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जज उत्तम आनंद मौत मामलाः सीएफएसएल के मुख्य वैज्ञानिक ने दर्ज कराया बयान, कहा-जानबूझकर मारी गई थी टक्कर - विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक

एडीजे अष्टम उत्तम आनंद मौत मामले में सोमवार को सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक आमोद कुमार सिंह ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया.इसमें जानबूझकर टक्कर मारे जाने की बात बताई.

Judge Uttam Anand death case
एडीजे अष्टम उत्तम आनंद मौत मामला
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Published : Mar 28, 2022, 10:51 PM IST

धनबादः एडीजे अष्टम उत्तम आनंद मौत मामले में सोमवार को सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक आमोद कुमार सिंह ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया. अदालत में मुख्य वैज्ञानिक आमोद कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने क्राइम सीन प्रोफाइलिंग रिपोर्ट 17 अगस्त 2021 को सीबीआई को सौंपी थी. वह खुद भी क्राइम सीन रीक्रिएशन के सदस्य थे.

ये भी पढ़ें-धनबाद जज मौत मामला: सुराग देने वाले को मिलेंगे अब 10 लाख, CBI ने चिपकाया पोस्टर

अदालत में दर्ज कराए गए बयान में सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज, क्राइम सीन प्रोफाइलिंग, थ्रीडी पिक्चर इमेज एवं साइकोलाजिकल एनालिसिस के बाद यह कहा जा सकता है कि जज को जानबूझकर ऑटो से टक्कर मारी गई थी. इसके बाद अदालत ने सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए 29 मार्च 2022 की तारीख मुकर्रर कर दी.


बता दें कि 28 जुलाई को सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. वे रणधीर वर्मा चौक से महज कुछ दूरी पर थे तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी. अस्पताल ले जाने पर डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. घटना की सीसीटीवी फुटेज आने के बाद प्रशासन रेस हुआ. सीसीटीवी फुटेज में ऐसा लग रहा था जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई है. इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया.

झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई थी. पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने मामले की जांच की थी. इसके बाद चार अगस्त 2021 को सीबीआई को जांच सौंप दी गई. 20 अक्टूबर को सीबीआई ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दी थी.

धनबादः एडीजे अष्टम उत्तम आनंद मौत मामले में सोमवार को सीएफएसएल दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक आमोद कुमार सिंह ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया. अदालत में मुख्य वैज्ञानिक आमोद कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने क्राइम सीन प्रोफाइलिंग रिपोर्ट 17 अगस्त 2021 को सीबीआई को सौंपी थी. वह खुद भी क्राइम सीन रीक्रिएशन के सदस्य थे.

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अदालत में दर्ज कराए गए बयान में सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज, क्राइम सीन प्रोफाइलिंग, थ्रीडी पिक्चर इमेज एवं साइकोलाजिकल एनालिसिस के बाद यह कहा जा सकता है कि जज को जानबूझकर ऑटो से टक्कर मारी गई थी. इसके बाद अदालत ने सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए 29 मार्च 2022 की तारीख मुकर्रर कर दी.


बता दें कि 28 जुलाई को सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. वे रणधीर वर्मा चौक से महज कुछ दूरी पर थे तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी. अस्पताल ले जाने पर डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. घटना की सीसीटीवी फुटेज आने के बाद प्रशासन रेस हुआ. सीसीटीवी फुटेज में ऐसा लग रहा था जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई है. इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया.

झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई थी. पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने मामले की जांच की थी. इसके बाद चार अगस्त 2021 को सीबीआई को जांच सौंप दी गई. 20 अक्टूबर को सीबीआई ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दी थी.

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