ETV Bharat / state

खिलौने बनाकर चीन को चुनौती दे रहीं देवघर की महिलाएं, देश के दूसरे राज्यों को भी कर रहीं सप्लाई - आत्मनिर्भर बन रही देवघर की महिलाएं

देवघर के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खिलौने बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. माना जाता है कि खिलौना इंडस्ट्री में चीन की बादशाहत है. लेकिन अब देवघर की महिलाएं ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहीं बल्कि अपने हुनर से चीन को भी चुनौती दे रहीं हैं. महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर घर में ही टेडी बियर, गुड़िया और कई बेहतरीन खिलौने बनाने शुरू किए हैं. इससे उन्हें हर दिन 500-600 रुपये की आमदनी हो रही हैं. महिलाओं का कहना है कि पहले हमारे पास कोई काम नहीं होता था लेकिन खिलौनों का यह कारोबार धीरे-धीरे हमें आत्मनिर्भर बना रहा है. खिलौने बेचकर अच्छी कमाई हो रही है.

Women of Deoghar are making toys
खिलौने बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं देवघर की महिलाएं
author img

By

Published : Feb 27, 2021, 7:08 PM IST

Updated : Feb 27, 2021, 9:33 PM IST

देवघर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही महीने पहले खिलौना निर्माण के काम को विकसित करने का आह्वान किया था. देवघर के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने पीएम के संदेश को आत्मसात किया और घरों में खिलौने बनाकर अपने पैरों पर खड़ी हो रहीं हैं. महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर घर में ही टेडी बियर, गुड़िया और कई बेहतरीन खिलौने बनाने शुरू किए हैं. इससे उन्हें रोजाना 500-600 रुपये की आमदनी हो रही है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: धनबाद के प्रेमचंद ने आपदा को अवसर में बदला, नौकरी छूटी तो फूलों की खेती से बदली तकदीर

दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे खिलौने

गांव में निर्मित खिलौनों को बाजार उपलब्ध कराना बड़ी समस्या है. लेकिन, इसमें झारखंड आजीविका मिशन की तरफ से इन्हें पूरी मदद की जा रही है. इनके सहयोग से खिलौने और दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं. मोहनपुर क्लस्टर की 12 दीदी हर दिन 20 से 25 खिलौने बनाकर 500 से 600 रुपये घर बैठे कमा रहीं हैं.

आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ातीं महिलाएं

महिलाओं का कहना है कि पहले हमारे पास कोई काम नहीं होता था लेकिन खिलौनों का यह कारोबार हमें धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बना रहा है. खिलौने बेचने से अच्छी कमाई हो रही है. पहले घर के काम के बाद बैठे रहते थे. आत्मतनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ातीं इन महिलाओं को लोकल फॉर वोकल की तर्ज पर स्थानीय स्तर पर प्रोत्साहित करने की जरूरत है. अगर ऐसा हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब खिलौना बनाने का यह धंधा बड़े उद्योग की शक्ल अख्तियार कर लेगा.

देवघर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही महीने पहले खिलौना निर्माण के काम को विकसित करने का आह्वान किया था. देवघर के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने पीएम के संदेश को आत्मसात किया और घरों में खिलौने बनाकर अपने पैरों पर खड़ी हो रहीं हैं. महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर घर में ही टेडी बियर, गुड़िया और कई बेहतरीन खिलौने बनाने शुरू किए हैं. इससे उन्हें रोजाना 500-600 रुपये की आमदनी हो रही है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: धनबाद के प्रेमचंद ने आपदा को अवसर में बदला, नौकरी छूटी तो फूलों की खेती से बदली तकदीर

दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे खिलौने

गांव में निर्मित खिलौनों को बाजार उपलब्ध कराना बड़ी समस्या है. लेकिन, इसमें झारखंड आजीविका मिशन की तरफ से इन्हें पूरी मदद की जा रही है. इनके सहयोग से खिलौने और दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं. मोहनपुर क्लस्टर की 12 दीदी हर दिन 20 से 25 खिलौने बनाकर 500 से 600 रुपये घर बैठे कमा रहीं हैं.

आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ातीं महिलाएं

महिलाओं का कहना है कि पहले हमारे पास कोई काम नहीं होता था लेकिन खिलौनों का यह कारोबार हमें धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बना रहा है. खिलौने बेचने से अच्छी कमाई हो रही है. पहले घर के काम के बाद बैठे रहते थे. आत्मतनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ातीं इन महिलाओं को लोकल फॉर वोकल की तर्ज पर स्थानीय स्तर पर प्रोत्साहित करने की जरूरत है. अगर ऐसा हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब खिलौना बनाने का यह धंधा बड़े उद्योग की शक्ल अख्तियार कर लेगा.

Last Updated : Feb 27, 2021, 9:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.