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नीरज सिंह हत्याकांड: चार शूटर समेत 6 आरोपियों को अदालत ने किया रिहा

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Published : Sep 12, 2022, 9:34 PM IST

धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड (Neeraj Singh murder case) के एक मामले में कोर्ट ने चार शूटर समेत 6 लोगों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. अधिवक्ता मो. जावेद ने कहा कि पुलिस के द्वारा मामले में कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया. जिसके बाद आरोपियों को अदालत ने रिहा किया है. (Acquitted six accused in Neeraj Singh murder case)

acquitted six accused in Neeraj Singh murder case
acquitted six accused in Neeraj Singh murder case

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड से जुड़े एक मामले में अदालत ने जेल में बंद छह आरोपियों को सोमवार को रिहा कर (Acquitted six accused in Neeraj Singh murder case) दिया है. जिसमें चार शूटर और दो अन्य आरोपी हैं. शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली, शिबू उर्फ सागर, चंदन सिंह उर्फ सतीश इन चार शूटरों को रिहा किया गया है. इसके साथ ही दो अन्य आरोपी मुन्ना उर्फ डब्लू मिश्रा और पंकज सिंह को अदालत ने रिहा किया है. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष बड़ा की अदालत ने सभी आरोपियों को रिहा किया है.

ये भी पढ़ें- नीरज सिंह हत्याकांड: पूर्व विधायक संजीव सिंह की कोर्ट में पेशी के दौरान बिगड़ी तबीयत, नहीं दर्ज हो सका सफाई बयान


बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो. जावेद ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस के द्वारा मामले में कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया. जिसके बाद सभी छह आरोपियों को अदालत ने रिहा किया है. अधिवक्ता ने बताया कि सरायढ़ेला थाना क्षेत्र के कुसुम विहार के उम्दा निवास में नीरज सिंह की हत्या की साजिश रचने, रेकी करने को लेकर पुलिस के द्वारा 30 मार्च 2017 को सरायढ़ेला थाना में नीरज हत्याकांड से जोड़कर मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उस वक्त राम प्रवेश कुमार दण्डाधिकारी की नियुक्ति में सामानों को जब्त किया गया था. 23 मार्च 2017 को उम्दा निवास के मालिक सह रिटायर्ड साइंटिस्ट राम आहलाद राय ने पुलिस को यह सूचना दी थी कि मुन्ना जी नाम के एक व्यक्ति द्वारा उनका मकान किराया पर लिया गया था. पूरी जांच पड़ताल के बाद 30 मार्च 2017 को पुलिस ने नीरज हत्याकांड में शूटरों को मकान में ठहरने, हत्या की साजिश रचने व रैकी करने का मामला दर्ज किया था.


अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि नीरज सिंह हत्याकांड (Neeraj Singh murder case) का यह बेसिक केस है. इस मामले में अभियोजन पक्ष कोई भी गवाह अदालत में प्रस्तुत नहीं कर सका. जिसके बाद अदालत ने सभी छह आरोपियों को सोमवार को रिहा कर दिया है.



21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज की हत्या: धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों को हमलावरों ने 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भून दिया था. हमला उस वक्त हुआ, जब नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास जा रहे थे. नीरज सिंह की गाड़ी जैसे ही स्टील गेट पहुंच कर ब्रेकर पर धीमी हुई, हमलावरों ने तीनों तरफ से उन्हें घेर लिया. जब तक नीरज सिंह कुछ समझ पाते हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी. एक के बाद एक 100 राउंड फायरिंग की. सरेआम हुए इस हमले में उनके निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. शव के पोस्टमार्टम में नीरज के शरीर से 17 गोली निकाली गई थीं. नीरज के शरीर में गोलियों से 67 छेद हो गए थे. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम के अनुसार 7-8 गोलियां नीरज के शरीर के आर-पार हो गई थीं.

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड से जुड़े एक मामले में अदालत ने जेल में बंद छह आरोपियों को सोमवार को रिहा कर (Acquitted six accused in Neeraj Singh murder case) दिया है. जिसमें चार शूटर और दो अन्य आरोपी हैं. शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली, शिबू उर्फ सागर, चंदन सिंह उर्फ सतीश इन चार शूटरों को रिहा किया गया है. इसके साथ ही दो अन्य आरोपी मुन्ना उर्फ डब्लू मिश्रा और पंकज सिंह को अदालत ने रिहा किया है. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष बड़ा की अदालत ने सभी आरोपियों को रिहा किया है.

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बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो. जावेद ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस के द्वारा मामले में कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया. जिसके बाद सभी छह आरोपियों को अदालत ने रिहा किया है. अधिवक्ता ने बताया कि सरायढ़ेला थाना क्षेत्र के कुसुम विहार के उम्दा निवास में नीरज सिंह की हत्या की साजिश रचने, रेकी करने को लेकर पुलिस के द्वारा 30 मार्च 2017 को सरायढ़ेला थाना में नीरज हत्याकांड से जोड़कर मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उस वक्त राम प्रवेश कुमार दण्डाधिकारी की नियुक्ति में सामानों को जब्त किया गया था. 23 मार्च 2017 को उम्दा निवास के मालिक सह रिटायर्ड साइंटिस्ट राम आहलाद राय ने पुलिस को यह सूचना दी थी कि मुन्ना जी नाम के एक व्यक्ति द्वारा उनका मकान किराया पर लिया गया था. पूरी जांच पड़ताल के बाद 30 मार्च 2017 को पुलिस ने नीरज हत्याकांड में शूटरों को मकान में ठहरने, हत्या की साजिश रचने व रैकी करने का मामला दर्ज किया था.


अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि नीरज सिंह हत्याकांड (Neeraj Singh murder case) का यह बेसिक केस है. इस मामले में अभियोजन पक्ष कोई भी गवाह अदालत में प्रस्तुत नहीं कर सका. जिसके बाद अदालत ने सभी छह आरोपियों को सोमवार को रिहा कर दिया है.



21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज की हत्या: धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों को हमलावरों ने 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भून दिया था. हमला उस वक्त हुआ, जब नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास जा रहे थे. नीरज सिंह की गाड़ी जैसे ही स्टील गेट पहुंच कर ब्रेकर पर धीमी हुई, हमलावरों ने तीनों तरफ से उन्हें घेर लिया. जब तक नीरज सिंह कुछ समझ पाते हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी. एक के बाद एक 100 राउंड फायरिंग की. सरेआम हुए इस हमले में उनके निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. शव के पोस्टमार्टम में नीरज के शरीर से 17 गोली निकाली गई थीं. नीरज के शरीर में गोलियों से 67 छेद हो गए थे. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम के अनुसार 7-8 गोलियां नीरज के शरीर के आर-पार हो गई थीं.

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