धनबादः आलोक तुलस्यान हत्याकांड में सात साल बाद पीड़ितों को इंसाफ मिला है. आरोपी अंकित सिंह को न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायधीश पंचम राजकुमार मिश्रा की अदालत ने फैसला सुनाया. न्यायालय ने अंकित सिंह को सबूतों के आधार पर गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया. आरोपी की गिरफ्तारी हाल ही में हुई थी.
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मामला सरायढेला थाना क्षेत्र अंतर्गत नवंबर 2014 का है. आलोक तुलस्यान व अंकित सिंह दोनो काफी अच्छे दोस्त थे. दोनों की मुलाकात राउरकेला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हुई थी.
इंजीनियर बनने के बाद दोनों का चयन बीसीसीएल में अच्छे पद पर हुआ था. इसके बाद भी आलोक कैट की पढ़ाई कर रहा था. अंकित को यह बात गले से नहीं उतर रही थी.
एक दिन पार्टी के दौरान अंकित आलोक के पास गया और उसका पैर पकड़कर दीवार में उसका सिर दे मारा. इस घटना में आलोक का सिर तीन टुकड़े में बंट गया.
दोस्त ने दोस्त की ली जान
घटना के दूसरे दिन ही आलोक की मौत हो गई थी. आलोक के पिता ने सरायढेला थाने में अंकित के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने बाद में जांच व सबूतों के आधार पर गैर इरादतन हत्या की प्राथमिकी अंकित पर दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया.
विगत सात वर्षों से आलोक के माता पिता इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे थे. बताया जाता है कि पहले कभी आलोक व अंकित दोस्ती की मिसाल थे. एक साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. नौकरी भी साथ साथ एक ही जगह मिली. न जाने अंकित के मन में कब द्वेष की भावना जागृत हुई और वह दोस्त का ही दुश्मन बन बैठा.