धनबाद: बीसीसीएल एरिया 05 के बांसजोड़ा साकार माइंस जॉइन्ट वेंचर डेको कंपनी आउटसोर्सिंग स्थल में बीते दिन सोमवार को अजीत नाम के युवक की मौत हो गई थी. कंपनी में चलने वाली वोल्वो वाहन संख्या 207 ने बैक करने के दौरान युवक को अपनी चपेट में ले लिया था, जिसमें युवक की मौत हो गई थी. अब इस मामले को बीसीसीएल आउटसोर्सिंग कंपनी छुपाने का प्रयास कर रही है. घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद कंपनी ने घटना की जानकारी ना पुलिस को दी थी और ना ही परिजनों को. मामले में आज आजसू जिला अध्यक्ष मंटू महतो ने स्टील गेट दुर्गा मंदिर में प्रेसवार्ता कर जांच की मांग की है. वहीं, बीसीसीएल आउटसोर्सिंग कंपनी पर युवक की मौत को छुपाने और घटना को अन्य रूप देने का आरोप लगाया है.
आजसू ने लगाए ये आरोप: आजसू जिला अध्यक्ष ने कहा कि एक सिंडिकेट कंपनी में काम करता है, जो इस तरह के घटना को छुपाने का काम करता है. उन्होंने कहा कि 10 नंबर सिम में घटना हुई थी जबकि, उक्त स्थल पर गैर बीसीसीएल कर्मी नहीं जा सकता है. अगर कोई गैर बीसीसीएल कर्मी वहां था तो वह कैसे पहुंचा. कंपनी में अवैध कोयला कारोबार चलाने का आरोप भी लगाया गया है. आजसू अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि जिला प्रशासन, बीसीसीएल और पुलिस की मदद से अवैध माइनिंग चल रही है. युवक की मौत मामले में जांच नहीं होती है तो पीआईएल दायर करेंगे. भ्रष्टाचार चरम पर है, चारों तरफ लूट मची हुई है. बता दें कि कंपनी के प्रबंधक व मालिक की मिलीभगत और सीआईसी की सांठगांठ से इन दिनों कंपनी चलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी हो रही है, जिसके कारण उक्त घटना घटी है.
दिनदहाड़े हजारों टन कोयले की चोरी: बताया जा रहा है कि दुर्घटना के बाद बिना प्रशासन को सूचना दिए घायल युवक को कंपनी के प्रबंधक एवं कर्मचारी इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच (SNMMCH Dhanbad) ले जा रहे थे और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी. परियोजना से बाइक और टेंपो से प्रतिदिन हजारों टन दिनदहाड़े कोयले की चोरी हो रही है, जिसके कारण प्रतिदिन आउटसोर्सिंग कंपनियों के गुर्गों की ओर से लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है. सूचना है कि इस उत्खनन परियोजना से कोयला चोरी कर 22/12 स्थित जोगता थाना क्षेत्र के शंभु नाम के व्यक्ति के अवैध कोयला डिपो. 22/12 स्थित अवैध नमक फैक्ट्री और तेतुलमारी थाना क्षेत्र के एक अवैध कोयला डिपो में पहुंचाया जा रहा है, जहां से कोयला जमा कर फर्जी कागज के जरिए बनारस मंडी और डेहरी कोयला मंडी के पहुंचाया जा रहा है.