धनबादः नई दिल्ली के होटल द ललित में मंगलवार को कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने वाली कंपनियों के सीएमडी को पुरस्कार प्रदान किया है. इसके साथ ही वृहद, बड़े, मध्यम और छोटे श्रेणी में वर्ष भर बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को भी पुरस्कृत किया गया. बीसीसीएल को उत्पादन और उत्पादकता की श्रेणी में कंपनी स्तर पर तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है. पुरस्कार वितरण समारोह में कोयला मंत्री ने वर्ष 2022-23 में सुरक्षा, उत्पादन और उत्पादकता, संधारणीयता (सस्टेनेबिलिटी), गुणवत्ता और ईआरपी कार्यान्वयन इन पांच क्षेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली कंपनियों के सीएमडी को पुरस्कृत किया.
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बीसीसीएल के सीएमडी और निदेशक तकनीकी को मिला पुरस्कारः कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के हाथों से कोयला सचिव अमृत लाल मीणा, कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल और कोयला मंत्रालय के अवर सचिव एम नागराजू की उपस्थिति में यह पुरस्कार बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता और निदेशक तकनीकी (संचालन) संजय कुमार सिंह ने प्राप्त किया. इसके साथ ही मध्यम श्रेणी के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बीसीसीएल के लोदना, बस्ताकोला, कुसुंडा और बलॉक-II क्षेत्रों के महाप्रबंधकों को भी कोयला मंत्री द्वारा ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र के साथ सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार लोदना क्षेत्र से बीके सिन्हा, बस्ताकोला से निर्झर चक्रवर्ती, कुसुंडा से वीके गोयल और ब्लॉक-II से चितरंजन कुमार ने प्राप्त किया है.
कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से संगोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजनः बता दें कि कोयला मंत्री पुरस्कार 2022-23 के लिए इस पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा एक “भूमिगत कोयला खनन-सतत ऊर्जा सुरक्षा के लिए आगे का रास्ता” विषय पर एक संगोष्ठी और प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था. बीसीसीएल की ओर से इस प्रदर्शनी में मुनीडीह में संचालिच ‘मोनोरेल सिस्टम’और ‘नाइट्रोजन प्लांट’ के मॉडल का प्रदर्शन किया गया था. कोयला मंत्री, कोयला सचिव और कोल इंडिया के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य अतिथियों ने बीसीसएल द्वारा प्रदर्शित मॉडल और लगाए गए स्टाल की सराहना की.
कोयला से आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा साकारः संगोष्ठी-सह-पुरस्कार वितरण समारोह में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में कोयला की भूमिका महत्वपूर्ण है. कोल इंडिया ने इस वर्ष रिकॉर्ड उत्पादन किया है और आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा. हमें उत्पादन को बढ़ा कर देश का कोयला आयात कम करना है.
भूमिगत कोयला के उत्पादन पर जोरः वहीं कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि मिशन कोकिंग कोल के साथ भूमिगत उत्पादन को बढ़ावा देना होगा. उन्होंने विशेष रूप से झरिया का उल्लेख करते हुए कहा कि बीसीसीएल झरिया की आग को बुझाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित पुनर्वास करते हुए अग्नि-प्रभावित क्षेत्र से कोयला का उत्पादन भी कर रहा है. अप्रैल 2023 तक बीसीसीएल ने इस क्षेत्र से 41 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया है. जिसका बिक्री मूल्य लगभग 14 हजार करोड़ रुपए है. झरिया मास्टर प्लान के तहत बीसीसीएल के प्रयास सराहनीय है.
कोल इंडिया का उत्पादन बढ़ने से कोयला का आयात हुआ कमः वहीं कोल इंडिया अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया का उत्पादन बढ़ने से देश का कोयला आयात कम हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि भूमिगत कोयला खनन को बढ़ाना होगा. क्याोंकि कोयला की उच्च गुणवत्ता के साथ ही भूमिगत खनन से पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है. संगोष्ठी के अवसर पर कोल इंडिया द्वारा तैयार भूमिगत खनन से संबंधित विजन दस्तावेज का भी विमोचन किया गया. निदेशक(तकनीकी) बी वीरा रेड्डी ने कहा कि कोल इंडिया अपने उत्पादन के 10 % तक भूमिगत खनन से करने में सक्षम है.
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प्रदर्शनी के लिए बीसीसीएल की ओर से मॉडल तैयार करने वाली टीम -
- मनीष कुमार-प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), बीसीसीएल
- अनुराग कुमार-सहायक प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), बीसीसीएल
- विजय कुमार-सहायक प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), इंदु
- गौतम कुमार नायक-सहायक फोरमैन, बीसीसीएल
- बलदेव भगत-सहायक फोरमैन, बीसीसीएल
- अशोक गोराई-इलेक्ट्रीशियन, इंदु