स्थानों पर नगर परिषद द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। नगर परिषद का यह शौचालय पच्चीस लाख रुपया से निर्माण कराया गया है जो कि किसी भी स्थिति में उपयुक्त नहीं है। ऐसे में रात को शौचालय तक पहुंचना सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है।

वही नगर वासियों की मानें तो शौचालय पिछले 1 वर्ष से लेकर पिछले 2 माह पहले तक बनकर तैयार है। मगर शौचालय को अभी तक आम लोगों के लिए चालू नहीं किया गया है विडंबना यह है कि शौचालय का शीशा टूट रहे हैं टाइल्स टूट रहे हैं और रेलिंग भी टूट रहे हैं जिसे कोई देखने वाला नहीं है।

बाइट: नगर परिषद के लोग1,2,3

वही चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष डब्लू बाउरी ने बताया कि इसके लिए चार चार बार टेंडर निकाली गई थी लेकिन राशि ज्यादा होने के कारण कोई भी व्यक्ति टेंडर लेने को इच्छुक नहीं है। इसकी राशि कम करके यथाशीघ्र टेंडर निकाला जाएगा और जल्द से जल्द सभी सामुदायिक शौचालय को पुनः चालू कराया जाएगा।

बाइट: डब्लू बाउरी, चिरकुंडा नगर परिषद अध्यक्ष


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