धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड में आरोपी झरिया बीजेपी विधायक संजीव सिंह की अदालत में पेशी हुई. आरोपी विधायक के साथ-साथ अन्य आरोपियों की भी पेशी हुई. अदालत में 34वें गवाह के रूप में जौनपुर के रहनेवाले धीरज कुमार गुप्ता की गवाही हुई. धीरज गुप्ता जौनपुर में सहज जनसेवा केंद्र के संचालक हैं.
संजीव सिंह के अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि अनुसंधानकर्ता (इंवेस्टिगेशन पुलिस ऑफिसर) ने अपने अनुसंधान में यह बातें लिखी थी, कि 24 मार्च 2017 को हत्याकांड का एक आरोपी पंकज सिंह द्वारा जौनपुर में धीरज गुप्ता के सेवा केंद्र से हावड़ा से वाराणसी के लिए एक टिकट बुक कराया गया था. 21 मार्च को नीरज सिंह समेत पांच लोगों की हत्या की घटना के बाद तथाकथित शूटर धनबाद से कोलकाता चले गए थे. लाइजनर के रूप में काम कर रहे पंकज सिंह 24 मार्च को उन शूटरों को कोलकाता से लेकर वाराणसी गए थे.
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अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि धीरज गुप्ता ने अदालत में यह गवाही दी कि वह किसी पंकज नाम के व्यक्ति को नहीं जानता है. उसने जौनपुर के ही रहने वाले बच्चू नामक व्यक्ति का 24 मार्च के लिए टिकट बुक किया था. जो कि उसकी विवरणी में मौजूद है. अधिवक्ता ने बताया कि पंकज सुल्तानपुर का रहनेवाला है. उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ता के द्वारा यह कहा गया था कि पंकज की टिकट धीरज गुप्ता ने ही बनायी थी, लेकिन धीरज ने अदालत में यह गवाही दी कि वह किसी पंकज नाम के व्यक्ति को नही जानता.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, जल्द हो केस का निष्पादन
नीरज हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी पिछले दो तारीख से अदालत में गवाही देने नहीं पहुंच पा रहे हैं. गुरुवार को उनके गवाही की तीसरी तारीख थी. अधिवक्ता मो. जावेद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि इस मामले का त्वरित निष्पादन हो. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी को इस केस की अहम कड़ी बताया. उनके द्वारा यह बताया गया था कि श्रावणी मेला में अनुसंधानकर्ता के चले जाने से त्वरित निष्पादन में कठिनाई खड़ी हो सकती है. अधिवक्ता ने बताया कि अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी ने केस का हवाला देकर श्रवणी मेला में पदस्थापन रुकवा ली, लेकिन सरायढेला के साइबर थाना में रहते हुए भी वह गवाही देने से भागे भागे फिर रहे हैं.