धनबाद: बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र के गोंदूडीह कोलियरी में संचालित एक आउटसोर्सिंग कंपनी के पास हुई भू-धंसान की घटना में तीन महिलाएं गोफ में समा गईं थीं. जिसके बाद रविवार से ही रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था. सोमवार देर रात तक तीनों महिलाओं के शवों को बाहर निकाल लिया गया.
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सोमवार को बीसीसीएल के साथ एनडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. देर रात तक महिला के क्षत विक्षत शव निकाले गए. गोफ में समाई महिलाओं के शव जैसे ही बाहर निकाले गए वहां चीख पुकार मच गई. इसके साथ ही मौके पर मौजूद ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया. बीसीसीएल प्रबंधन, सरकार और प्रशासन की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी दिखी.
इस हादसे को लेकर धोबी कुली बस्ती के लोगों का कहना है कि यहां की जमीन पूरी तरह से खोखली हो चुकी है. बीसीसीएल के द्वारा कोयला निकाला जा चुका है, लेकिन पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण हमेशा लोगों के ऊपर खतरा मंडराता रहता है. धोबी कुली में करीब 500 की आबादी है. जिन्हें अब अपनी जान का डर सता रहा है. जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां बीसीसीएल की ट्रांसपोर्टिंग रोड है. इसके साथ ही धोबी कुली बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए भी यह मुख्य सड़क है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी भी बीसीसीएल के द्वारा ट्रांसपोटिंग की जा रही थी. जबकि यह इलाका पूरी तरह से भू-धंसान क्षेत्र है.
बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र के गोंडूडीह कांटा घर से गोंडूडीह माइंस तक जाने वाली मुख्य सड़क पर रविवार को अचानक हुए भू-धंसान में छोटकी बौआ बस्ती की रहने वाली परला देवी, ठंढी देवी और मंदवा देवी गोफ में समा गई थीं. बीसीसीएल की रेस्क्यू जेसीबी मशीन से शुरू की गई थी. सोमवार को एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची. सोमवार की रात रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया.