धनबादः कार्य मे कोताही बरतने पर पीएमसीएच प्रबंधन सख्त रवैया अपना रही है. प्रबंधन ने अपने दो लैब टेक्नीशियन को शो कॉज किया है. दोनों टेक्नीशियन द्वारा सही से सेंपल नहीं लिया गया था, जिसके बाद उन्हें शो कॉज किया गया है. पीएमसीएच से दर्जनभर सैंपल 8 मार्च को एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजे गए थे. एमजीएम के डॉक्टरों द्वारा करीब आधा दर्जन सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया था.
भेजे गए सैंपल सही से नहीं लिए जाने की शिकायत एमजीएम के डॉक्टरों ने की थी. डॉक्टरों का कहना था कि सैंपल देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी नॉन टेक्निकल व्यक्ति ने इस सैंपल को लिया हो. वहीं लैब टेक्नीशियन ने सफाई देते हुए कहा है कि सैंपल लेने के समय मरीजों द्वारा सहयोग नहीं किया गया था. इस कारण सैंपल में दिक्कत आई है.
बता दें कि सैंपल रिजेक्ट होने की बाद दोबारा उन मरीजों का सैंपल लिया गया, जिसके बाद यह सैंपल फिर से एमजीएम के लिए भेजा गया. सैंपल में आई दिक्कतों के कारण मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. गुरुवार को जिस युवक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है दरअसल वह आसनसोल से अपने घर आने के बाद वह 8 अप्रैल को पीएमसीएच जांच के लिए पहुंचा था.
स्क्रीनिंग के दौरान युवक में बुखार पाया गया था. यहां सेंपल भी लिया गया. इस सेंपल को जमशेदपुर के डॉक्टरों ने रिजेक्ट कर दिया. डॉक्टरों का कहना था कि सेंपल ठीक से नहीं लिया गया है.
इसके बाद दूसरा सेंपल 11 अप्रैल को लिया गया. इस युवक के सेंपल सही से न लेने के कारण ही विलंब हुआ. जांच में युवक के संक्रमण के लक्षण पाए गए थे. 8 अप्रैल को डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में भर्ती होने को कहा गया था, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने भी ध्यान नही दिया. अस्पताल से युवक सीधे अपने घर चला गया.
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11 अप्रैल को भी पीएमसीएच ने फिर लापरवाही बरती. युवक को डॉक्टरों ने भर्ती रहने के लिए कहा गया,लेकिन यहां फिर डॉक्टरों ने ध्यान नही दिया.वह फिर अपने घर चला गया. 11 अप्रैल को सेंपल संदिग्ध आने के बाद स्वास्थ्य विभाग आनन फानन में युवक और उसके पांचों परिजनों को पकड़कर पीएमसीएच में लायक भर्ती कराया.
14 अप्रैल को तीसरी दफा फिर युवक का सैंपल लिया गया, जिसे पीएमसीएच के माइकोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया. 16 अप्रैल की शाम को युवक का चौथा सेंपल लिया गया.
पीएमसीएच और जमशेदपुर दोनों जगहों पर युवक के सेंपल की जांच की गई. इस तरह से लापरवाही के कारण युवक और उसके परिजनों को इतने दिन झेलना पड़ा.