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चिटफंड मामले में अरुप चटर्जी की जमानत याचिका रद्द, बंगाल पुलिस ने की प्रोडक्शन वारंट की अपील

रांची में एक निजी न्यूज चैनल के मालिक अरुप चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मामला चिटफंड से जुड़ा है.

Arup Chatterjee bail plea canceled
Arup Chatterjee bail plea canceled
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Published : Jul 21, 2022, 3:23 PM IST

धनबादः केयर विजन चिटफंड मामले में अरुप चटर्जी की जमानत याचिका धनबाद सीजीएम ने खारिज कर दिया है. निजी न्यूज चैनल के मालिक अरुप चटर्जी फिलहाल धनबाद जेल में बंद हैं. गुरुवार को जमानत याचिका पर सीजीएम कोर्ट में हुई सुनावाई में उनके पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता शाहनवाज ने अपना पक्ष रखा. जबकि सरकारी वकील विकास कुमार ने जमानत का विरोध किया. एक अन्य मामले में बंगाल पुलिस ने भी अरुप चटर्जी का प्रोडक्शन वारंट देने की अपील की है.


दरअसल 19 जुलाई को हाई कोर्ट द्वारा आरोपी को राकेश ओझा से रंगदारी मांगने के मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस ने कोर्ट में आवेदन देकर पुराने गबन के एक मामले में अरूप चटर्जी को रिमांड करने की मांग की. जिसके आधार पर अदालत ने अरूप चटर्जी को पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के आलोक में जेल प्रशासन ने उन्हें कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया.

प्राथमिक लोयाबाद के रहने वाले मनोज पंडित की शिकायत पर केयर ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टर अरूप चटर्जी और राकेश सिन्हा के विरुद्ध पुटकी थाना कांड संख्या 91/18 दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार कंपनी ने लुभावने स्किम का प्रलोभन देकर कंपनी में रुपया जमा करने का प्रचार किया और लोगों का रुपया कंपनी में जमा करवाने लगा. मनोज भी कंपनी का एजेंट था.

जिसने कंपनी के प्रलोभन में आकर कई लोगों का पैसा कंपनी में जमा करवाया. जब कंपनी में काफी रुपया जमा हो गया तो कंपनी पैसा लौटाने में आना-कानी करने लगी और बैंक मोड़ स्थित ऑफिस को बंद कर भाग गई. मनोज ने आरोप लगाया था कि कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक ने लोगों से करीब 9 लाख रुपया गबन करने के उद्देश्य से जमा करवाया और कंपनी बंद करके भाग गई.

धनबादः केयर विजन चिटफंड मामले में अरुप चटर्जी की जमानत याचिका धनबाद सीजीएम ने खारिज कर दिया है. निजी न्यूज चैनल के मालिक अरुप चटर्जी फिलहाल धनबाद जेल में बंद हैं. गुरुवार को जमानत याचिका पर सीजीएम कोर्ट में हुई सुनावाई में उनके पक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता शाहनवाज ने अपना पक्ष रखा. जबकि सरकारी वकील विकास कुमार ने जमानत का विरोध किया. एक अन्य मामले में बंगाल पुलिस ने भी अरुप चटर्जी का प्रोडक्शन वारंट देने की अपील की है.


दरअसल 19 जुलाई को हाई कोर्ट द्वारा आरोपी को राकेश ओझा से रंगदारी मांगने के मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस ने कोर्ट में आवेदन देकर पुराने गबन के एक मामले में अरूप चटर्जी को रिमांड करने की मांग की. जिसके आधार पर अदालत ने अरूप चटर्जी को पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के आलोक में जेल प्रशासन ने उन्हें कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया.

प्राथमिक लोयाबाद के रहने वाले मनोज पंडित की शिकायत पर केयर ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टर अरूप चटर्जी और राकेश सिन्हा के विरुद्ध पुटकी थाना कांड संख्या 91/18 दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार कंपनी ने लुभावने स्किम का प्रलोभन देकर कंपनी में रुपया जमा करने का प्रचार किया और लोगों का रुपया कंपनी में जमा करवाने लगा. मनोज भी कंपनी का एजेंट था.

जिसने कंपनी के प्रलोभन में आकर कई लोगों का पैसा कंपनी में जमा करवाया. जब कंपनी में काफी रुपया जमा हो गया तो कंपनी पैसा लौटाने में आना-कानी करने लगी और बैंक मोड़ स्थित ऑफिस को बंद कर भाग गई. मनोज ने आरोप लगाया था कि कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक ने लोगों से करीब 9 लाख रुपया गबन करने के उद्देश्य से जमा करवाया और कंपनी बंद करके भाग गई.

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